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30 के पार, जगह मैदान पर फार्म हाउस में नहीं

८ नवम्बर २०११

पिछले साल जब डॉर्टमुंड ने युवा ब्रिगेड के साथ जर्मन फुटबॉल लीग बुंडेसलीगा का खिताब जीता तो हर जगह नौजवान खिलाड़ियों की चर्चा होने लगी. लेकिन इस साल के नतीजे बताते हैं कि जीतने के लिए सिर्फ युवा होना काफी नहीं होता.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

अगर इस सीजन के सबसे अच्छे प्रदर्शन को देखा जाए तो उन्हीं खिलाड़ियों पर नजर जाती हैं जो जीवन के 30 साल पार कर चुके हैं. डॉयचे वेले ने उन खिलाड़ियों की एक टीम बनाई है जो तीस के पाले की गलत साइड पर हैं. और टीम न केवल पूरी है बल्कि बहुत जोरदार भी.

फॉरवर्ड लाइन

सामान्य तौर पर कहा जाता है कि स्ट्राइकर अगर ज्यादा उम्र का हो तो वह धीमा हो जाता है. लेकिन गोल करने के लिए सिर्फ स्पीड जरूरी नहीं है. इस तथ्य का सबसे अच्छा उदारहण है ब्रेमन के 33 वर्षीय क्लाउडियो पिजारो. पहले 11 राउंड्स में उन्होंने आठ गोल दागे हैं और चार गोल बनाने में अहम भूमिका निभाई. ब्रेमन के पहले पांच में होने का इकलौता कारण यही खिलाड़ी है. पिछले सप्ताह भी माइन्त्स के खिलाफ खेलते हुए उन्होंने रक्षा पंक्ति के तीन खिलाड़ियों से बचते बचाते बॉल निकाली और पासा पलटते हुए स्कोर बराबर किया और ब्रेमन को 3-1 से जीत मिली.

खुआन अरांगोतस्वीर: picture-alliance/dpa

पिंटो म्योन्चनग्लाडबाख के खुआन अरांगो से बाजी हार गए. 31 साल के खुआन ने टीम को 2-1 से जीत दिलाई. साल भर बाद मैदान पर आने वाले 35 साल के मिषाएल बालाक लेवरकूजेन के लिए अच्छे साबित हो रहे हैं, शुक्रवार को फ्राइबुर्ग के खिलाफ उनका इकलौता गोल इसका सबूत था. इसके अलावा 31 साल के सेबास्टियान केह्ल हैं. जो डॉर्टमुंड की टीम में लौटे हैं.

बैक लाइन

आधुनिक फुटबॉल में डिफेंडर को तेजी से दूसरी टीम के फॉरवर्ड खिलाड़ियों से भिड़ना होता है और हमले रोकने पड़ते हैं. लेकिन अगर अनुभव है और आप विपक्षी टीम के खिलाड़ियों को आंक सकते हैं और अगर एक आध हमला आप न रोक सकें तो भी नुकसान से बचा जा सकता है. इसका सबसे अच्छा उदाहरण हैं हैर्था बर्लिन के लेवान कोबियाश्विली. 34 साल के जॉर्जियाई खिलाड़ी सामान्य तौर पर विपक्षी खिलाड़ियों से दूरी बनाए रखते हैं. लेकिन इसके बाद वह बहुत अच्छा खेल दिखाते हैं. वह बर्लिन के लिए पेनल्टी किक भी लगाते हैं. शनिवार को वोल्फ्सबुर्ग को हराने में उनकी अहम भूमिका थी.

कोबी के धीमे होने पर उनके साथी आंद्रे मियातोविच तेज रहते हैं. 31 साल के क्रोएशियाई मूल के खिलाड़ी का खेल डिफेंडर के तौर पर अच्छा है. इनसे बिलकुल अलग मिजाज के बायर्न म्यूनिख के खिलाड़ी डानिएल फान ब्यूटेन हैं. यह बताना मुश्किल है कि 31 साल के बेल्जियाई खिलाड़ी को कितनी बार कमजोर कहा गया लेकिन जितनी बार उन्हें टीम में लिया गया उतनी बार बायर्न को फायदा हुआ है. एक अन्य खिलाड़ी हैं ब्रेमन के क्लेमेन्स फ्रित्स. उन्हें देख कर लगता ही नहीं कि वह 31 साल के हैं.

गोल के लिए हमने चुना है आउग्सबुर्ग के सिमोन येनश्च. जर्मनी के फर्स्ट डिविजन में आए इस खिलाड़ी के लिए जीवन आसान नहीं था. आउग्सबुर्ग को सेफ जोन में रहने के लिए अपने 35 साल के गोलकीपर का धन्यवाद करना चाहिए. ब्रेमन के खिलाफ टूटी अंगुली के साथ खेलना और 1-1 से ड्रॉ बहुत अच्छा प्रदर्शन था. ये 11 खिलाड़ी दिखाते हैं कि उन्हें 30 साल से ज्यादा होने के कारण रिटायरमेंट होम में जगह बुक करने की जरूरत नहीं हैं. लेकिन वह दिखाते हैं उनकी जगह मैदान पर है फार्म पर नहीं.

हर्था बर्लिन के लेवानतस्वीर: dapd

रिपोर्टः जेफर्सन चेस/आभा एम

संपादनः ए कुमार

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