कश्मीर में 370 हटने के बाद 144 नाबालिग हिरासत में लिए गए थे
२ अक्टूबर २०१९
जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट की किशोर न्याय समिति ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे में बदलाव के बाद 144 नाबालिगों को हिरासत में लिया गया था. 142 को छोड़ दिया गया है.
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जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट की किशोर न्याय समिति ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को समाप्त करने के बाद 9 से 17 की उम्र के 144 किशोरों को हिरासत में लिया गया था. इनमें से 142 किशोरों को छोड़ा जा चुका है. दो अभी भी किशोर सुधार गृह में बंद हैं.
न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक इनमें एक नौ साल का बच्चा भी शामिल था. इनमें शामिल 60 बच्चों की उम्र 15 साल से भी कम है. ये जानकारी जम्मू कश्मीर पुलिस और दूसरी सरकारी एजेंसियों द्वारा दी गई. बाल अधिकार कार्यकर्ता एनाक्षी गांगुली और सांथा सिन्हा की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट की किशोर न्याय समिति को किशोर बच्चों को हिरासत में लिए जाने के मामले पर रिपोर्ट देने को कहा था.
इस समिति के अध्यक्ष जस्टिस अली मोहम्मद मागरे ने अधीनस्थ न्यायालयों और एजेंसियों से इस मामले में रिपोर्ट तलब की थी. रिपोर्ट में जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक ने जवाब दिया, "पुलिस द्वारा किसी भी बच्चे को गैरकानूनी रूप से हिरासत में नहीं लिया गया. जिन किशोरों को हिरासत में लिया गया है वो किशोर न्याय अधिनियम के तहत ही लिए गए हैं." इस समिति ने कहा कि समिति के पास किसी किशोर को अवैध तरीके से हिरासत में लिए जाने की शिकायत नहीं आई है. समिति ने बताया कि हाईकोर्ट में कुछ हाबिअस कॉरपस याचिकाएं आई थीं जिनमें हिरासत में लिए गए बच्चों के बारे में बताया गया था.
जम्मू कश्मीर पुलिस महानिदेशक ने अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी कि किशोरों के मामलों के लिए एडिशनल डीजीपी रैंक के एक अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. जिला स्तर पर एक अधिकारी की नियुक्ति के साथ ये भी सुनिश्चित किया गया है कि हर पुलिस थाने में एक अधिकारी हो जो किशोरों के मामलों के लिए तैनात हो. अगर कोई भी किशोर कानून तोड़ने की कोशिश करता है तो कानून के हिसाब से उस पर कड़ी कार्रवाई के आदेश भी दिए गए हैं.
पिछले सप्ताह सरकार ने पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत गिरफ्तार किए गए चार नाबालिगों में से एक को बरेली जेल से रिहा कर दिया है. ये कश्मीरी किशोर करीब सात सप्ताह तक बरेली जेल में बंद था. इस किशोर के घरवालों ने जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट में यह याचिका लगाई थी कि इस किशोर की उम्र गलत बताकर उसे हिरासत में लिया गया है. अनंतनाग जिलाधीश की तरफ से 8 अगस्त को जारी किए गए आदेशों में इस किशोर की उम्र 22 साल बताई गई थी और इसे जैश ए मोहम्मद का कार्यकर्ता बताया गया था. 25 सितंबर को सरकार ने इस किशोर के ऊपर से पीएसए हटा लिया और रिहा कर दिया.
संयुक्त राष्ट्र संघ की मानवाधिकार शाखा की प्रमुख वेरोनिका मिशेल बैचेलेट ने पिछले महीने कहा था कि वे भारत प्रशासित कश्मीर में भारत सरकार द्वारा लिए गए हालिया फैसलों के बाद कश्मीरियों के मानवाधिकारों के लिए चिंतित हैं.
आजादी के बाद से ही कश्मीर मुद्दा भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में एक फांस बना हुआ है. कश्मीर के मोर्चे पर कब क्या क्या हुआ, जानिए.
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1947
बंटवारे के बाद पाकिस्तानी कबायली सेना ने कश्मीर पर हमला कर दिया तो कश्मीर के महाराजा ने भारत के साथ विलय की संधि की. इस पर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हो गया.
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1948
भारत ने कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में उठाया. संयुक्त राष्ट्र ने प्रस्ताव 47 पास किया जिसमें पूरे इलाके में जनमत संग्रह कराने की बात कही गई.
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1948
लेकिन प्रस्ताव के मुताबिक पाकिस्तान ने कश्मीर से सैनिक हटाने से इनकार कर दिया. और फिर कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया.
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1951
भारतीय कश्मीर में चुनाव हुए और भारत में विलय का समर्थन किया गया. भारत ने कहा, अब जनमत संग्रह का जरूरत नहीं बची. पर संयुक्त राष्ट्र और पाकिस्तान ने कहा, जनमत संग्रह तो होना चाहिए.
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1953
जनमत संग्रह समर्थक और भारत में विलय को लटका रहे कश्मीर के प्रधानमंत्री शेख अब्दुल्लाह को गिरफ्तार कर लिया गया. जम्मू कश्मीर की नई सरकार ने भारत में कश्मीर के विलय पर मुहर लगाई.
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1957
भारत के संविधान में जम्मू कश्मीर को भारत के हिस्से के तौर पर परिभाषित किया गया.
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1962-63
चीन ने 1962 की लड़ाई भारत को हराया और अक्साई चिन पर नियंत्रण कर लिया. इसके अगले साल पाकिस्तान ने कश्मीर का ट्रांस काराकोरम ट्रैक्ट वाला हिस्सा चीन को दे दिया.
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1965
कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान का युद्ध हुआ. लेकिन आखिर में दोनों देश अपने पुरानी पोजिशन पर लौट गए.
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1971-72
दोनों देशों का फिर युद्ध हुआ. पाकिस्तान हारा और 1972 में शिमला समझौता हुआ. युद्धविराम रेखा को नियंत्रण रेखा बनाया गया और बातचीत से विवाद सुलझाने पर सहमति हुई.
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1984
भारत ने सियाचिन ग्लेशियर पर नियंत्रण कर लिया, जिसे हासिल करने के लिए पाकिस्तान कई बार कोशिश की. लेकिन कामयाब न हुआ.
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1987
जम्मू कश्मीर में विवादित चुनावों के बाद राज्य में आजादी समर्थक अलगाववादी आंदोलन शुरू हुआ. भारत ने पाकिस्तान पर उग्रवाद भड़काने का आरोप लगाया, जिसे पाकिस्तान ने खारिज किया.
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1990
गवकदल पुल पर भारतीय सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 100 प्रदर्शनकारियों की मौत. घाटी से लगभग सारे हिंदू चले गए. जम्मू कश्मीर में सेना को विशेष शक्तियां देने वाले अफ्सपा कानून लगा.
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1999
घाटी में 1990 के दशक में हिंसा जारी रही. लेकिन 1999 आते आते भारत और पाकिस्तान फिर लड़ाई को मोर्चे पर डटे थे. कारगिल की लड़ाई.
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2001-2008
भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की कोशिशें पहले संसद पर हमले और और फिर मुबई हमले समेत ऐसी कई हिंसक घटनाओं से नाकाम होती रहीं.
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2010
भारतीय सेना की गोली लगने से एक प्रदर्शनकारी की मौत पर घाटी उबल पड़ी. हफ्तों तक तनाव रहा और कम से कम 100 लोग मारे गए.
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2013
संसद पर हमले के दोषी करार दिए गए अफजल गुरु को फांसी दी गई. इसके बाद भड़के प्रदर्शनों में दो लोग मारे गए. इसी साल भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मिले और तनाव को घटाने की बात हुई.
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2014
प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ गए. लेकिन उसके बाद नई दिल्ली में अलगाववादियों से पाकिस्तानी उच्चायुक्त की मुलाकात पर भारत ने बातचीत टाल दी.
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2016
बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में आजादी के समर्थक फिर सड़कों पर आ गए. अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और गतिरोध जारी है.
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2019
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 46 जवान मारे गए. इस हमले को एक कश्मीरी युवक ने अंजाम दिया. इसके बाद परिस्थितियां बदलीं. भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बना हुआ है.
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2019
22 जुलाई 2019 को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने दावा किया की भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर मुद्दे को लेकर मध्यस्थता करने की मांग की. लेकिन भारत सरकार ने ट्रंप के इस दावे को खारिज कर दिया और कहा कि कश्मीर का मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय बातचीत से ही सुलझेगा.
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2019
5 अगस्त 2019 को भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक संशोधन विधेयक पेश किया. इस संशोधन के मुताबिक अनुच्छेद 370 में बदलाव किए जाएंगे. जम्मू कश्मीर को विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा. लद्दाख को भी एक केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा. धारा 35 ए भी खत्म हो गई है.