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11 अरब की डील चाहते हैं गुटेनबर्ग

९ फ़रवरी २०११

जर्मन रक्षा मंत्री कार्ल थियोडोर सु गुटेनबर्ग भारत की दो दिवसीय यात्रा पर हैं. 11अरब डॉलर के सैन्य समझौते के लिए गुटेनबर्ग यूरोपीय लड़ाकू विमान यूरोफाइटर का जबरदस्त प्रचार कर रहे हैं.

यूरोफाइटरतस्वीर: AP

बुधवार को बैंगलौर में हो रहे एयरो इंडिया हवाई जहाज प्रदर्शनी में गुटेनबर्ग ने यूरोपीय लड़ाकू विमान यूरोफाइटर का प्रचार किया. प्रदर्शनी में यूरोपीय हवाई कंपनी ईएडीएस की शाखा कासिडियन यूरोफाइटर को पेश कर रही है. कंपनी के प्रतिनिधियों का कहना है कि यूरोफाइटर के लिए अच्छा मौका है और भारतीय अधिकारी यूरोफाइटर से काफी खुश हैं.

11 अरब की लॉटरी किसकी?

भारत सरकार इस साल लड़ाकू विमानों की तलाश में है और इसके लिए 11 अरब डॉलर की राशि तय की गई है. अगर यूरोफाइटर डील हासिल कर लेता है तो ईएडीएस और जर्मन सरकार के लिए यह फायदेमंद होगा क्योंकि इससे जर्मन रक्षा बजट पर बोझ कम हो जाएगा. इस वक्त ईएडीएस जर्मन सेना को 37 विमान देना चाहता है लेकिन अधिकारी अब इन विमानों की जरूरत नहीं है. यूरोफाइटर ने बैंगलोर में अपना शोध केंद्र खोल लिया है और 2012 तक इसमें 250 लोगों को काम पर लगाया जाएगा.

सु गुटेनबर्गतस्वीर: dapd

यही नहीं, गुटेनबर्ग अपने दौरे में यूरोप के सारे विमान उत्पादकों को साथ लाना चाहते हैं क्योंकि अगले पांच वर्षों में भारत 50 अरब रुपये मूल्य के हथियार खरीदना चाहता है और अपनी सेना को आधुनिक बनाना चाहता है. भारत अगर यूरोफाइटर के साथ समझौता करता है तो जर्मनी, स्पेन, ब्रिटेन और इटली सहित यूरोफाइटर देशों का पार्टनर बन जाएगा. चारों देशों ने मिलकर अब तक 620 विमानों का ऑर्डर दिया है.

भारत के साथ चलेंगे

गुटेनबर्ग ने कहा, "जाहिर है कि भारत एक शानदार बाजार है और हम भी साथ आना चाहते हैं." इसके बाद गुटेनबर्ग ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की. गुटेनबर्ग ने कहा, प्रधानमंत्री से बात करने के बाद साफ हो गया है कि जर्मनी पार्ट्नर के तौर पर भारत के लिए प्राथमिकता रखता है. साथ ही उन्होंने अफगानिस्तान में भारत की भूमिका की तारीफ की. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य बनने के लिए इस साल दोनों देश अपनी बात साथ सामने रखेंगे.

मंदी का इलाज भारत

जाहिर है कि दुनिया भर में लड़ाकू विमान बनाने वाली कंपनियां भारत सरकार को खुश करने की जबरदस्त कोशिश में हैं. पिछले साल नवंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने अपने भारत दौरे में इसी समझौते के सिलसिले में अमेरिकी कंपनियां बोइंग और लॉकहीड मार्टिन का प्रचार किया था. उनके साथ कंपनी प्रतिनिधि भी भारत आए थे. आर्थिक मंदी के बाद धीरे धीरे उभरती अर्थव्यवस्था के लिए भारत जैसे देश के साथ एक अरबों डॉलर का डील यूरोप और अमेरिका के लिए एक वरदान साबित हो सकता है. यूरोपीय कंपनियों में ईएडीएस के अलावा फ्रांस की दासो राफाले विमान का प्रदर्शन कर रही है. रूस अपने मिग-35, बोइंग अपना एफ/ए 18 सुपर होर्नेट, और साब ग्रीपेन विमानों के साथ दिखाई देंगे.

रिपोर्टः रॉयटर्स/एमजी

संपादनः ए जमाल

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