12 लाख वर्ग मील का समुद्री पार्क बनाएगा ऑस्ट्रेलिया
१४ जून २०१२ये ऑस्ट्रेलिया के कुल जल क्षेत्र के एक तिहाई हिस्से के बराबर होगा. इस परियोजना के बाद मछलियों की 4,000 प्रजातियां संरक्षित हो सकेंगी. अब तक ऑस्ट्रेलिया का केवल 3 लाख 10 हजार मील का इलाका ही संरक्षित है. पर्यावरण और वन्य जीवन बचाने में जुटी संस्था डब्ल्यूडब्ल्यूएफ का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया के इस कदम से दूसरे देशों को भी समुद्री जीवों के संरक्षण की प्रेरणा मिलेगी.
ऑस्ट्रेलिया ने यह एलान जलवायु पर ब्राजील में इस साल होने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन रियो-20 से पहले किया है. सालों की योजना और मेहनत के बाद इसकी रूपरेखा तैयार की गई है. ऑस्ट्रेलिया के पर्यावरण मंत्री टोनी बर्के ने इस बारे में कहा है, "अब वक्त आ गया है जब दुनिया को समुद्री जैव विविधता की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए. और ऑस्ट्रेलिया इस बारे में सबसे आगे है. समुद्री पार्कों का ये नेटवर्क इस बात को सुनिश्चित करने के लिए है कि हमारे समुद्रों की जैव विविधता बनी रहे." ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड भी रियो दे जेनेरो में होने वाले इस सम्मेलन में शामिल होंगी.
इस नेटवर्क के बन जाने के बाद समुद्री पार्कों की तादात 27 से बढ़कर 60 हो जाएगी. इन पार्कों में नीली व्हेल, हरा कछुआ और भूरे रंग वाली सार्क का संरक्षण किया जाता है. अब सवाल उठ रहा है समुद्र के किनारे पाए जाने वाले तेल और गैस के खनन को लेकर. यूनेस्को पहले ही ये चेतावनी जारी कर चुका है कि समुद्र में बढ़ते यातायात की वजह से ऑस्ट्रेलिया का ग्रेट बैरियर रीफ खतरे में है. ऑस्ट्रेलियाई संरक्षण संस्था ने समुद्री पार्क बनाने का स्वागत किया है और इसे 'ऐतिहासिक' बताया है. लेकिन यह भी कहा है कि कुछ इलाके अभी भी खतरे में है. वाइल्डरनेस सोसायटी का कहना है, ''ये पहला कदम है. इससे साफ है कि समुद्री पार्कों को स्थापित किया जाना चाहिए.''
लेकिन ऑस्ट्रेलियाई मछुआरे इसका विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि इससे समुद्र के सहारे जिंदगी चलाने वाले प्रभावित होंगे और इससे करीब दो अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर के व्यापार का घाटा होगा. ऑस्ट्रेलियाई मैरीन एलायंस का विश्लेषण है कि इन पार्कों के बनने के बाद 60 क्षेत्रीय समुदाय प्रभावित होंगे. 36 हजार लोग नौकरी गवांएगे और 70-80 के बीच ट्रॉलर ट्रांसपोर्टर विस्थापित हो जाएंगे. सरकार ने मछली उद्योग को इसके बदले में 10 करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का अनुदान देने का एलान किया है. कहा जा रहा है कि सरकार इस साल के अंत तक इस बारे में औपचारिक घोषणा कर देगी.
वीडी/ओएसजे (एएफपी, एपी)