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18 हजार भारतीयों को लीबिया से हटाया जाएगा

२३ फ़रवरी २०११

तुर्की, जर्मनी, फ्रांस ब्रिटेन, मिस्र सहित एशियाई देशों के नागरिक भी लीबिया छोड़ रहे हैं. भारत अपने 18 हजार लोगों को वहां से हटाने की तैयारी में जुटा. वहीं तुर्की के तीन हजार नागरिक दो जहाजों से देश लौट रहे हैं.

तस्वीर: dapd

भारत 18 हजार भारतीय नागरिकों को लीबिया में जारी अस्थिरता और हिंसा के मद्देनजर वहां से तुरंत हटाना चाहता है. भारत के विदेश मंत्रालय की योजना है कि भारतीय नागरिकों को लाने के लिए हवाई जहाज और जहाज भेजने से पहले 13 हजार नागरिकों को तुंरत लीबिया से ट्यूनिशिया भेज दिया जाए और बाकियों को पूर्वी लीबिया में. मंगलवार को खबर आई कि प्रदर्शनों के दौरान हुई मुठभेड़ में एक भारतीय नागरिक मारा गया.

जर्मनी,फ्रांस,ब्रिटेन

जर्मनी के विदेश मंत्री गिडो वेस्टरवेले ने लीबिया में रह रहे सभी नागरिकों को लौटने की सलाह दी और मंगलवार सुबह साढ़े तीन सौ जर्मन नागरिकों को यहां की वायुसेना और लुफ्थांसा के विमान से लाया गया. वहीं तुर्की के तीन हजार नागरिक दो जहाज़ों में अपने देश की ओर रवाना हो गए हैं. ग्रीस भी जहाज से अपने नागरिकों को वापस लाएगा. जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल ने कड़े शब्दों में कहा है कि अगर लीबिया अपने नागरिकों के खिलाफ हिंसा नहीं रोकता तो उस पर कार्रवाई की जा सकती है और प्रतिबंधों पर भी विचार किया जा सकता है.

ब्रिटेन, फ्रांस, मिस्र भी अपने नागरिकों को लीबिया छोड़ने के लिए कह चुके हैं. फ्रांस की विदेश मंत्री मिशेले आलियोट मारी ने कहा, लीबिया में हो रही हिंसा के मद्देनजर फ्रांसीसी नागरिकों की सुरक्षा के लिए सरकार ने फैसला लिया है कि उन सभी को वापस बुला लिया जाएगा जिनका वहां रहना जरूरी नहीं है.

लीबिया की राजधानी त्रिपोली की ओर फ्रांस की वायुसेना के तीन हवाई जहाज भेजे गए हैं ताकि नागरिक लौट सकें. फ्रांस के विदेश मंत्रालय के मुताबिक लीबिया में पांच सौ से साढ़े पांच सौ फ्रांसीसी रह रहे हैं.

मिस्र को मुश्किल

ब्रिटेन ने भी अपने नागरिकों को बुलाने के लिए चार्टर फ्लाइट भेजने की बात रही है. मिस्र के विदेश मंत्री अब्दुल घाइत का कहना है कि लीबिया में रह रहे 15 लाख मिस्र के नागरिकों को देश बुलाने में मुश्किल हो रही है. विदेश मंत्रालय ने नागरिकों को वापस लाने के लिए वायुसेना के हवाई जहाज भेजने के लिए अनुरोध किया था लेकिन उन्हें लीबिया में उतरने की अनुमति नहीं मिली.

इटली के भी करीब डेढ़ हज़ार नागरिक लीबिया में फंसे हुए हैं. रूस ने अपने 563 नागरिकों को लाने के लिए चार हवाई जहाज भेज दिए हैं. इनमें से अधिकतर गैस कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी हैं और राजनयिकों के परिवार. सोमवार रात को करीब तीन हजार ट्यूनीशियाई नागरिकों ने धीबा और बेन जेर्डन की सीमा पार की. ट्यूनीशिया के करीब तीस हजार नागरिक लीबिया में रहते हैं.

कनाडा, बोस्निया, जापान, नीदरलैंड्स, दक्षिण कोरिया, स्पेन ने भी या तो अपने नागरिकों को लीबिया छोड़ने के सलाह दी है.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः एन रंजन

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