भारत में 5जी परीक्षण से चीनी कंपनियां दूर, अमेरिकी सांसद खुश
६ मई २०२१
भारत सरकार ने दूरसंचार उपकरण विनिर्माता कंपनियों- एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग और सी-डॉट को दूरसंचार कंपनियों के साथ मिलकर 5जी परीक्षण करने की मंजूरी दी है. चीनी कंपनियों के दूर रहने का अमेरिकी सांसदों ने स्वागत किया है.
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अमेरिका के शीर्ष सांसदों ने चीनी दूरसंचार कंपनियों को भारत में 5जी परीक्षण करने की अनुमति नहीं देने के भारत के फैसले की सराहना की है. परीक्षण में शामिल कंपनियां चीनी कंपनी की प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल नहीं कर रही हैं. दूरसंचार विभाग ने रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन और एमटीएनएल के आवेदनों को इसके लिए मंजूरी दी है. इनमें से कोई भी कंपनी चीनी कंपनियों की तकनीक का इस्तेमाल नहीं कर रही है.
चीनी तकनीक को 5जी ट्रायल से दूर रखने के फैसले का अमेरिकी सांसदों ने स्वागत किया है. हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी लीड रिपब्लिकन और चाइना टास्क फोर्स के चेयरमैन माइकल मैककॉल के मुताबिक, "हुवावेई और जेडटीई को 5जी ट्रायल से बाहर करने का भारत का फैसला भारत और दुनिया के लोगों के लिए अच्छी खबर है." उन्होंने कहा चीन में ऐसा कानून है कि अगर चीनी कंपनियों से कहा जाता है कि वे कम्युनिस्ट पार्टी के लिए काम करें तो वे इससे इनकार नहीं कर सकती.
इससे पहले भारती एयरटेल और वोडाफोन ने चीन की हुवावेई कंपनी की तकनीक का इस्तेमाल कर परीक्षण करने का प्रस्ताव पेश किया था. बाद में उन्होंने हालांकि अपने आवेदन में कहा कि 5जी परिक्षण में वह चीन की किसी कंपनी की तकनीक का उपयोग नहीं करेगी.
अमेरिका अपने दोस्तों और सहयोगियों से लगातार कहता आया है कि किसी ऐसी तकनीक का चुनाव न करें जो चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा नियंत्रित हो. कांग्रेस सांसद माइक वाल्ट्ज ने भी भारत के फैसले का स्वागत किया है. चीन की दोनों कंपनियां हुवावेई और जेडटीई अमेरिका में ब्लैकलिस्टेड हैं जबकि ब्रिटेन, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया ने सुरक्षा चिंता पर अमेरिकी दबाव के बाद हुवावेई को अपने यहां 5जी नेटवर्क के लिए ब्लॉक किया हुआ है.
भारत और चीन के बीच हाल के सालों में तनाव बढ़ा है और 5जी ट्रायल में चीनी कंपनियों का शामिल नहीं होना भी इनमें से एक कारण माना जा रहा है. पिछले साल गलवान घाटी में चीन और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें चीन के चार और भारत के 20 सैनिक मारे गए थे.
एए/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)
आगे कहां कहां जाने की तैयारी में है यूरोपियन स्पेस एजेंसी
अगले एक दशक में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) अंतरिक्ष में अपने काम को भी नए आयाम देने की तैयारी में है. अब ईएसए जलवायु परिवर्तन और 5जी नेटवर्क में सुधार के तरीके भी पता लगाना चाहती है.
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दूर से धरती पर नजर
यूरोपीय स्पेस एजेंसी अब तक के अपने सबसे बड़े बजट के साथ नए दशक में प्रवेश कर रही है. इस बार इसकी योजना अंतरिक्ष में और बड़ी खोजें करने की है. इसमें पृथ्वी पर होने वाली गतिविधियों को समझने के लिए अंतरिक्ष का उपयोग होगा और उन चीजों को समझने में मदद मिलेगी जिन्हें पृथ्वी से नहीं समझा जा सकता है जैसे कि प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव, जंगल में आग का विस्तार इत्यादि.
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5जी नेटवर्क का स्पेस कनेक्शन
5G नेटवर्क के साथ स्पेस का क्या लेना देना है? ईएसए की योजना ऐसा सैटेलाइट सिस्टम बनाने की है जिसका इस्तेमाल 5जी नेटवर्क के साथ किया जा सकेगा. यानि फाइबर जैसा नेटवर्क आकाश में स्थापित करने की योजना. ईएसए का कहना है कि यह वायरलेस संचार की नई पीढ़ी होगी, जिससे लोग हर समय, हर जगह जुड़े रहेंगे.
1957 में अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत के समय से अब तक अंतरिक्ष में मलबा काफी तेजी से बढ़ा है. ईएसए का दावा है कि वह के अंतरिक्ष मलबे को हटाने के लिए एक सक्रिय मिशन चलाएगा और इस समस्या को निपटाएगा. इस समय पृथ्वी की कक्षा में 10 सेमी (4 इंच) से बड़ी 34,000 से अधिक वस्तुएं हैं, जिन्हें किसी भी तरह वहां से हटाया जाना चाहिए.
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अंतरिक्ष में एक बेस तैयार करना
चंद्रमा की परिक्रमा करने वाला एक स्पेस स्टेशन, जिसे गेटवे कहा जाता है, 2020 के दशक में बनाया जाना है. वहां से न केवल चंद्रमा की अधिक बारीकी से जांच की जाएगी, बल्कि यह स्टेशन अधिक दूर तक अंतरिक्ष में उड़ानों के लिए एक बेस के रूप में भी काम करेगा. इस तरह के एक और खोजी अभियान जूस पर काम चल रहा है जो 2022 में बृहस्पति की यात्रा पर रवाना होगा.
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क्षुद्रग्रह से बचाने का प्रयास
पृथ्वी को क्षुद्रग्रह से बचाने के लिए क्या करना है, इसके लिए नासा और ईएसए एक मिशन की योजना बना रहे हैं. एक क्षुद्रग्रह डिडीमॉस पर खास नजर है, जिसके चांद का नाम है डिडीमून. सबसे पहले नासा अपने खोजी डार्ट को 6 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से चांद पर ले जाएगा. ईएसए का एचईआरए मिशन इस टक्कर के प्रभाव की समीक्षा करेगा.
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नए कैरियर एयरक्राफ्ट और स्पेसक्राफ्ट
2020 के अंत तक एरियने 6 अंतरिक्ष में कार्गो लाने वाला नया यूरोपीय सिस्टम होगा. लॉन्च वाहन के साथ यूरोपीय संघ अंतरिक्ष के लिए अपनी स्वतंत्र पहुंच को सुरक्षित करना चाहता है. ईएसए स्पेस राइडर पर भी काम कर रहा है, जो एक स्वतंत्र और फिर से इस्तेमाल किया जाने वाला स्पेस लैब होगा जो एक मिशन पूरा होने के बाद पृथ्वी पर वापस आ जाएगा.
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मंगल ग्रह पर जाने की योजना
ईएसए अगले दशक में इतना आगे जाना चाहता है जितना पहले कभी नहीं गया. इसके सभी अंतरिक्ष यात्री दूसरी बार अंतरिक्ष में जाएंगे और मथियास माउरर जैसे यूरोपीय अंतरिक्ष यात्री पहली बार चांद पर उड़ान भरेंगे. वे नासा के साथ मंगल ग्रह पर भी जाएंगे और उनकी योजना पृथ्वी पर मंगल ग्रह के कुछ नमूने लाने की है. (रिपोर्ट: सोफिया वागनर, चार्ली शील्ड)