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26/11 के अपराधियों को सजा मिले

२६ नवम्बर २०१३

मुंबई हमले के पांच साल बीत जाने के बाद भी उन तीन दिनों में हुई खूनी होली का हिसाब किताब पूरा नहीं हुआ है. संयुक्त राष्ट्र ने भी माना कि इस भयानक अपराध के लिए अपराधियों को सजा मिलना जरूरी है.

तस्वीर: AP

भारत भर में अपनी रौनक भरी रातों और रफ्तार भरे दिन के लिए मशहूर मुंबई शहर 26 नवंबर 2008 को खून में नहा गया. मुंबई के पांच सितारा होटल में पांच बंदूकधारी घुस गए और इसके साथ ही शुरू हुआ मौत का खेल जो तीन दिन बाद 166 लोगों की जान लेने के बाद ठंडा हुआ. बीते पांच सालों में लोगों की यादें भले धुंधली पड़ गई हों लेकिन पीड़ितों के परिवारों को इंसाफ नहीं मिला है.

हादसे की पांचवीं बरसी पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के प्रवक्ता मार्टिन नेसिरकी ने कहा, "26/11 का हादसा जिसमें 166 जानें गईं एक जघन्य अपराध और डरावना आतंकवादी हमला था." उन्होंने कहा, "निसंदेह यह बहुत जरूरी है कि इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा मिले." उन्होंने माना कि इस मामले में कुछ हद तक ही कार्रवाई हुई है.

'जिम्मेदार लोगों को सजा मिले'तस्वीर: picture alliance/abaca

मुंबई हमले में जिंदा पकड़े गए एकलौते आतंकवादी अजमल कसाब पर मुकदमा चला और दोषी करार दिए जाने पर नवंबर 2012 में उसे फांसी पर चढ़ा दिया गया. मामले की जांच में भारत पाकिस्तान की तरफ से पर्याप्त सहयोग ना होने का भी आरोप लगाता रहा है. इस बीच दोनो देशों के बीच अविश्वास की दीवार और भी बड़ी होती दिखने लगी है. ऐसा लगता है कि पाकिस्तान मामले की छानबीन और अपराधियों को सजा दिए जाने की दिशा में कोई खास कोशिशें नहीं कर रहा है.

अमेरिका ने भी मांगा जवाब

इस मौके पर अमेरिका ने भी पाकिस्तान से कहा है कि वह मुंबई हमले के अपराधियों और हमले के पीछे शामिल ताकतों को सजा दे. अमेरिका के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर कहा, "राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि मुंबई हंमलों के अपराधियों, पैसा लगाने वालों और प्रयोजकों को उनके अपराध के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए. इस तरह के आतंकवादी हमले हम सभी की सामूहिक सुरक्षा पर हमला हैं. हमारी सरकारें साथ मिलकर आतंकवाद से लड़ने की कोशिश कर रही हैं."

उन्होंने यह भी कहा, "नवंबर के उस भयानक दिन दुनिया के एक बड़े और खूबसूरत शहर में आतंकवादी हमले के भयानक मंजर को सारी दुनिया ने देखा जिसमें कई मासूमों की जानें गई. इनमें 6 अमेरिकी भी थे." ओबामा के प्रवक्ता ने मुंबई वासियों के हौसले की तारीफ करते हुए कहा, "जिस साहस और एकता का प्रदर्शन मुंबई के लोगों ने किया, वह इस कायरता भरी हरकत से कहीं ताकतवर था. पांच साल बाद भी हम कुछ नहीं भूले हैं."

नवाज शरीफ के अमेरिका दौरे के दौरान भी अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मुंबई हमलों का जिक्र किया. इसके अलावा सितंबर में जब संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में मनमोहन सिंह शरीफ से मिले तब भी 26/11 के गुनहगारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. शरीफ इस बात का आश्वासन तो देते आए हैं कि गुनहगारों के खिलाफ इंसाफ जरूर होगा, पर अब तक पाकिस्तान की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं.

रिपोर्ट: समरा फातिमा (पीटीआई)

संपादन: ईशा भाटिया

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