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2जी स्पेक्ट्रम में टाटा को राहत

२ जून २०११

सीबीआई ने कहा है कि टाटा टेलीकॉम को 2जी स्पेक्ट्रम के तहत जो लाइसेंस दिए गए हैं, वे गैरकानूनी नहीं हैं. सीबीआई ने एक अर्जी का जवाब दिया, जिसमें 2जी घोटाले में रतन टाटा को आरोपी बनाने की मांग की गई.

तस्वीर: UNI

सीबीआई ने दिल्ली की एक खास अदालत को बताया कि टाटा टेलीकॉम को 2008 के 2जी घोटाले से कोई फायदा नहीं हुआ है. एक बयान में सीबीआई ने कहा, "हमने मामले की जांच की है. टाटा टेलीकॉम को लाइसेंस देने में कोई अनियमितता नहीं मिली हैं." अदालत ने 2जी घोटाले में अनिल अंबानी, नीरा राडिया और डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि की पत्नी दयालू अम्माल को भी आरोपी बनाने की मांग को खारिज कर दिया.

विशेष सीबीआई जज ओपी सैनी ने शिकायत दर्ज करने के लिए दिल्ली के पत्रकार एम फुरकान और धर्मेंद्र पांडे पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया. उन्होंने कहा, "इन अर्जियों में एक तो कोई खास बात नहीं है. साथ ही यह कानून के खिलाफ है और इन्हें जुर्माने के साथ खत्म करना होगा क्योंकि यह किसी तीसरे पक्ष द्वारा दर्ज किए गए हैं जिससे अदालत का वक्त जाया हुआ है." जज सैनी ने फिर दोनों आवेदकों से कहा कि वे गुरुवार से लेकर तीन दिन के अंदर जु्र्माने की भरपाई करें नहीं तो उनके खिलाफ वारंट जारी किए जाएंगे.

ए राजा गिरफ्तारतस्वीर: picture alliance/dpa

धर्मेंद्र पांडे ने अर्जी दी थी जिसमें उसने मांग की कि रतन टाटा को 2जी घोटाले में नीरा राडिया के साथ आरोपी बनाया जाए क्योंकि उन्हें इस घोटाले से फायदा हुआ है. नीरा राडिया सीबीआई के लिए गवाह हैं और 2008 में उनके फोन को टैप किया गया था. भारत के पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा के अलावा कनीमोड़ी और कई वरिष्ठ अधिकारियों को इस घोटाले के तहत गिरफ्तार किया गया है. सारे आरोपियों ने उन पर लगाए गए इल्जामों को खारिज किया है. भारत के महालेखापरिक्षक के मुताबिक इस घोटाले से 176 अरब रुपये का नुकसान हुआ है. इस सिलसिले में गुरुवार को पूर्व टेलिकॉम मंत्री दयानिधि मरन पर जांच शुरू की गई.

रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी

संपादनः

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