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3 साल के बच्चों में रंगभेद का बीजः शोध

३ अगस्त २०११

कम उम्र में ही बच्चे रंगभेद सीख लेते हैं. हांगकांग में हुए एक सर्वे से यह बात साबित होती है. जानकारों की राय में बच्चों को सही शिक्षा देनी चाहिए ताकि रंगभेद के मुद्दों में वे ना पड़ सकें.

सही शिक्षा की जरूरततस्वीर: dapd

तीन साल की उम्र के बच्चे काले लोगों के प्रति ज्यादा पक्षपाती होते हैं. दक्षिण चीन के अखबार 'मॉर्निंग पोस्ट' में छपे सर्वे के मुताबिक तीन साल और छह साल की उम्र के 152 बच्चों को आमने सामने सर्वे किया गया. इन बच्चों को अलग अलग त्वचा के रंग के प्रति उनके व्यवहार को वर्णन करने को कहा गया. बच्चों को ऐसे लोगों की तस्वीरें दिखाई गईं जिनकी त्वचा के रंग अलग थे. उन्हें रंग के आधार पर स्कोर देने को कहा गया. हर बच्चे को चार नंबर के भीतर स्कोर देने को कहा गया.

तस्वीर: AP

कम उम्र में रंगभेद

बच्चों को सकारात्मक और नकारात्मक गुणों पर स्कोरिंग करने को कहा गया जिसमें मित्रता, सुंदरता, ईमानदारी सहित शिष्टाचार, स्वार्थ और रुखापन शामिल हैं. एक विवरण 'काले अनुकूल हैं' को औसतन 2.43 नंबर मिले जबकि गोरे और गेहूंए रंग के लोगों को क्रमश 3.42 और 3.14 नंबर मिले.

सर्वे में 'काले खूबसूरत होते हैं' नाम के विवरण को सिर्फ 1.37 अंक मिले. बच्चों ने गोरी त्वचा के लिए 3.19 अंक दिए जबकि एक हद तक पीली त्वचा वालों को 2.96 स्कोर दिया गया. इन बच्चों की नस्लीय पृष्ठभूमि की कोई जानकारी नहीं दी गई है. यह सर्वे हांगकांग के बाल शिक्षा और समुदाय सेवा विभाग ने कराया है. हांगकांग में इस तरह का सर्वे पहली बार किया गया है.

सावधान हों अभिभावक

हांगकांग इंस्टीट्यूट ऑफ वोकेशनल एजुकेशन के लाम वून क्वांग के मुताबिक, "कम उम्र में भेदभाव की समस्या को हम वास्तविकता से कम नहीं आंक सकते. मैं आशा करता हूं कि सरकार ऐसी योजना बनाएं जिससे बच्चों को सही समय पर सही मूल्य सिखाए जा सकें."

चीन विश्वविद्यालय के शैक्षिक मनोविज्ञान विभाग की प्रोफेसर वॉन्ग वान ची कहती हैं, "आमतौर पर बच्चे कम उम्र में भेदभावपूर्ण व्यवहार नहीं करते. इस तरह के व्यवहार फितरत में नहीं होते. यह ज्यादा शिक्षा से जुड़ा होता है." वॉन्ग के मुताबिक अभिभावकों और शिक्षकों को अधिक संवेदनशील और अपने स्वयं के व्यवहार के बारे में सावधान रहना चाहिए.

रिपोर्ट: डीपीए/आमिर अंसारी

संपादन: ए कुमार

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