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2जी: प्रधानमंत्री ने जेपीसी की घोषणा की

२२ फ़रवरी २०११

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह संसद में अपने एक बयान में 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के गठन की घोषणा की. बीजेपी ने स्वागत किया. विपक्ष के हंगामे की वजह से शीतकालीन सत्र में ठप रहा काम.

तस्वीर: UNI

प्रधानमंत्री ने जेपीसी गठन की घोषणा करते हुए कहा कि वे विपक्ष को जेपीसी के लिए अवरोध खड़े करने से नहीं रोक सके. वामदलों ने कहा है कि सरकार को जेपीसी गठन की घोषणा के लिए बधाई देने की जरूरत नहीं है क्योंकि उसने सिर्फ अपना फर्ज निभाया है. वामपंथी दलों ने इसे देर आए दुरुस्त आए करार दिया है. भारतीय जनता पार्टी नेता सुषमा स्वराज ने कहा है कि यह किसी एक पक्ष की जीत या हार की बात नहीं है बल्कि लोकतंत्र की जीत है.

तस्वीर: AP

मोबाइल लाइसेंस के लिए 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले के सामने आने के बाद से और कैग रिपोर्ट में अनुमानित नुकसान 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपये बताए जाने के बाद से ही विपक्ष ने सरकार पर दबाव बनाया हुआ है. विपक्ष के दबाव के चलते ए राजा को टेलीकॉम मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा. मामले की जांच अब सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई कर रही है.

सरकारी सूत्रों का कहना है कि जेपीसी में ज्यादा से ज्यादा दलों को शामिल करने की कोशिश की जाएगी. अगर संयुक्त संसदीय समिति का आकार छोटा रखा जाता है तो उसमें ज्यादा से ज्यादा 7 या 9 पार्टियों को ही जगह मिल पाएगी. वैसे संसद में कुल 37 पार्टियां हैं.

सूत्रों के मुताबिक अगर जेपीसी में 30 सांसदों को रखा जाता है तो उसमें 20 सांसद लोकसभा से और 10 राज्यसभा से आएंगे. अगर कमेटी में 21 सदस्य होते हैं तो 14 लोकसभा से और 7 राज्यसभा से होंगे. 2जी घोटाले की जांच से असंतुष्ट विपक्ष संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने पर अड़ा रहा. संसद का शीतकालीन सत्र सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव की भेंट चढ़ गया. संसद के बजट सत्र के भी हंगामेदार होने की आशंका जताई जा रही थी लेकिन अब सरकार ने जेपीसी के लिए हामी भर दी है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: वी कुमार

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