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11 मई को "आने वाले" भूकंप से रोम में हड़कंप

८ मई २०११

अगर आने वाले बुधवार यानी 11 मई को आप रोम में हों और शहर कुछ ज्यादा ही खामोश लगे, तो इसकी वजह भूकंप की चेतावनी या अफवाह होगी. रोम के लोग एक डर के साये में जी रहे हैं कि 11 मई को वहां भयंकर भूकंप आना है.

Pacifists stage a protest against the ongoing war in Libya, in Rome, Saturday, April 2, 2011. A few thousand pacifists are rallying in Rome's Piazza Navona to protest the NATO-led military intervention against Libya leader Moammar Gadhafi's forces. The protesters were listening to speeches Saturday and waving rainbow-colored anti-war flags. Organizers of the rally included Emergency, a non-governmental organization whose Italian founder, Dr. Gino Strada, runs clinics in war-ravaged countries including Afghanistan. (AP Photo/Andrew Medichini)
तस्वीर: AP

इस डर से हजारों लोग शहर छोड़ कर जा रहे हैं. माना जा रहा है कि इस भूकंप की भविष्यवाणी एक स्वर्गवासी भूकंपविज्ञानी ने की थी. इस भविष्यवाणी को लेकर महीनों से इटली की वेबसाइटों, ब्लॉग और सोशल नेटवर्क पर बहस छिड़ी हुई है. कहा जा रहा है कि भूकंपविज्ञानी रफाएले बेनदांदी ने 11 मई को रोम में बड़े भूकंप की भविष्यवाणी की थी.

घबराए हुए हैं लोग

देश के सरकारी टीवी आरएआई ने खास कार्यक्रमों के जरिए यह बताने की कोशिश की है कि लोग बेवजह घबराएं नहीं. नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने भी बयान जारी कर लोगों को समझाने की कोशिश की है कि वैज्ञानिक आधार पर भूकंप की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती.

तस्वीर: AP

लेकिन लोगों पर कोई खास असर नहीं हो रहा है. बार में काम करने वाले फबियो मेंग्राएली कहते हैं, "मैं तो अपने बॉस को कह दूंगा कि मुझे डॉक्टर के पास जाना है और मुझे उस दिन छुट्टी चाहिए. अगर मरना ही है तो मैं अपने बच्चों और पत्नी के साथ मरना चाहूंगा. और मेरे जैसे बहुत से लोग ऐसा ही करेंगे."

एक होटल में शेफ तान्या कोतोरबाइ कहती हैं कि वह भी उस दिन छुट्टी ले लेंगी. उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि मैं इसमें वाकई यकीन करती हूं या नहीं लेकिन आप इंटरनेट देखें तो आपको हर पहलू का पता चलेगा. और इसका असर आपके ऊपर होना तय है."

कौन हैं बेनदांदी

रोम के लोगों के जहन में अभी 2009 के ला अकीला के भूकंप की यादें ताजा हैं जिसमें 300 लोग मारे गए थे. उस वक्त भी एक वैज्ञानिक जियामपाओलो जिउलियानी को लेकर विवाद हुआ था. जिउलियानी ने लोगों को भूकंप की चेतावनी देने की कोशिश की थी लेकिन अधिकारियों का कहना था कि उनकी बताई जगह सटीक नहीं थी.

बेनदांदी की मौत 1979 में हुई थी. तब वह 86 साल के थे. उनका मानना था कि भूकंप ग्रहों, चंद्रमा और सूर्य की एक साथ हरकत का नतीजा है, इसलिए भविष्यवाणी संभव है.

1923 में उन्होंने सेंट्रल आड्रियाटिक इलाके में 2 जनवरी 1924 के भूकंप का पूर्वानुमान लगाया. उनका अनुमान गलत निकला, लेकिन सिर्फ दो दिन बाद सचमुच भूकंप आया.

इसके बाद वह मशहूर हो गए. 1927 में बेनदांदी को फासिस्ट शासक बेनितो मुसोलिनी ने नाइटहुड से नवाजा था. उनके सिद्धांतों पर दुनियाभर में रिसर्च हुई.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः उभ

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