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2015 में भारत

१ जनवरी २०१५

नया साल भारत के लिए उम्मीदों से भरा वर्ष होगा. इसकी शुरुआत ओबामा की भारत यात्रा से होगी जो चंद दिनों में क्रिकेट के खुमार में बदल जाएगी. एक नजर 2015 के भारत पर.

तस्वीर: Reuters/Larry Downing

ओबामा की भारत यात्रा

जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत आने वाले हैं. 2010 के बाद उनकी यह दूसरी भारत यात्रा है. 26 जनवरी 2015, पहला मौका होगा जब अमेरिकी राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि होंगे. 2014 में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका दौरा बेहद सुर्खियों में रहा. माना जा रहा है कि ओबामा की भारत यात्रा दोनों देशों के संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाएगी. इस दौरान भारत की बदलती विदेश नीति के पुख्ता संकेत देखने को मिल सकते हैं.

तस्वीर: AP

खिताब बचाने की चुनौती

फरवरी में शुरू होने वाले आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के सामने खिताब बचाने की चुनौती होगी. 2014 की विदाई से ठीक पहले महेंद्र सिंह धोनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद टीम वनडे का वर्ल्ड कप खेलने उतरेगी. भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तान धोनी पहले ही वर्ल्ड कप के बाद खेल को अलविदा कहने के संकेत दे चुके हैं. भारतीय टीम अपने कप्तान को वर्ल्ड कप जीतकर विदाई देना चाहेगी. भारत का पहला मैच चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से 15 फरवरी को है.

जर्मनी में मोदी

जर्मनी यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और भारत एशिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया को मेक इन इंडिया का नारा दे रहे हैं. इसके लिए वो भारतीय युवाओं के कौशल विकास पर भी जोर दे रहे हैं. इंजीनियरिंग और कौशल विकास में जर्मनी का तोड़ नहीं है. अप्रैल 2015 में नरेंद्र मोदी जर्मन शहर हनोवर में लगने वाले अंतरराष्ट्रीय मशीनरी मेले का उद्घाटन करेंगे. भारत मेले का पार्टनर देश है. नई दिल्ली में तैनात जर्मन राजदूत मिषाएल श्टाइनर के मुताबिक मोदी का जर्मनी दौरा मेक इन इंडिया अभियान और दोनों देशों के सहयोग को नई ऊंचाई पर ले जाएगा. 2015 में जर्मन चासंलर अंगेला मैर्केल भी भारत का दौरा करेंगी.

दिल्ली और बिहार में चुनाव

2015 में भारत के दो महत्वपूर्ण राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होंगे. दिल्ली का चुनाव भारतीय राजनीति की बदलती करवट दर्शाता है तो बिहार बताता है कि जातिवाद और क्षेत्रवाद के मुद्दे अब भी भारतीय राजनीति में कितने हावी हैं. दिल्ली में जहां मुख्य मुकाबला बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच दिखता है वहीं बिहार की जटिल राजनीति बीजेपी बनाम अन्य दलों की हो गई है. "सबका साथ, सबका विकास" के नारे से लोकसभा चुनाव जीतने वाली बीजेपी, हाल के समय में धर्मांतरण के मुद्दे पर घिरी है. इन दोनों राज्यों के चुनाव केंद्र की सबसे बड़ी पार्टी को हकीकत से रूबरू कराएंगे.

तस्वीर: picture-alliance/dpa/Indian Space Research Organisation

अंतरिक्ष में भारत

2015 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान, इसरो के लिए काफी व्यस्त रहेगा. नए साल में इसरो पांच विदेशी उपग्रहों को धरती के कक्षा तक पहुंचाएगा. इनमें से तीन ब्रिटेन की और दो इंडोनेशिया की सैटेलाइटें हैं. भारत अपना नेविगेशन सिस्टम तैयार कर रहा है, जिसके लिए 2015 में चार नेविगेशन सैटेलाइटें भी छोड़ी जाएंगी. संचार सेवा में विस्तार के लिए एक टेलीकम्युनिकेशन सैटेलाइट भी नए साल में अंतरिक्ष के लिए रवाना होगी.

भारत पर जिम्मेदारी

2014 को धरती का सबसे गर्म साल कहा जा रहा है. बीते 100 सालों में ऐसे 15 मौके रहे जब साल भर का औसत तामपान काफी ज्यादा रहा. 2014 इस सूची में सबसे ऊपर है. इसके लिए कार्बन डाय ऑक्साइड और अन्य ग्रीन हाउस गैसें जिम्मेदार हैं. ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन के मामले में भारत तीसरे पायदान पर है. उससे आगे सिर्फ अमेरिका और चीन है. दिसंबर 2015 में फ्रांस की राजधानी पेरिस में जलवायु सम्मेलन होगा. इस सम्मेलन में ठोस कदम उठाए जाने तय हैं, देखना दिलचस्प होगा कि भारत धरती का सौंदर्य बनाए रखते हुए कैसे विकास का रास्ता चुनेगा.

ओएसजे/एमजे

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