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2021 में नहीं मिलेगी हर्ड इम्यूनिटी

१२ जनवरी २०२१

दुनिया भर में बड़े स्तर पर टीकाकरण अभियान शुरू होने के बावजूद इस साल हर्ड इम्यूनिटी हासिल नहीं हो सकेगी. ऐसा कहना है विश्व स्वास्थ्य संगठन के वरिष्ठ वैज्ञानिकों का.

Chef-Wissenschaftlerin der Weltgesundheitsorganisation (WHO) Soumya Swaminathan
विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथनतस्वीर: picture-alliance/Keystone/AFP/F. Coffrini

विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि टीकाकरण शुरू हो जाने के बाद भी 2021 में दुनिया हर्ड इम्यूनिटी हासिल नहीं  कर सकेगी. उन्होंने इसके तीन कारण बताए: पहला, विकासशील देशों में पूरी जनता तक टीके का ना पहुंचना; दूसरा, बड़ी संख्या में लोगों का टीके पर विश्वास ना करना और तीसरा, वायरस की किस्म का बदलना.

दुनिया के अधिकतर विकसित देशों में पहले दौर का टीका लगना शुरू हो गया है. इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर और यूरोप के देश शामिल हैं. हर्ड इम्यूनिटी तभी बनती है जब जनता में इतनी बड़ी संख्या में लोगों में इम्यूनिटी पैदा हो जाए कि यह बीमारी के संक्रमण को रोक सके. जर्मनी में वैज्ञानिकों का मानना है कि 60 फीसदी आबादी को टीका लगने के बाद ही हर्ड इम्यूनिटी विकसित की जा सकती है.

सौम्या स्वामीनाथन ने सोमवार को एक बैठक के दौरान कहा, "2021 में हम किसी भी तरह की हर्ड इम्यूनिटी हासिल नहीं कर सकेंगे." उन्होंने कहा कि इस साल भी सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाना और लगातार हाथ धोते रहना जरूरी होगा. उन्होंने इतने कम समय में टीका तैयार करने के लिए वैज्ञानिकों की खूब तारीफ भी की. इस वक्त बायोनटेक फाइजर, एस्ट्रा जेनेका और मॉडेर्ना की वैक्सीन सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जा रही है.

स्वामीनाथन ने लोगों से धैर्य रखने की अपील की है और कहा है कि सब तक टीका पहुंचाने में वक्त लगेगा ही क्योंकि यहां अरबों डोज की बात हो रही है और कंपनियों को इन्हें तैयार करने के लिए वक्त की जरूरत है, "वैक्सीन आएंगी.. सब देशों तक पहुंचेंगी.. लेकिन इस दौरान हमें साफ सफाई के मानकों को नहीं भूलना चाहिए."

समाचार एजेंसी रॉयटर्स की प्रेस कॉन्फ्रेंस में डब्ल्यूएचओ के आउटब्रेक अलर्ट एंड रिस्पॉन्स नेटवर्क के अध्यक्ष डेल फिशर ने कहा कि निकट भविष्य में "सामान्य जीवन" में लौटना संभव नहीं होगा, "हम जानते हैं कि हमें हर्ड इम्यूनिटी तक पहुंचना है और हम यह भी जानते हैं कि हमें ज्यादा से ज्यादा देशों में यह लक्ष्य हासिल करना है. इसलिए 2021 में तो हम ऐसा देख सकेंगे." उन्होंने कहा कि हो सकता है कि कुछ देश हर्ड इम्यूनिटी हासिल करने में सफल हो सकें लेकिन बावजूद इसके जीवन "नॉर्मल" नहीं हो सकेगा क्योंकि बॉर्डर कंट्रोल के लिहाज से यह पेचीदा विषय है. इस बीच अमेरिका में नब्बे लाख लोगों को टीका लग चुका है, तो जर्मनी में छह लाख लोगों को.

आईबी/एनआर (एएफपी, रॉयटर्स)

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