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3जी फोन वाला भारत इंटरनेट में पिछड़ा हुआ

३० मार्च २०११

भारत रूस, ब्राजील और चीन से इंटरनेट कनेक्शन के मामले में काफी पीछे है. ब्रिटेन की रिस्क एनालिसिस कंपनी मैपल क्रॉफ्ट ने कहा है कि भारत बहुत जोखिम वाली श्रेणी में आता है. अब भी बहुत कम भारतीयों को इंटरनेट उपलब्ध है.

तस्वीर: DW/Potts

डिजिटल इन्क्लूजन इनडेक्स दिखाता है कि किस देश की कितनी जनसंख्या डिजिटल क्रांति से जुड़ी हुई है. ब्रिटेन की मैपल क्रॉफ्ट के मुताबिक भारत में अधिकतर जनसंख्या अब भी इस क्रांति से दूर ही है. इस इंडेक्स में भारत 39वें नंबर पर है, जबकि रूस 134वें, ब्राजील 110वें और चीन 103वें पायदान पर हैं. इस इंडेक्स में ज्यादा अंक मिलने वाले देश ऊपर के पायदानों पर गिने जाते हैं.

मैपल क्रॉफ्ट के प्रमुख एलिसन वॉरहर्स्ट कहते हैं, "डिजिटल इन्क्लूजन के जरिए उन देशों के लोगों तक शिक्षा पहुंचाने में आसानी हो सकती है जहां शिक्षा की संरचना कमजोर है और शिक्षकों की कमी है."

सीमित हैं पहुंच

इंटरनेट तक पहुंच आर्थिक गतिविधियों में भागीदारी और लोकतांत्रिक प्रणाली में सुधार के लिए मददगार साबित हो सकती है. इस सर्वे में 186 देशों को शामिल किया गया ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि किस देश की जनसंख्या में डिजिटल इन्क्लूजन की कमी है. इसके लिए 10 मानकों के आधार पर फैसला किया गया कि मोबाइल और ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन के जरिए संचार तकनीक से कितने लोग जुड़े हुए हैं.

ईरान और मध्यपूर्व के कई देशों में इंटरनेट राजनीतिक बदलाव के लिए हवा बनाने का जरिया बन रहा हैतस्वीर: DW

मजबूत आर्थिक विकास के बावजूद ब्रिक देश (ब्राजील, रूस, भारत और चीन) अब भी डिजिटल इन्क्लूजन इनडेक्स के मामले में पिछड़े हैं.

जिन देशों में जनसंख्या का बड़ा हिस्सा संचार तकनीक से जुड़ा हुआ है उसमें नीदरलैंड्स 186 वें नंबर पर सबसे ऊपर है. स्वीडन 183वें और ब्रिटेन 182वें स्थान पर है.

अंतर ज्यादा

भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज अर्थव्यवस्थाओं में गिनी जाती है लेकिन शोध में पाया गया है कि कि इस आर्थिक विकास का निचले स्तर पर कोई फायदा नहीं हो रहा है और अधिकतर जनसंख्या इंटरनेट से जुड़ी ही नहीं है. भारत दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल मार्केट है. यहां 77 करोड़ से ज्यादा मोबाइलधारक हैं और हर महीने एक करोड़ 90 लाख लोग इससे जुड़ रहे हैं. लेकिन भारत की जनसंख्या के अमीर लोग ही इंटरनेट से जुड़े हैं. खासकर शहरी लोग आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हैं.

ग्रामीण इलाकों में कम्युनिकेशन तकनीक का दूर दूर तक पता नहीं है. भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस डिजिटल विभाजन को गंभीर खतरा बताया है. शोध में पाया गया कि भारत में इंटरनेट बहुत महंगा है, शिक्षा की कमी है और साक्षरता की दर सिर्फ 63 फीसदी है. भारत के कई हिस्सों में इंटरनेट की कनेक्टिविटी भी बहुत कम है.

स्कूली पाठ्यक्रम में कंप्यूटर और इंटरनेट की अहमियत लगातार बढ़ रही हैतस्वीर: AP

चीन सबसे आगे

फिलहाल भारत में 3जी फोन्स का चलन बढ़ रहा है. इससे उम्मीद की जा रही है कि इंटरनेट कनेक्टिविटी आसान हो जाएगी और ग्रामीण इलाकों तक भी यह आसानी से पहुंच सकेगा. चीन में सबसे ज्यादा इंटरनेट यूजर्स हैं. चीन के 42 करोड़ लोग इंटरनेट से जुड़े हैं. यह एशिया में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों का पचास फीसदी है. लेकिन वहां इंटरनेट की आजादी एक बड़ी परेशानी है.

इंडेक्स में 39 से नीचे देशों को एक्स्ट्रीम रिस्क वाली श्रेणी में रखा गया है. इनमें से 29 देश अफ्रीका से हैं. जोखिम के मामले में नाइजीरिया सबसे नीचे पहले नंबर पर है, चाड दूसरे और इथोपिया तीसरे पर.

रिपोर्टः एएफपी/आभा एम

संपादनः ए कुमार

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