कानपुर पुलिस ने तीन लोगों को एक मुस्लिम ई-रिक्शा चालक की पिटाई और कथित तौर पर "जय श्रीराम" के नारे लगवाने के आरोप में गिरफ्तार किया है.
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सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो में भगवा गम्छा डाले कुछ लोग एक ई-रिक्शा चालक अफसर अहमद के साथ मारपीट करते दिखाई दे रहे हैं. सोशल मीडिया पर 45 वर्षीय मुस्लिम पुरुष की पिटाई का वीडियो सामने आया था, उस वीडियो में कुछ लोग कथित तौर पर मुस्लिम शख्स से "जय श्रीराम" के नारे लगवाते दिखाई दे रहे हैं, शख्स की 5 साल की बेटी पिता को जाने देने के लिए मिन्नतें करती दिख रही है. शख्स की पिटाई और नारे लगवाने की कथित घटना बुधवार की है.
तीन आरोपी गिरफ्तार
कानपुर की डीएसपी (दक्षिण) रवीना त्यागी ने मीडिया को बताया कि यह घटना बुधवार को बर्रा इलाके में हुई. कानपुर सिटी के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने कहा कि इस मामले में तीन आरोपियों अजय उर्फ राजेश बैंड वाला, अमन गुप्ता और राहुल कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है और बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि बजरंग दल के कई कार्यकर्ताओं ने तीनों की गिरफ्तारी के खिलाफ गुरुवार रात कानपुर में डीसीपी (दक्षिण) कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
भारत का प्राचीन मंदिर बना यूनेस्को विश्व धरोहर
यूनेस्को ने नई विश्व धरोहरों का ऐलान कर दिया है. भारत के एक प्राचीन मंदिर को भी इस बार की सूची में जगह मिली है.
तस्वीर: ASI
रामप्पा मंदिर, भारत
हैदराबाद से 200 किलोमीटर दूर यह मंदिर चूना पत्थर और बेसाल्ट का बना है. इसे 13वीं सदी में बनाया गया था और यह ककाती भवन-निर्माण कला का अद्भुत नमूना है.
तस्वीर: ASI
यूरोप के स्नानघर
यूरोप में कई शहरों में ऐसे स्नानघर बने हैं जैसे ब्रिटेन के बाथ शहर का यह स्नानघर, जिसे पहली सदी में बनाया गया था. इसमें आज भी गर्म पानी आता है. फ्रांस, जर्मनी, चेक गणराज्य, इटली और बेल्जियम के स्नानघरों को मिलाकर सूची में एक साथ शामिल किया गया है.
तस्वीर: Peter Phipp/World Pictures/Photoshot/picture-alliance
ग्वांगजो बंदरगाह, चीन
चीन के प्राचीन ग्वांगजो बंदरगाह की तारीफ इटली के खोजी मार्को पोलो ने दुनिया के सबसे शानदार और संपन्न शहर के रूप में की थी. चीन के पूर्वी तट पर स्थित इस शहर ने सिल्क रूट के समुद्री रास्ते में अहम भूमिका निभायी.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/N. Evatt
डियर स्टोन स्मारक, मंगोलिया
मंगोलिया में मौजूद कांस्य युग के इन पत्थरों पर बहुत खूबसूरत चित्रकारी की गई है और विभिन्न जानवर, हथियार व पैटर्न बनाए गए हैं. एक से चार मीटर की ऊंचाई वाले ये पत्थर अद्भुत विरासत हैं.
हिमा में चट्टानों पर उकेरी गईं ये कलाकृतियां अरब प्रायद्वीप में 7,000 साल पुरानी सभ्यता के अनूठे बयान हैं. इन कलाकृतियों में शिकार के दृश्य चित्रित हैं. अरबी, ग्रीक और मसनद लिपियों में कहानियां भी दर्ज हैं.
तस्वीर: Saudi Arabia's Ministry of Culture/Xinhua/picture alliance
कोरदुआं लाइटहाउस, फ्रांस
68 मीटर ऊंचा यह लाइटहाउस फ्रांस में अपनी तरह की सबसे पुरानी इमारत है. 1611 में इंजीनियर लुई दा फुआ ने इसे डिजाइन किया था और यह तब से ही काम में लाया जा रहा है. इस तक सिर्फ नौका से पहुंचा जा सकता है.
16वीं सदी में बना मैड्रिड का यह मार्ग और किनारे पर 17वीं सदी में बना उद्यान अब विश्व धरोहर बन गया है. इस उद्यान में कला और संस्कृति के कई अहम संस्थानों का घर है जैसे प्रादो म्यूजियम और राइना सोफिया आर्ट गैलरी.
तस्वीर: Luis Soto/SOPA Images/Zuma Wire/picture alliance
कलाकार कॉलोनी, जर्मनी
हेसन के ग्रैंड ड्यूक एर्नेस्ट लुडविग ने 1899 में इस जगह को कला के प्रचार प्रसार के लिए स्थापित किया था. 1901 से यहां कला प्रदर्शनियां आयोजित होने लगीं. यहां एक रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च, एक प्रदर्शनी भवन और मशहूर वेडिंग टावर भी है, जिसे एर्नेस्ट लुडविग की दूसरी शादी के उपलक्ष्य में बनाया गया था.
तस्वीर: Gaby Kunz/Augenklick/picture alliance
न्यू डच वॉटरलाइन, नीदरलैंड्स
नीदरलैंड्स में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के मकसद से बनाई गई न्यू डच वॉटरलाइन असल में 45 किलों और छह किलेबंदियों का एक समूह है जो 85 किलोमीटर में फैला है. 1815 से 1940 के बीच सक्रिय रही इस घेरेबंदी का मकसद दुश्मन को देश के नजदीक आने से रोकना था.
तस्वीर: Sem van der Wal/AFP
पादुआ के भित्तिचित्र, इटली
14वीं सदी के ये मशहूर भित्तिचित्र आठ धार्मिक और धर्मनिरपेक्ष इमारतों की सजावट हैं, जो पादुआ शहर में स्थित हैं. अलग-अलग कलाकारों द्वारा बनाए ये चित्र एक जैसे ही लगते हैं.
1927 से 1938 के बीच बनी 1,394 किलोमीटर लंबी यह रेल लाइन ईरान के आर-पार कैस्पियन सागर को फारस की खाड़ी से जोड़ती है. इस पर 324 पुल और 224 गुफाएं हैं.
तस्वीर: MEHR
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क्या है पूरा मामला
दरअसल बुधवार की घटना एक महीने पुरानी एक घटना से जुड़ी है. रिपोर्टों के मुताबिक कानपुर के बर्रा इलाके के परिवार की एक नाबालिग बेटी से कुछ युवकों ने कथित तौर पर छेड़खानी की थी. हिंदू परिवार का आरोप था कि छेड़खानी करने वाले धर्मांतरण का दबाव बनाने लगे.
पुलिस का कहना है कि विवाद बाद में जबरन परिवर्तन के आरोप में जा बदला. अफसर अहमद आरोपियों के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं. बुधवार को हिंदू संगठन से जुड़े कुछ लोग छेड़खानी के आरोपियों के घर पहुंचे थे लेकिन उनके नहीं मिलने पर वे अफसर को पीटने लगे.
एसीपी (गोविंदनगर) विकास पांडे ने मीडिया को बताया, "एक हिंदू संगठन के कुछ लोग विवाद में शामिल परिवारों में से एक से मिलने आए थे, उनकी ओर से कार्रवाई की मांग कर रहे थे. जब वे वहां थे तो कुछ स्थानीय निवासियों ने दूसरे परिवार के एक व्यक्ति को पकड़ लिया और उसकी पिटाई कर दी. उसे पुलिस ले गई और अब वह ठीक है.”
कानपुर प्रशासन ने बर्रा इलाके में स्थिति को देखते हुए पुलिस की तैनाती की है. अहमद ने अपनी शिकायत में पांच लोगों का नाम लिया है, जबकि 10 अज्ञात हैं. मुस्लिम शख्स की पिटाई पर राजनीतिक दलों ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है.
कानून से अनाथ बच्चों की भलाई
जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में कई अहम संशोधन किए गए हैं. सरकार का कहना है कि इन संशोधनों से बच्चा गोद लेना आसान होगा और उनकी सुरक्षा भी बढ़ेगी. इस विधेयक में बाल संरक्षण को मजबूत करने के उपाय भी हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/STR
गोद लेने की प्रक्रिया आसान
किशोर न्याय अधिनियम, 2015 में संशोधन करने के लिए किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021 राज्यसभा में पारित हो चुका है और यह जल्द ही कानून बन जाएगा. इस कानून के तहत बच्चों के गोद लेने की प्रक्रिया आसान बनाई जा रही है.
सरकार का कहना है कि किशोर न्याय अधिनियम, 2015 में संशोधन से कानून मजबूत होगा और बच्चों की सुरक्षा बेहतर ढंग से होगी.
तस्वीर: IANS
अनाथ बच्चों का कल्याण
सरकार का कहना है कि यह एक बेहतर कानून है जिससे अनाथ बच्चों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलना सुनिश्चित किया जा सकता है. कानून के प्रभावी तरीके से लागू होने से अनाथ बच्चों को शोषण से बचाया जा सकता है.
तस्वीर: Getty Images/Y. Nazir
किशोर अपराध से जुड़े मामले जल्द निपटेंगे
संशोधित कानून में एक अहम बदलाव ऐसे अपराध से जुड़ा है जिसमें भारतीय दंड संहिता में न्यूनतम सजा तय नहीं है. 2015 में पहली बार अपराधों को तीन श्रेणियों में बांटा गया-छोटे, गंभीर और जघन्य अपराध. तब ऐसे केसों के बारे में कुछ नहीं बताया गया था जिनमें न्यूनतम सजा तय नहीं है. संशोधन प्रस्तावों के कानून बन जाने से किशोर अपराध से जुड़े मामले जल्द निपटेंगे.
तस्वीर: DW/M. Kumar
बाल कल्याण समिति
संशोधन प्रस्तावों में बाल कल्याण समितियों (सीडब्ल्यूसी) को ज्यादा ताकत दी गई है. इससे बच्चों का बेहतर संरक्षण करने में मदद मिलेगी. एक्ट में प्रावधान है कि अगर बाल कल्याण समिति यह निष्कर्ष देती है कि कोई बच्चा, देखरेख और संरक्षण की जरूरत वाला बच्चा नहीं है, तो समिति के इस आदेश के खिलाफ कोई अपील नहीं की जा सकती है. बिल इस प्रावधान को हटाता है.
तस्वीर: Manish Swarup/AP Photo/picture-alliance
बढ़ेगी जवाबदेही, तेजी से होगा निस्तारण
संशोधन विधेयक में बच्चों से जुड़े मामलों का तेजी से निस्तारण सुनिश्चित करने और जवाबदेही बढ़ाने के लिए जिला मजिस्ट्रेट व अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को ज्यादा शक्तियां देकर सशक्त बनाया गया है. इन संशोधनों में अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट समेत जिला मजिस्ट्रेट को जेजे अधिनियम की धारा 61 के तहत गोद लेने के आदेश जारी करने के लिए अधिकृत करना शामिल है.
तस्वीर: Reuters/A. Dave
और भी बदलाव
विधेयक में सीडब्ल्यूसी सदस्यों की नियुक्ति के लिए पात्रता मानकों को फिर से परिभाषित किया गया है. सीडब्ल्यूसी सदस्यों की अयोग्यता के मानदंड भी यह सुनिश्चित करने के लिए पेश किए गए हैं कि, केवल आवश्यक योग्यता और सत्यनिष्ठा के साथ गुणवत्तापूर्ण सेवा देने वालों को ही सीडब्ल्यूसी में नियुक्त किया जाए.
तस्वीर: Amarjeet Kumar Singh/SOPA Images via ZUMA Wire/picture alliance
बदलाव की जरूरत क्यों
बाल अधिकार सुरक्षा पर राष्ट्रीय आयोग ने देश भर के बाल संरक्षण गृहों का ऑडिट कर साल 2020 में रिपोर्ट दी थी. 2018-19 के इस ऑडिट में सात हजार के करीब बाल गृहों का सर्वेक्षण किया गया, ऑडिट में पाया गया कि 90 प्रतिशत संस्थानों को एनजीओ चलाते हैं और करीब 1.5 फीसदी कानून के हिसाब से काम नहीं कर रहे थे.