1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
विज्ञानविश्व

कहीं बाहर से आया था पृथ्वी से टकराने वाला वो पिंड

१४ अप्रैल २०२२

जनवरी 2014 में जो उल्कापिंड पृथ्वी से टकराया था, वो हमारे सौरमंडल का नहीं था बल्कि उसके बाहर से आया था. अमेरिकी अंतरिक्ष कमांड ने इस बात की पुष्टि की है.

वूमुआमुआ पृथ्वी से टकराने वाला पहला बाह्य अंतरीक्षीय उल्कापिंड नहीं था
वूमुआमुआ पृथ्वी से टकराने वाला पहला बाह्य अंतरीक्षीय उल्कापिंड नहीं थातस्वीर: M. Kornmesser/European Southern Observatory/dpa/picture alliance

हाल ही में स्थापित अमेरिका की स्पेस कमांड ने इस बात की पुष्टि की है कि 2014 में जो उल्कापिंड पृथ्वी से टकराया था, वह हमारे सौरमंडल से बाहर से आया था. यानी, यह सौरमंडल के बाहर से आकर किसी पिंड के पृथ्वी से टकराने की पहली घटना थी.

पिछले हफ्ते अमेरिकी स्पेस कमांड ने ट्विटर पर बताया कि हार्वर्ड के दो वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन के बाद बताया है कि यह अंतरिक्षीय चट्टान किसी और ही सौरमंडल की वस्तु है. हार्वर्ड विश्वविद्यालय के खगोलविदों आमिर सिराज और अब्राहम लोएब ने इस चट्टान के अवशेषों का अध्ययन किया है.

पहली घटना

अंतरिक्ष विभाग ने कहा कि जिस गति और मार्ग से यह चट्टान पृथ्वी से टकराई थी, उससे पुष्टि हुई कि यह उस सौरमंडल की नहीं हो सकती, जिसका पृथ्वी एक ग्रह है. स्पेस कमांड ने अपने ट्विटर पर कहा, "डेढ़ फुट की चट्टानी वस्तु असल में बाह्य अंतरिक्ष की ही थी.”

क्या एलियन होते हैं?

05:03

This browser does not support the video element.

ब्रिटिश अखबार द इंडिपेंडेंट के मुताबिक यह घोषणा बाह्य अंतरिक्षीय वस्तु के पृथ्वी से टकराने की पहली घटना के बारे में समझ को भी चुनौती देती है. अब तक यह माना जाता था कि 2017 में वूमुआमुआ नामक एक वस्तु पृथ्वी से टकराने वाली पहली बाह्य अंतरीक्षीय चट्टान थी. लेकिन नई खोज के मुताबिक ऐसा तीन साल पहले ही हो चुका था.

शोध पर विवाद

डॉ. सीरज और डॉ. लोएब ने 2019 में एक शोध पत्र लिखकर यह दावा किया था कि 2014 की घटना ही पहली घटना थी जिसमें बाह्य अंतरिक्ष की कोई वस्तु पृथ्वी से टकराई. उस शोध में दोनों वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि वे 99.99 फीसदी आश्वस्त हैं कि यह बाह्य अंतरीक्षीय घटना थी. लेकिन यह शोध पत्र कहीं प्रकाशित नहीं हो सका क्योंकि इसका आधार अमेरिकी रक्षा विभाग से मिला डेटा था और अन्य वैज्ञानिक इस पर भरोसा नहीं कर रहे थे.

लेकिन 1 मार्च को अमेरिकी स्पेस कमांड ने एक मेमो जारी किया था. इस मेमो पर यूएस स्पेस ऑपरेशंस कमांड के मुख्य वैज्ञानिक जोएल मोएत्सर के दस्तखत हैं. इस पुष्टि के बाद शोध पत्र के प्रकाशित होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं. शोध कहता है कि बाह्य अंतरिक्ष से आने वाली चट्टानों के पृथ्वी से टकराने की घटनाएं और भी होंगी.

एलियन तकनीक का वजूद?

अपने शोध में डॉ. सीरज और डॉ. लोएब ने गणना कर बताया है कि पृथ्वी के जन्म से अब तक ऐसे 45 करोड़ पिंड हमारे ग्रह से टकरा चुके हैं. वे कहते हैं कि ऐसी घटना एक दशक में करीब एक बार होती है. वे यह भी दावा करते हैं कि ऐसे पिंड पृथ्वी के बाहर कहीं जीवन होने के सबूत भी ला सकते हैं. शोध कहता है, "संभवतया बाह्य अंतरीक्षीय पिंड किसी अन्य ग्रह-व्यवस्था से जीवन यहां ला सकता है.”

वैज्ञानिकों ने बताया, कैसे मिलेगा एलियंस का पहला संकेत

अब्राहम लोएब तो अपने दावे में यहां तक जाते हैं कि 2017 में पृथ्वी पर गिरा वूमुआमुआ कोई पिंड नहीं बल्कि किसी एलियन तकनीक का हिस्सा था. हालांकि अधिकतर वैज्ञानिकउनकी इस बात से सहमत नहीं हैं. आमिर सिराज कहते हैं कि वह चाहते हैं कि 2014 में गिर पृथ्वी पर गिरे पिंड के अवशेषों को समुद्र से निकाला जाए ताकि उनका गहन अध्ययन किया जा सके.

रिपोर्टः विवेक कुमार (एएफपी)

पढ़ेंः सूर्य से 50 गुना बड़े तारे की खोज

 

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें
डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें