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समाज

इतना लंबा कैसे जीते हैं इन पांच जगहों के लोग!

१३ अक्टूबर २०२१

धरती पर मनुष्य की औसत आयु 71.4 वर्ष है. कुछ जगहों पर लोग ज्यादा जीते हैं, कुछ पर कम. लेकिन दुनिया में पांच जगह ऐसी हैं जहां के लोगों की आयु अचंभित करती है.

तस्वीर: Ezequiel BECERRA/AFP

94 साल की उम्र में सातोर नीनो लोपेज हर दिन चार किलोमीटर पैदल चलते हैं. सुबह जल्दी उठ कर वह जलावन के लिए लकड़ियां भी काट लेते हैं. कोस्टा रिका का निकोया प्रायद्वीप धरती की उन जगहों में से एक है जहां सबसे लंबी आयु जीने वाले लोग रहते हैं.

सातोर नीनो कोस्टा रिका के उन 1,010 लोगों में हैं जिनकी आयु 90 साल से ज्यादा है. ये लोग कहीं और से यहां नहीं आए हैं बल्कि हमेशा से यहीं रहे हैं. सातोर बताते हैं, "मेरी उम्र में मैं अच्छा महसूस करता हूं क्योंकि ईश्वर ने मुझे शांति से चलने की शक्ति दी है. मैं एक या चार किलोमीटर तक जाकर वापस लौट सकता हूं, कोई समस्या नहीं है.”

प्रकृति की गोद में

सातोर का घर प्रकृति की गोद में है. लकड़ी की इमारत में कंक्रीट कम मिट्टी और दूसरी चीजें ज्यादा हैं. चारों तरफ हरियाली है और चिड़ियों की चहक का संगीत भी. कोरोना के दौर में भी यहां न तो कोई बदहवासी थी ना कोई परेशानी नहीं.

100 साल के पार जिंदगी

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20वीं सदी के आखिर में डेमोग्राफर मिशेल पाउलन और फिजिशन जॉनी पेस ने नक्शे पर नीली स्याही से इटली के सारडीनिया को चिन्हित किया. उन्होंने देखा कि यहां की आबादी काफी लम्बा जीती है. 2005 में अमेरिका के डैन गोअर्टनर ने पता लगाया कि कैलिफॉर्निया के लोमा लिंडा, ग्रीस के इकेरिया, जापान के ओकिनावा और कोस्टा रिका के निकोया में भी यही खासियत है. इन्हीं जगहों को ब्लू जोन नाम दिया गया.

निकोया में लोग सुबह में चावल और बीन्स खाते हैं. बाद में थोड़े से मांस, फल और आवाकाडो की बारी आती है. यहां का खाना यही है.

राज क्या है?

सातोर नीनो के पड़ोस में ही 91 साल की क्लेमेंटीना रहती हैं. उनके पति और ऑगस्टीन सौ साल के हैं.  क्लेमेंटीना के 18 बच्चे हुए जिनमें से 12 जिंदा हैं. छोटे-छोटे कदमों से चलकर वह मुर्गियों को दाना डालती हैं, किचन में बर्तन धोती हैं और खाना पकाती हैं. इस उम्र में भी उनकी ऊर्जा कोस्टा रिका के 80 साल और बाकी दुनिया के 72 साल के इंसान जितनी है. आखिर इसका राज क्या है?

तस्वीर: Ezequiel BECERRA/AFP

क्लेमेंटीना बताती हैं, "गांव में आप ज्यादा शांति से रहते हैं. शहरों की तरह नहीं जहां आपको बहुत सावधान रहना पड़ता है. गांव के लोग ज्यादा शांति से जीते हैं और आपके लिए उतना खतरा नहीं होता."

जीवन में लक्ष्यों को बनाए रखना उन्हें सेहतमंद बनाता है. इन लोगों की मदद के लिए एक सपोर्ट सिस्टम भी है. ये लोग मेहनत करते हैं, खुद से उगाया खाना खाते हैं और तनाव को दूर रखते हैं.

बदल रहा है जीवन

यहीं पर जोश विलेगास का भी घर है. अगले साल मई में वह 105 साल के होंगे और उनकी हसरत है इस मौके पर घोड़े की सवारी करना. हालांकि विलेगास मानते हैं कि उनके आसपास भी चीजें बदल रही हैं.

तस्वीर: Ezequiel BECERRA/AFP

वह कहते हैं, "जीने का तरीका बदल गया है. अब वो पहले जैसा नहीं रहा. लोग पहले एक दूसरे से प्यार करते थे, मदद करते थे. ज्यादा भाईचारा था.”

जानकार बताते हैं कि ब्लू जोन आने वाले कुछ और सालों तक बढ़ते रहेंगे लेकिन ये 20-30 साल से ज्यादा नहीं टिक पाएंगे. धीरे-धीरे इन इलाकों के लोग भी अपने उगाएं खाने से दूर हो रहे हैं. मोटापा और शुगर जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं. आखिर ये इलाके दुनिया भर में हो रहे बदलावों से खुद को कब तक बचा पाएंगे!

रिपोर्टः निखिल रंजन

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