गुरुवार को फ्रेंच कोन्याक शराब की एक बोतल की नीलामी 1.1 करोड रुपये में हुई. लंदन के मशहूर नीलामी घर सोदबी में इसका सौदा हुआ.
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करीब 258 साल पुरानी यह शराब दुर्लभ है. फिलहाल गोतिये कोन्याक 1762 की महज तीन बोतलें ही दुनिया में मौजूद हैं. इन्हें कोन्याक की सबसे पुरानी शराब होने का दर्जा हासिल है जो फिलहाल दुनिया में है. सोदबी ने इसे नीलाम होने वाली सबसे पुरानी कोन्याक कहा है.
यह कई पीढ़ियों से एक परिवार के तहखाने में बची रही. बोतल पर इसका असली लेबल भी अब तक सुरक्षित है. फ्रेंच कंपनी माइसन गोतिए की बनाई यह कोन्याक ग्रांड फ्रेरे यानी बिग ब्रदर के नाम से जानी जाती है. यह बाकी बची बोतलों में सबसे बड़ी है जिसका सौदा हुआ है. इसकी छोटी बहन को दक्षिण पश्चिम फ्रांस के गोतिए म्यूजियम में रखा गया है जबकि इसके छोटे भाई की 2014 में न्यू यॉर्क में नीलामी हुई.
सोदबी के शराब विशेषज्ञ जॉनी फाउले का कहना है कि यह बोतल "दुनिया की शराब संग्रह से बढ़ कर है." उन्होंने ध्यान दिलाया "गोतिए कोन्याक को पूरी दुनिया में जाना और सम्मान दिया जाता है. इस बोतल में ना सिर्फ एक शानदार ब्रांडी बल्कि कोन्याक के इतिहास का आसव है."
कोन्याक ब्रांडी का एक प्रकार है जो फ्रांस में वाइन के लिए मशहूर इलाके कोन्याक में तैयार होता है. इसे यह नाम भी फ्रांस की कोन्याक कम्यून के नाम पर मिला है. कोन्याक को अंगूरों की कुछ खास किस्मों से तैयार व्हाइट वाइन से बनाया जाता है. इसके साथ ही इसकी अलग अलग किस्मों में मेवा, फल, कैरामेल, शहद, वनीला और कई दूसरे मसाले मिलाए जाते हैं. इनसे इनका अलग स्वाद निखरता है.
आमतौर पर अंगूर का रस निकाले जाने के बाद और बोतल बंद हो कर बाजार में पहुंचने के बीच में कम से कम दो साल का वक्त लगता है. इस दौरान इसे बलूत के पीपों में तैयार होने के लिए रखा जाता है. बदलते मौसमों के बीच इसका एक एक कतरा तैयार होता है और जितना ज्यादा वक्त लगे जायका उतना ही बढ़ता जाता है.
कोन्याक की ग्रेडिंग में इस वक्त की भी अहम भूमिका है. चार प्रमुख ग्रेडों में सबसे जल्दी तैयार होने वाली कोन्याक के लिए यह वक्त 2 साल का है. सबसे उम्दा मानी जाने वाली कोन्याक को तैयार होने में 10 साल लगते हैं. इसके अलावा एक कैटेगरी उस कोन्याक की भी है जिसे बेयोन्ड एज कहा जाता है. यह वो कोन्याक है जो बहुत ऊंचे दर्जे की होती है और इसमें लगने वाला समय निर्धारित श्रेणियों में नहीं आता और इसे तय भी नहीं किया जा सकता है. यह कुछ भी हो सकता है 10, 20, 30 साल या उससे भी ज्यादा.
फाउले ने समाचार एजेंसी पीए से कहा था कि इस कोन्याक का ना सिर्फ स्वाद अच्छा होना चाहिए बल्कि इसके सारे गुण भी इसमें मौजूद होंगे. उन्होंने कहा, "हम यह मान रहे हैं कि इसमें अल्कोहल का स्तर बहुत ऊंचा होगा और उसने सैकड़ों सालों में इसके लिए रक्षक का काम किया होगा."
निखिल रंजन (डीपीए)
ये हैं दुनिया की 10 सबसे कड़क बियर
जर्मनी के म्यूनिख में दुनिया कि एक से एक स्ट्रॉन्ग बियर को पेश की जाती है. डालते हैं एक नजर दुनिया की दस स्ट्रॉन्ग बियर पर..
तस्वीर: Brewmeister
सैमुअल एडम्स यूटोपियास- 28% एल्कोहल
तांबे की केतली की तरह दिखने वाली इस सेरेमिक बॉटल में शेरी, ब्रांडी, कोनिएक, व्हिस्की और स्कॉच मिलती है. यह बियर 22 साल और इससे अधिक उम्र के लोगों के तैयार की जाती है. बोस्टन की बियर कंपनी सैमुअल एडम्स हर दो साल में अपनी इस कड़क बियर की खेप बाजार में उतारती है. 200 डॉलर की रिटेल कीमत के साथ यह अमेरिका की सबसे महंगी बियर है.
तस्वीर: Samuel Adams
ब्रयूडॉग टैक्टिकल न्यूक्लियर पैंगुइन- 32%
स्टॉकलैंड में बनने वाली शराब ब्रयूडॉग पिछले कई सालों से रिकॉर्ड बनाती आ रही है. साल 2009 में लॉन्च की गई यह बियर दुनिया की सबसे स्ट्रॉन्ग बियर मानी जाती थी. इसे बनाने वाले मानते हैं कि इसका आनंद व्हिस्की की तरह छोटे घूंटों में लिया जा सकता है.
तस्वीर: BrewDog
स्ट्रयूज ब्लैक डेमनेशन VI-मैसी- 39%
द स्ट्रयूज ब्राउवर्स बेल्जियम में तैयार की जाती है. इनकी सीरीज में VI - मैसी 39 फीसदी एबीव्ही (एल्कोहल बाय वॉल्यूम) के साथ सबसे कड़क मानी जाती है. हालांकि इसे कमर्शियल रूप में बाजार में कभी नहीं उतारा गया. फेस्टिवल में इसका स्वाद चखने वाले लोग इसे असली बियर जैसा ही मानते हैं.
तस्वीर: De Struise Brouwers
स्रोशब्रराऊ स्रोशबोक 40- 40%
जर्मनी में तैयार होने वाली स्रोशब्रराऊ दुनिया की सबसे कड़क बियर बनने की टक्कर में ब्रयूडॉग को सीधी टक्कर देती है. कंपनी पहले ही स्रोशबोक 31 फीसदी को लेकर अपनी इच्थाएं साफ कर चुकी है. इसका 40 फीसदी वाले वर्जन ने साल 2009 में ब्रयूडॉग पैंगुइन को पीछे छोड़ दिया था.
तस्वीर: Schorschbräu
ब्रयूडॉग सिंक द बिस्मार्क- 41%
अपने जर्मन प्रतिस्पर्धी पर सीधा निशाना साधते हुए कंपनी ने साल 2010 में पहले के मुकाबले और अधिक कड़क बियर उतारी. इसका नाम जर्मनी के पूर्व शासक के नाम पर रखा. कंपनी ने इसे चौगुने असर वाला बताया. इसकी 1 बोतल की कीमत 100 यूरो है जो आम बियर के मुकाबले 40 गुना अधिक है.
तस्वीर: BrewDog
ब्रयूडॉग द ऐंड ऑफ हिस्ट्री- 55%
ब्रयूडॉग ने 55% ब्लॉन्ड बेल्जियम एले के साथ दुनिया की सबसे मजबूत बियर की लड़ाई को खत्म करने की तैयारी की. ब्रयूडॉग ने अपनी इस पेशकश में एक विवादास्पद विजुअल भी लगाया. साल 2010 में इसकी महज 12 बोतलें तैयार की गईं. हालांकि 2016 में इसकी कुछ बोतलें निकाली जिसे कंपनी में निवेश करने वालों को दिया गया.
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स्रोशब्रराऊ स्रोशबोक 57- 57%
साल 2010 में आई स्रोशब्रराऊ 43 फीसदी को अपडेट करते हुये कंपनी ने साल 2011 मे स्रोशब्रराऊ 57 को बाजार में उतारा. इसकी जर्मन प्रतिस्पर्धी ने दावा किया कि जर्मनी में शराब बनाने के कानूनों की अनदेखी किये बिना एबीव्ही के इस स्तर पर आना संभव नहीं है. 200 यूरो की कीमत वाली इस बियर कि शुरुआत में महज 36 बोतल ही तैयार की गईं थी.
तस्वीर: Schorschbräu
द कोयेलचिप स्टार्ट द फ्यूचर- 60%
डच शराब कंपनी कोयेलचिप भी कुछ अल्ट्रा स्ट्रॉन्ग बियर बनाती है. कोयेलचिप का शाब्दिक अर्थ होता है "द रेफ्रिजिरेटिड शिप". कंपनी ने 60 फीसदी एबीव्ही मात्रा वाली बियर को नाम दिया स्टार्ट द फ्यूचर. इसका भी सीमित उत्पादन किया गया और काफी किफायती कीमत में इसे बाजार में उतारा गया.
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ब्रूमेइस्टर आर्मेगाडन- 65%
स्काटलैंड की शराब कंपनी ब्रूमेइस्टर ने साल 2020 में आर्मेगाडन नाम की एक बियर लाइन जारी कर दुनिया की सबसे मजबूत बियर पेश करने का दावा किया. हालांकि लैब टेस्ट से पता चला कि इस उत्पाद में इथेनॉल मतलब शुद्ध शराब का इस्तेमाल किया गया था. इसके बाद इसे ब्रूमेस्टर की लाइनअप से हटा दिया गया.
तस्वीर: Brewmeister
ब्रूमेइस्टर स्नैक वेनम- 67.5%
साल 2013 में ब्रूमेइस्टर ने सबसे स्ट्रांग बियर आर्मेगाडन को हटाकर स्नैक वेनम बाजार में उतारी. इसकी एक बोतल, किसी स्ट्रॉन्ग शराब के 15 शॉट के बराबर है. कंपनी ने अपनी बोतलों में यह भी हिदायत लिखी है कि एक बार में 35 मिलीलीटर से अधिक मात्रा का सेवन न करें. रिपोर्ट- ऐलिजाबेथ ग्रेनियर