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20 हजार पाकिस्तानियों ने ली अफ़ग़ानिस्तान में शरण

३० सितम्बर २००८

पाकिस्तान के कबायली जिले बाजौड़ में तालिबान उग्रवादियों के खिलाफ होने वाली कार्रवाई से बचने के लिए करीब 20 हजार आम लोग अफ़ग़ानिस्तान के उत्तर पूर्वी कुनार प्रांत में चले गए हैं.

लड़ाई के डर से भागते लोगतस्वीर: AP

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी की रिपोर्ट में यह बात कही गई है. सोमवार को शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि करीब चार हजार परिवारों ने अफ़ग़ानिस्तान में शरण ली है. इनमें से शिगाल जिले में 2120, मारावारा में 748 और दंगम में 706 परिवारों ने शरण ली है, जबकि 390 परिवार कुनार प्रांत के अन्य जिलों में गए हैं. बयान के मुताबिक 600 परिवार तो पिछले दो हफ्तों में सीमा पार करके अफ़ग़ानिस्तान गए हैं. बताया जाता है कि देश के अंदर भी करीब 3 लाख लोग इस लड़ाई के चलते अपने घर जोड़कर दूसरी जगहों पर चले गए हैं.

निशाने पर तालिबानी ठिकानेतस्वीर: AP

बाजौड़ में लड़ाई की शुरुआत अगस्त में उस वक्त हुई जब टैंक, लड़ाकू हेलिकॉप्टरों और पूरे सैन्य साजोसामान से लैस हजारों पाकिस्तानी सैनिकों ने इस इलाके में तालिबान के खिलाफ व्यापक अभियान छेड़ा. यह लड़ाई अब भी जारी है. अब तक करीब 600 उग्रवादी मारे गए हैं जबकि दर्जनों सैनिकों के अलावा बहुत से आम लोगों की भी अपनी जानें गंवानी पड़ी हैं.

अगस्त से जारी है सैन्य कार्रवाईतस्वीर: AP

संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि जैसे हालात सामान्य होंगे, इनमें से ज्यादातर लोग अपने घरों को लौट सकते हैं. पाकिस्तान की सूचना मंत्री शेरी रहमान ने इस रिपोर्ट पर कुछ भी कहने से मना किया है जबकि विदेश मंत्रालय की तरफ से भी इस बारे में कोई बयान नहीं आया है. बाजौड़ को अल कायदा और तालिबान उग्रवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह माना जाता है जहां से अकसर अफ़ग़ानिस्तान में तैनात विदेशी सैनिकों पर हमले किए जाते हैं.

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