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"26/11 की कार्रवाई में भारत की वजह से देरी"

२८ नवम्बर २०१०

पाकिस्तान ने कहा है कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई हमले के मामले में सात संदिग्ध आतंकियों के खिलाफ मुकदमे की कार्रवाई भारत की वजह से रूकी हुई है क्योंकि वह मुख्य गवाहों से पूछताछ की इजाजत नहीं दे रहा है.

तीन दिन चला हमलातस्वीर: picture-alliance/dpa

पाकिस्तान का एक कमीशन भारत आकर हमले के दौरान पकड़े गए आतंकवादी अजमल कसाब का बयान लेना चाहता है क्योंकि वह हमले की अहम कड़ी है. पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने कहा, "देर पाकिस्तान की वजह से नहीं हो रही है. हमने भारत के सामने प्रस्ताव रखा है कि अजमल कसाब के बयान की पुष्टि करने के लिए एक कमीशन भारत आना चाहता है लेकिन भारत की ओर से अभी तक किसी तरह का कोई जवाब नहीं मिला है. देर भारत की वजह से हो रही है."

रहमान मलिक के मुताबिक उन्होंने भारत से कुछ सवाल पूछे हैं और उनके जवाब का इंतजार है. पाकिस्तानी कमीशन में बचाव पक्ष का वकील, अभियोजन पक्ष का वकील और संघीय जांच एजेंसी के अधिकारी शामिल हैं. मलिक का कहना है कि कमीशन का गठन हो चुका है और भारत से हरी झंडी मिलते ही वह पहुंच जाएगा.

तस्वीर: AP

पाकिस्तान ने कहा है कि अजमल कसाब के बयान को आधार बनाया गया है लेकिन कोर्ट उसके बयान की पुष्टि कर लेना चाहती है. रहमान मलिक ने एक सवाल के जवाब में माना कि भारतीय गृह मंत्री पी चिदम्बरम पाकिस्तान में आरोपियों के खिलाफ मुकदमे की रफ्तार पर असंतोष जाहिर कर चुके हैं. मलिक ने दोहराया कि पाकिस्तान आतंकवाद से मुकाबले में भारत की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है.

पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी ने सात संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है जिनमें लश्कर ए तैयबा के कमांडर जकीउर रहमान लखवी भी शामिल हैं. इन पर मुंबई में आतंकवादी हमलों की साजिश रचने का आरोप है जिसमें 166 लोगों की मौत हो गई थी. लेकिन मुकदमे की कार्रवाई में लगातार देरी हो रही है और 160 गवाहों में से सिर्फ एक की ही गवाही हो पाई है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए जमाल

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