नया साल भारत के लिए उम्मीदों से भरा वर्ष होगा. इसकी शुरुआत ओबामा की भारत यात्रा से होगी जो चंद दिनों में क्रिकेट के खुमार में बदल जाएगी. एक नजर 2015 के भारत पर.
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ओबामा की भारत यात्रा
जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत आने वाले हैं. 2010 के बाद उनकी यह दूसरी भारत यात्रा है. 26 जनवरी 2015, पहला मौका होगा जब अमेरिकी राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि होंगे. 2014 में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका दौरा बेहद सुर्खियों में रहा. माना जा रहा है कि ओबामा की भारत यात्रा दोनों देशों के संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाएगी. इस दौरान भारत की बदलती विदेश नीति के पुख्ता संकेत देखने को मिल सकते हैं.
खिताब बचाने की चुनौती
फरवरी में शुरू होने वाले आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के सामने खिताब बचाने की चुनौती होगी. 2014 की विदाई से ठीक पहले महेंद्र सिंह धोनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद टीम वनडे का वर्ल्ड कप खेलने उतरेगी. भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तान धोनी पहले ही वर्ल्ड कप के बाद खेल को अलविदा कहने के संकेत दे चुके हैं. भारतीय टीम अपने कप्तान को वर्ल्ड कप जीतकर विदाई देना चाहेगी. भारत का पहला मैच चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से 15 फरवरी को है.
जर्मनी में मोदी
जर्मनी यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और भारत एशिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया को मेक इन इंडिया का नारा दे रहे हैं. इसके लिए वो भारतीय युवाओं के कौशल विकास पर भी जोर दे रहे हैं. इंजीनियरिंग और कौशल विकास में जर्मनी का तोड़ नहीं है. अप्रैल 2015 में नरेंद्र मोदी जर्मन शहर हनोवर में लगने वाले अंतरराष्ट्रीय मशीनरी मेले का उद्घाटन करेंगे. भारत मेले का पार्टनर देश है. नई दिल्ली में तैनात जर्मन राजदूत मिषाएल श्टाइनर के मुताबिक मोदी का जर्मनी दौरा मेक इन इंडिया अभियान और दोनों देशों के सहयोग को नई ऊंचाई पर ले जाएगा. 2015 में जर्मन चासंलर अंगेला मैर्केल भी भारत का दौरा करेंगी.
दिल्ली और बिहार में चुनाव
2015 में भारत के दो महत्वपूर्ण राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होंगे. दिल्ली का चुनाव भारतीय राजनीति की बदलती करवट दर्शाता है तो बिहार बताता है कि जातिवाद और क्षेत्रवाद के मुद्दे अब भी भारतीय राजनीति में कितने हावी हैं. दिल्ली में जहां मुख्य मुकाबला बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच दिखता है वहीं बिहार की जटिल राजनीति बीजेपी बनाम अन्य दलों की हो गई है. "सबका साथ, सबका विकास" के नारे से लोकसभा चुनाव जीतने वाली बीजेपी, हाल के समय में धर्मांतरण के मुद्दे पर घिरी है. इन दोनों राज्यों के चुनाव केंद्र की सबसे बड़ी पार्टी को हकीकत से रूबरू कराएंगे.
अंतरिक्ष में भारत
2015 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान, इसरो के लिए काफी व्यस्त रहेगा. नए साल में इसरो पांच विदेशी उपग्रहों को धरती के कक्षा तक पहुंचाएगा. इनमें से तीन ब्रिटेन की और दो इंडोनेशिया की सैटेलाइटें हैं. भारत अपना नेविगेशन सिस्टम तैयार कर रहा है, जिसके लिए 2015 में चार नेविगेशन सैटेलाइटें भी छोड़ी जाएंगी. संचार सेवा में विस्तार के लिए एक टेलीकम्युनिकेशन सैटेलाइट भी नए साल में अंतरिक्ष के लिए रवाना होगी.
भारत पर जिम्मेदारी
2014 को धरती का सबसे गर्म साल कहा जा रहा है. बीते 100 सालों में ऐसे 15 मौके रहे जब साल भर का औसत तामपान काफी ज्यादा रहा. 2014 इस सूची में सबसे ऊपर है. इसके लिए कार्बन डाय ऑक्साइड और अन्य ग्रीन हाउस गैसें जिम्मेदार हैं. ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन के मामले में भारत तीसरे पायदान पर है. उससे आगे सिर्फ अमेरिका और चीन है. दिसंबर 2015 में फ्रांस की राजधानी पेरिस में जलवायु सम्मेलन होगा. इस सम्मेलन में ठोस कदम उठाए जाने तय हैं, देखना दिलचस्प होगा कि भारत धरती का सौंदर्य बनाए रखते हुए कैसे विकास का रास्ता चुनेगा.
ओएसजे/एमजे
2014 भारत: बीते साल पर नजर
भारत के लिए 2014 बड़े बदलाव का साल साबित हुआ. राजनीति, विज्ञान, समाज, खेल और सिनेमा से जुड़ी शख्सियतों के लिए 2014 बहुत कुछ लेकर आया. गुजरे साल की उपलब्धियों पर एक नजर.
तस्वीर: UNI
केंद्र में बीजेपी की सरकार
भारत में 2014 में राजनीति के क्षेत्र में बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिला. भारतीय जनता पार्टी के लिए यह साल कई लिहाज से मील का पत्थर साबित हुआ. जब अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी की जगह उभरी नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने न केवल राष्ट्रीय राजनीति में अपना वर्चस्व स्थापित किया बल्कि पार्टी को दस साल के बाद केंद्र में सत्तारूढ़ कर उसके लिए यह साल यादगार बना दिया.
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मोदीमय रहा 2014
राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश के पहले ही साल नरेंद्र मोदी ने 130 साल पुरानी कांग्रेस को हाशिये पर डाल कर केंद्र और कई राज्यों में बीजेपी को सत्ता में पहुंचाया और देश-विदेश हर जगह अपनी छाप छोड़ी. मोदी ने लंबे अर्से से विपक्ष में बैठी बीजेपी को अपने बूते सत्ता में लाकर राष्ट्रीय राजनीति में अपना सिक्का जमाया और पार्टी में अपना राजनीतिक कद इतना ऊंचा कर लिया कि आज कोई उनके आसपास भी नजर नहीं आता.
तस्वीर: Reuters/Shiv Raj
कांग्रेस पार्टी का पतन
नरेंद्र मोदी और बीजेपी के उभार के साथ ही कांग्रेस पार्टी का केंद्र और कई राज्यों से सफाया हो गया. गांधी परिवार के नाम पर इस बार लोकसभा चुनाव में वोट नहीं मिला और लोकसभा में पार्टी कुल 44 सीटों पर सिमट कर रह गई. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी जनता को लुभाने में विफल रहे हैं. कांग्रेस पार्टी के लिए 2014 बुरे सपने जैसा साबित हुआ.
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कैलाश सत्यार्थी को नोबेल
भारत में बाल मजदूरी के खिलाफ संघर्ष करने वाले कैलाश सत्यार्थी को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. सत्यार्थी और पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई को संयुक्त रूप से शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया. सत्यार्थी ने अब तक 80 हजार बाल मजदूरों को बंधुआ मजदूरी से छुड़ाया है.
तस्वीर: Reuters/S. Plunkett
अंतरिक्ष में भारत की छलांग
अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान इसरो ने मंगल की कक्षा में मंगलयान को स्थापित कर नया कीर्तिमान बनाया. भारत पहली ही बार में मंगल मिशन में सफलता हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश बना. 450 करोड़ रुपये की लागत से यह मिशन कई और देशों के मिशन के मुकाबले बेहद सस्ता था.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Indian Space Research Organisation
पोलियो मुक्त भारत
सवा अरब की आबादी वाला भारत इसी साल पोलियो मुक्त हुआ. दो दशकों की कड़ी मेहनत और पोलियो के खिलाफ अभियान के बाद भारत को बड़ी उपलब्धि मिली. बीते तीन सालों में पोलियो का एक भी मामला सामने नहीं आया.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
अलग राज्य बना तेलंगाना
सालों के लंबे आंदोलन के बाद 2 जून 2014 को तेलंगाना को अलग राज्य का दर्जा मिला. इसी दिन आंध्र प्रदेश से अलग होकर तेलंगाना देश का 29वां राज्य बना. चुनाव बाद तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रमुख के चंद्रशेखर राव नए राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने.
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धोनी का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास
साल खत्म होने के ठीक पहले भारत के सबसे सफल क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी ने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज के बीच संन्यास का एलान कर सबको सकते में डाल दिया. पूर्व क्रिकेटर ही नहीं धोनी के प्रशंसक भी इस खबर से हैरान हो गए. धोनी ने भारत की ओर से 90 टेस्ट मैचों में 38.09 की औसत से 4876 रन बनाए हैं. धोनी के नाम टेस्ट मैचों में 6 शतक और 33 अर्धशतक है.
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सशक्त माध्यम बना सोशल मीडिया
युवाओं की कुंद होती आवाज को धार देने वाले सोशल मीडिया ने तो राजनीति का परिदृश्य ही बदलकर रख दिया. आज का युवा राजनैतिक मुद्दों पर चुप नहीं रहता बल्कि सत्तासीनों को अपनी आवाज पहुंचाने का दम रखता है. 2014 में मंगलयान भी सोशल मीडिया पर खूब छाया रहा. मोदी का स्वच्छ भारत अभियान भी सोशल मीडिया पर हिट रहा. सोशल मीडिया ने न केवल राजनीति में अपना लोहा मनवाया बल्कि वह सामाजिक परिवर्तन का भी हथियार बना.
तस्वीर: imago/Schöning
छोड़ गए दुनिया
बालीवुड में 2014 ऐसे तो कई मायनों में कई उपलब्धियों से भरा साल साबित हुआ लेकिन सुचित्रा सेन, जोहरा सहगल, वी के मूर्ति, रवि चोपड़ा, सदाशिव अमरापुरकर, देवेन वर्मा और के बालचंद्र समेत कई अजीम शख्सियतों के चले जाने से ऐसा रिक्त स्थान हो गया जिसकी कमी शायद ही कभी पूरी हो सके. पत्रकार खुशवंत सिंह और बीजी वर्गीज भी इसी साल दुनिया से विदा हुए.