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30 साल पर भारी 18 दिन

११ फ़रवरी २०११

सबसे आधुनिक अरब देश मिस्र 18 दिनों तक अलग ही रंग में दिखा. आक्रोश में भरी जनता और गुस्से से लबरेज सड़कें. बेबस सत्ता और हाथ पर हाथ धरी सेना. नजरें गड़ाए बेबस विश्व समुदाय और सबसे मजबूत जनता. कैसे बदली मिस्र की तस्वीर.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

25 जनवरीः अचानक हजारों लोग मिस्र की राजधानी काहिरा में तहरीर चौक पर जमा हो गए. वे मुबारक के 30 साल के शासन को खत्म करने की मांग करने लगे. यह सब ट्यूनिशिया में हुए बदलाव के बाद हुआ.

26 जनवरीः फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स पर पाबंदी लगा दी गई.

27 जनवरीः आईएईए के पूर्व प्रमुख मोहम्मद अल बारादेई ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना में अपने घर से मिस्र की राजधानी काहिरा पहुंच गए और प्रदर्शनकारियों के साथ खड़े हो गए.

28 जनवरीः काहिरा, स्वेज और सिकंदरिया शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया. बाद में पूरे देश में. सेना से कहा गया कि वह इसका सख्ती से पालन कराए. टेलीफोन सेवाएं बाधित हुई. इंटरनेट साइट्स भी ब्लॉक की गईं. अल बारादेई को घर में नजरबंद कर दिया गया.

29 जनवरीः मुबारक ने अपना कैबिनेट भंग कर दिया. लेकिन इस्तीफा देने से इनकार कर दिया. खुफिया विभाग के प्रमुख उमर सुलेमान को उप राष्ट्रपति बना दिया जबकि पूर्व नागरिक विमानन मंत्री अहमद शफीक को प्रधानमंत्री.

30 जनवरीः अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि मिस्र में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की इजाजत होनी चाहिए.

31 जनवरीः मुबारक ने नए मंत्रिमंडल को शपथ दिलाई जिनमें ज्यादातर पुराने चेहरे ही शामिल थे.

1 फरवरीः मुबारक ने एलान किया कि वह अब राष्ट्रपति पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे. लेकिन फौरी तौर पर पद छोड़ने से इनकार कर दिया.

2 फरवरीः राष्ट्रपति के समर्थक पहली बार सड़कों पर नजर आए. घोड़े और ऊंटों पर सवार इन लोगों की सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों से झड़पें भी हुईं.

3 फरवरीः राष्ट्रपति मुबारक ने अमेरिकी चैनल एबीसी को खास इंटरव्यू दिया जिसमें कहा कि वह गद्दी छोड़ने को तैयार है लेकिन इससे देश में अफरातफरी फैल सकती है.

4 फरवरीः काहिरा में फिर लाखों लोग जमा हुए और उन्होंने देश में विदाई दिवस मनाने का फैसला किया. इसी वक्त मुबारक समर्थकों ने वफादारी दिवस मनाया.

6 फरवरीः मिस्र के विपक्षी दलों ने पहली बार सरकार के साथ बातचीत की. बैंक कई दिनों बाद खुले.

7 फरवरीः मिस्र के नए कैबिनेट की पहली बैठक हुई. लोगों के वेतन बढ़ाने का फैसला किया गया.

10 फरवरीः दोपहर बाद से मुबारक के इस्तीफे की अटकलें. अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने भी इसका स्वागत किया. लेकिन मुबारक ने टीवी संदेश में इस्तीफे से इनकार कर दिया.

11 फरवरीः उप राष्ट्रपति सुलेमान ने अचानक टीवी पर आकर मुबारक के इस्तीफे का एलान किया. वह मुश्किल से 20 सेकंड टीवी पर दिखे. इससे पहले मुबारक राजधानी काहिरा छोड़ कर शर्म अल शेख चले गए.

संकलनः डीपीए/ए जमाल

संपादनः ए कुमार

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