2015 में फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुए आतंकी हमले के लिए 20 लोगों को दोषी पाया गया है. जिंदा बचे एकलौते मुख्य अभियुक्त सालेह अब्देसलाम को फ्रांस के कानून के हिसाब से संभव सबसे कड़ी सजा सुनाई गई है.
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करीब नौ महीने चली इस मामले की सुनवाई के बाद फ्रांस की अदालत ने सभी 20 अभियुक्तों को पेरिस हमलों का दोषी पाया. मुख्य आरोपी सालेह अब्देसलाम को उम्र कैद की सजा सुनाई गई. नवंबर 2015 में फ्रांस की राजधानी में हुए आतंकी हमलों में 130 लोगों की जान गई थी.
अब 32 साल का अब्देसलाम इस्लामिक स्टेट की आतंकी सेल से जुड़ा था. पेरिस में हमले को अंजाम देने वाला अब्देसलाम मोरक्कन मूल का फ्रेंच नागरिक है. घटना के चार महीने बाद उसे पुलिस ने जिंदा पकड़ने में कामयाबी पाई थी. नवंबर में बाताक्लान कॉन्सर्ट हॉल समेत पेरिस की कई दूसरी जगहों पर आतंकी हमले हुए थे.
अब्देसलाम को कानून के हिसाब से सबसे कड़ी सजा सुनाई गई है. पांच जजों के पैनल ने इस पर अपना फैसला सुनाया. हमले की एक सर्वाइवर सोफी ने समाचार एजेंसी एएफपी से बातचीत में इस सजा को पर्याप्त भारी बताया. सेंट्रल परिस की जेल के बाहर उन्होंने कहा, "मेरे मन में एक साथ कई भावनाएं घुमड़ रही हैं. मैं बहुत राहत महसूस कर रही हूं. 10 महीने से सुनवाई चल रही थी. इससे हमें खुद को फिर से जोड़ने का मौका मिल पाया."
यूरोप पर हुए आतंकवादी प्रहार
इस्लामी कट्टरपंथी एक दशक से भी ज्यादा समय से पूरे यूरोपीय महाद्वीप को निशाना बनाते आ रहे हैं. तस्वीरों में देखिए कब क्या हुआ...
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Christians
फिर निशाने पर पेरिस
शुक्रवार, 13 नवंबर पेरिस के लिए काला दिन बन गया. बंदूकधारी और आत्मघाती हमलावरों ने शहर के आम जनजीवन से जुड़े कई ठिकानों जैसे स्टेडियम, कैफे, रेस्तरां और कॉन्सर्ट हॉल को निशाना बनाया. इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली, जिसमें 129 लोगों की जान चली गई.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Christians
आजादी पर हमला
शार्ली एब्दॉ पर हमले को दुनिया भर में अभिव्यक्ति और प्रेस की स्वतंत्रता पर एक हमला माना जा रहा है. यूरोप समेत विश्व के कई देशों में मीडिया, राजनेताओं और आम लोगों ने इस आतंकी वारदात की कड़ी निंदा की है. चित्र में दिख रहे पत्रिका के संपादक को हमलावरों ने 7 जनवरी को किए अपने हमले में मौत के घाट उतार दिया. वह यूरोप में साहसी लेखन की मिसाल बन चुके एक निडर सेनानी थे.
तस्वीर: Reuters/J. Naegelen
जनवरी 2015, पेरिस
सबसे ताजा हमले में पेरिस की प्रसिद्ध व्यंग्य पत्रिका शार्ली एब्दॉ के कार्यालय पर हथियारों से लैस आतंकियों ने हमला बोला और कई पत्रकारों, कार्टूनिस्टों को निशाना बनाया. इन अपराधियों को पकड़ने की कोशिशें जारी हैं और अभी तक किसी भी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद ने इसे "बर्बरता का असाधारण कृत्य" बताया है.
तस्वीर: STR/AFP/Getty Images
मई और सितंबर 2014, ब्रसेल्स
24 मई को ब्रसेल्स के मशहूर यहूदी संग्रहालय के प्रवेश द्वार पर हुई गोलीबारी में चार लोग मारे गए. इसी साल सितम्बर में ब्रसेल्स स्थित यूरोपीय संघ आयोग के मुख्यालय पर भी हमला करने की एक नाकाम कोशिश हुई थी.
तस्वीर: Reuters
नवंबर 2011, पेरिस
फ्रेंच पत्रिका शार्ली एब्दॉ 2011 में आतंकी हमले का शिकार बनी. कुछ अज्ञात हमलावरों ने पत्रिका के संपादकीय कार्यालय में एक कॉकटेल बम फेंका था. पत्रिका इस्लामी मामलों पर टिप्पणियां और कार्टून प्रकाशित कर रही थी जिसे कई लोग पसंद नहीं करते थे. हमले के बाद फिर से पत्रिका के कार्यालय को पुलिस संरक्षण देना पड़ा.
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सितंबर 2005, डेनमार्क
30 सितंबर को डेनिश अखबार जाइलांड्स ने इस्लामी मान्यताओं से जुड़े बारह कार्टून प्रकाशित किए. उनमें से एक कार्टून में पैगंबर मोहम्मद के सिर पर पगड़ी की जगह बम रखा दिखाया गया था. इस चित्र के विरोध में दुनिया भर में खूनी विरोध प्रदर्शन हुए. इसी कड़ी में ऐसे कार्टून प्रकाशित करने वाली पेरिस की व्यंग्य पत्रिका शार्ली एब्दॉ की भी सुरक्षा बढ़ानी पड़ी थी.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
जुलाई 2005, लंदन
इसे ब्रिटेन के इतिहास में सबसे गंभीर इस्लामी आतंकवादी हमला माना जाता है. लंदन की तीन मेट्रो रेलों और एक बस में आत्मघाती हमले हुए, जिनमें 52 लोगों की जान गयी और 150 घायल हुए. चार में से तीन आतंकवादी पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक थे और चौथा जमैका मूल का. इन सबने अपने बैग में बम रखे थे.
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मार्च 2004, मैड्रिड
स्पेन के इतिहास में दर्ज हुए इस सबसे बड़े आतंकवादी हमले में 191 लोग मारे गए और 1,800 से ज्यादा घायल हुए. अलग अलग रेलगाड़ियों में कई बम रखे गए थे. इस घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों को पकड़ लिया गया और सभी दोषियों को मिलाकर 43,000 साल के कारावास की सजा सुनाई गई.
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नवंबर 2003, इस्तांबुल
पांच दिनों के अंदर तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में इस्लामी आतंकवादियों ने कई हमले किए. इसमें 58 लोगों की मौत हो गई और 600 से ज्यादा लोग घायल हुए. प्रार्थनागृह के सामने, ब्रिटिश बैंक और वाणिज्य दूतावास पर भी हुए थे हमले. आरोपी आतंकवादियों को 2007 में दोषी ठहराया गया.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
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आधुनिक फ्रांस के इतिहास में यह सुनवाई सबसे लंबी चली है. इसके पहले छह साल तक अंतरराष्ट्रीय स्तर की जांच चल रही थी जिससे मिली जानकारियां लाखों पन्नों में समेटी गईं.
अब्देसलाल के अलावा बाकी 19 आरोपी भी दोषी या तो योजना बनाने या उसमें मदद करने के दोषी सिद्ध हुए. इन दोषियों को भी दो साल से लेकर उम्र कैद तक की सजा सुनाई गई. अब्देसलाम के अलावा बाकी सभी हमलावरों ने उस घटना के दौरान या तो खुद को उड़ा लिया था या पुलिस के हाथों मारे गए थे.
सितंबर 2021 में मामले के सुनवाई की शुरुआत अब्देसलाम ने खुद को "इस्लामिक स्टेट फाइटर" बताया था लेकिन अंत की ओर पहुंचते पहुंचते आंखों में आंसू भर कर पीड़ितों और उनके परिवारजनों से दया की अपील कर रहा था. अपने आखिरी बयान में उसने जज से अपील करते हुए कहा कि उसे उम्र कैद ना दें क्योंकि उसनेखुद अपने हाथों से किसी की जान नहीं ली है. अब्देसलाम ने कहा, "मुझसे गलती हुई, यह सच है. लेकिन मैं खूनी नहीं हूं, मैं हत्यारा नहीं हूं."
उसके वकील ने भी उम्रकैद ना दिए जाने की वकालत की थी. लेकिन मौजूदा फैसले के मुताबिक, 30 साल के बाद भी उसे पैरोल पर छोड़े जाने की संभावना काफी कम है. सभी दोषियों को अभी भी अपनी सजा के खिलाफ अपील करने का कानूनी अधिकार है.
सुनवाई के दौरान पता चला कि अब्देसलाम गांजा फूंकने वाली पार्टियों में खूब जाया करता था. उसने आतंकी हमले वाली रात अपनी आत्मघाती बेल्ट को निकाल फेंका था और ब्रसेल्स में अपने जानने वालों के पास चला गया था. वहां और भी आतंकी रहते थे. कोर्ट को उसने बताया कि घटना के समय उसका हृदय परिवर्तन हो गया था और उसने उसी समय किसी को ना मारने का फैसला ले लिया था. लेकिन जब सुनवाई के दौरान यह साबित हुआ कि असल में उसकी बेल्ट में खराबी आ गई थी, तब जज ने उसके बदले हुए इरादों पर विश्वास नहीं किया. अदालत ने अब्देसलाम को हमले का सह-रचयिता घोषित किया.
नवंबर 2015 में एक साथ 10 आतंकियों ने पेरिस की अलग अलग जगहों पर हमला किया था. इसमें राष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम, कई बार और बाताक्लान कॉन्सर्ट हॉल भी था. इनकी जिम्मेदारी बाद में आई ने ले थी. हमलों ने फ्रांस को झकझोड़ कर रख दिया था. इसके 10 महीने पहले ही शार्ली ऐब्दो पत्रिका के दफ्तर पर हमला हुआ था.
आरपी/आरएस (एएफपी, रॉयटर्स)
फ्रांस में आतंक
व्यंग्य पत्रिका शार्ली एब्दो पर आतंकी हमले से पूरा देश हैरान था. तीन दिनों तक पूरा देश सांस थामे हमलावरों के पता चलने का इंतजार करता रहा. मृतकों के परिजन शोक मना रहे हैं तो हफ्ते भर बाद शार्ली एब्दो का नया अंक आया.
तस्वीर: picture-alliance/epa/Y. Valat
अंतिम स्केच
7 जनवरी, बुधवार के दिन 11:28 मिनट पर शार्ली एब्दॉ के संपादक ने अंतिम ट्वीट किया, आईएस के नेता अल बगदादी का कार्टून. कार्टून पर लिखा है, शुभकामनाएं और सबसे बढ़कर स्वास्थ्य. यह कार्टून फिलिप ओनोरे ने बनाया था. कुछ ही मिनटों बाद उनकी हत्या कर दी गई.
तस्वीर: Screenshot Twitter
शार्ली एब्दॉ पर हमला
करीब साढ़े ग्यारह बजे शार्ली एब्दॉ के संपादकमंडल की बैठक हो रही थी. दो हथियारबंद नकाबपोश हमलावर कमरे में घुसे और 9 पत्रकारों को गोलियों से भून डाला. उनमें मुख्य संपादक स्टेफान चार्बोनिए भी थे. हमलावरों ने इमारत में घुसते समय मकान के केयरटेकर को भी मार डाला था.
तस्वीर: A. Gelbard/AFP/Getty Images
हमलावर भागे
शार्ली एब्दॉ पर हमला कुछ मिनटों तक ही चला. भागते हुए हमलावरों का सामना एक पुलिसकर्मी अहमद मेराबेत से हुआ. अपनी गाड़ी में बैठने से पहले उन्होंने पुलिस कर्मी को भी मार डाला. एक व्यक्ति ने इस हत्या की वीडियोरिकॉर्डिंग की. उसके बाद हमलावर भाग गए.
तस्वीर: Reuters
शोक में पूरा देश
हमले का पता चलने के बाद इंटरनेट में मृतकों के साथ सहानुभूति की लहर फैल गई. हैशटैग जे सुई शार्ली (मैं शार्ली हूं) का जन्म हुआ. यह ट्विटर के इतिहास में अब तक का सबसे ज्यादा इस्तेमाल हुआ हैश टैग बन गया है. शाम को सैकड़ों लोग मृतकों को श्रद्धांजलि देने जमा हुए.
तस्वीर: Getty Images/A. Meunier
पूरी दुनिया शार्ली
पूरी दुनिया में लाखों लोगों ने जे सुई शार्ली का बैनर लेकर अभिव्यक्ति की आजादी के लिए प्रदर्शन किया. बहुत से लोगों ने प्रेस की आजादी के समर्थन में हाथों में पेंसिलें ले रखी थीं. इस बीच पुलिस से भाग रहे हमलावरों की तस्वीरें जारी की गईं. शरीफ और सईद कुआची हत्याओं के लिए जिम्मेदार थे.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/B.v. Jutrczenka
प्रेस की आजादी पर हमला
पूरी दुनिया के पत्रकारों ने भी व्यंग्य पत्रिका के कार्टूनिस्टों और संपादकों के साथ सहानुभूति दिखाई. मामला जर्मनी के मीडिया में भी सुर्खियों में रहा. जर्मन पत्रकारों की राय थी कि आतंकवादियों की धमकी के आगे नहीं झुका जाएगा. फ्रांस में मीडिया दफ्तरों की सुरक्षा बढ़ी.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/K. Nietfeld
कोई अंत नहीं
शार्ली एब्दॉ के दफ्तर पर हुए हमले के एक दिन बाद 8 जनवरी को एक हथियारबंद शख्स ने पेरिस के दक्षिण में एक महिला पुलिसकर्मी की हत्या कर दी. एक अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गया. हत्यारा भागने में कामयाब रहा. उस समय यह पता नहीं था कि क्या उसका शार्ली एब्दॉ पर हमले में कोई हाथ है.
तस्वीर: AFP/Getty Images/T. Samson
हत्यारे अभी भी फरार
शार्ली एब्दॉ के संदिग्ध हत्यारों ने गुरुवार को उत्तरी फ्रांस में एक पेट्रोल पंप पर हमला किया. वहां से उन्होंने अपनी गाड़ी के लिए पेट्रोल और खाने पीने का सामान चुराया. खबर आई कि गोलियां भी चलीं. लेकिन उसके बाद दोनों हत्यारे फिर भाग गए. पुलिस उन्हें खोजती रही.
तस्वीर: Reuters/P. Rossignol
मुस्लिम संस्थानों पर हमले
शार्ली एब्दॉ पर हुए हमले से कुछ फ्रांसीसियों का गुस्सा कुछ हद तक हिंसक रूप में सामने आया. पूर्वी फ्रांस में एक मस्जिद के पास स्थित कबाब की दुकान में धमाका हुआ. पश्चिमोत्तर फ्रांस में एक मस्जिद पर गोलियां चलाई गईं. हमलों में कोई घायल नहीं हुआ. सुरक्षा बंदोबस्त बढ़ाए गए.
तस्वीर: Reuters/E. Foudrot
घर घर में तलाशी
इस बीच हमलावरों की खोज जारी रही. सरकार ने उत्तरी फ्रांस में आतंकवाद के खिलाफ चेतावनी बढ़ा दी. हत्यारों को खोजने में करीब 88,000 सुरक्षाकर्मी तैनात थे. शाम को उन्होंने कई गांवों की तलाशी ली. लोगों को अपने घरों से बाहर निकलना पड़ा. रात 10 बजे तलाशी रोक दी गई.
तस्वीर: Reuters/C. Hartmann
तलाशी जारी
9 जनवरी को हत्यारों का संकेत मिला. उन्होंने एक महिला की गाड़ी लूट ली थी. पुलिस को जब दोनों भाई मिले तो गोलीबारी हुई. हमलावरों में शामिल दोनों कुआची भाई भागकर पेरिस के उत्तर में चार्ल्स द गॉल हवाई अड्डे के पास एक कारखाने में जा छुपे.
तस्वीर: picture-alliance/Xinhua/Chen Xiaowei
पेरिस में बंधक
फिर एक हमले की खबर आई. पूर्वी पेरिस में गोलियां चलीं. एक हथियारबंद हमलावर ने एक यहूदी सुपर बाजार पर धावा बोला और लोगों को बंधक बना लिया. अपहरणकर्ता चिल्लाया, "तुम्हें पता है मैं कौन हूं." जल्द ही साफ हो गया वह अमेदी कूलीबाली था, एक दिन पहले मारी गई पुलिसकर्मी का हत्यारा.
तस्वीर: AFP/Getty Images/G. Chatelain
प्रिंटिग हाउस में छुपे
दोनों संदिग्ध हत्यारे एक प्रिटिंग हाउस में छुप गए और वहां उन्होंने एक बंधक बनाया, लेकिन बाद में उसे छोड़ दिया. एक दूसरा कर्मचारी तहखाने में छुप गया और पुलिस को हत्यारों के बारे में सूचना दी. शाम पांच बजे दोनों भाई गोलियां चलाते इमारत से बाहर निकले और पुलिस की गोलियों से मारे गए.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/M. Spingler
पेरिस में चार मौतें
उसी समय पुलिस ने यहूदी सुपर बाजार पर छापा मारा. अपहरणकर्ता मारा गया. इसके पहले उसने अपने चार बंधकों को मार डाला था. उसकी गर्लफ्रेंड पर बंधक कांड में उसकी मदद करने का आरोप है. तुर्की के अधिकारियों के अनुसार 26 वर्षीया हयात बूमेदीन भागकर सीरिया चली गई है.
तस्वीर: AFP/Getty Images/T. Samson
मृतकों की याद
शाम को और उसके अगले दिन लाखों लोगों ने मृतकों को श्रद्धांजलि दी. राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद ने इसे राष्ट्र के लिए त्रासदी बताया. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल और दूसरे प्रमुख राजनेताओं ने रविवार को पेरिस में एकजुटता रैली में हिस्सा लिया.