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175 करोड़ रुपये का चंदा

१२ सितम्बर २०१०

ब्रिटिश म्यूजियम उस वक्त हक्का बक्का रह गया, जब उसे एक साथ 25 मिलियन पाउंड यानी लगभग 175 करोड़ रुपये का चंदा मिल गया. म्यूजियम को नई इमारत के लिए सेन्सबरी फर्म ने चंदा दिया.

तस्वीर: AP

ब्रिटेन में यह अब तक का सबसे बड़ा चंदा माना जा रहा है. सेन्सबरी जनरल स्टोर के मालिक 82 साल के जॉन सेन्सबरी ने यह चंदा अस्थायी प्रदर्शनी के लिए दिया है. ब्रिटिश म्यूजियम इंग्लैंड का सबस मशहूर अजायबघर है.

म्यूजियम प्रवक्ता ने कहा, "यह बेहद उदार कदम है. यह हमें सिर्फ एक साल के फायदे के लिए दिया गया चंदा नहीं है. यह पूरे राष्ट्र के धरोहरों को अगली पीढ़ी तक सुरक्षित रखने के लिए दिया गया चंदा है."

तस्वीर: picture-alliance/dpa

ब्रिटेन सरकार ने हाल ही में एलान किया है कि म्यूजियम और इस तरह की संस्थाओं के लिए सरकारी खर्चे में भारी कटौती की जाएगी. अगले महीने ब्रिटेन की सरकार इसका एलान करने वाली है.

ब्रिटिश म्यूजियम को अपनी अस्थायी प्रदर्शनी वाले जगह के लिए साढ़े 12 करोड़ पाउंड की जरूरत है, जिसमें से 20 प्रतिशत सरकार देगी. बाकी उसे चंदा करके जमा करना है.

सेन्सबरी का लंबे वक्त से कला के प्रति लगाव रहा है और 1991 में लंदन के नेशनल गैलरी का एक हिस्सा भी उनके नाम है. वह 1969 से 1992 तक सेन्सबेरी के चेयरमैन रहे हैं. उसके बाद से उन्हें हाउस ऑफ लॉर्ड्स की सदस्यता दे दी गई है.

ब्रिटिश म्यूजियम 1753 में खोला गया था. उसे दुनिया के सबसे प्रमुख अजायबघरों में गिना जाता है. पिछले साल 50 लाख से ज्यादा लोगों ने ब्रिटिश म्यूजियम देखा.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः एन रंजन

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