चीन में कोहराम, मर सकते हैं करोड़ों लोग
२० दिसम्बर २०२२महामारी विशेषज्ञ और स्वास्थ्य से जुड़े आर्थिक मामलों के जानकार एरिक फेग्ल-डिंग ने ट्विटर पर लिखा है कि अगले तीन महीने में चीन की 60 फीसदी आबादी यानी दुनिया की दस प्रतिशत जनसंख्या कोविड से संक्रमित हो सकती है जिससे मरने वालों की संख्या करोड़ों में होगी.
अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने लिखा है कि कोविड-19 के कारण मरने वाले लोगों के लिए बनाया गया बीजिंग का विशेष शवदाह गृह शवों से भरा हुआ है. हाल के दिनों में मरने वालों की संख्या में भारी उछाल आया है जो दिखाता है कि कोविड पाबंदियां हटाने की मानवीय कीमत कितनी भारी हो सकती है.
फेग्ल-डिंग ने लिखा है कि चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी का लक्ष्य है कि "जो संक्रमित होता है, हो जाए. जो मरता है मर जाए. जल्दी संक्रमण होगा तो जल्दी मौतें होंगी. फिर जल्दी ही उनका चरम आ जाएगा और उत्पादन जल्दी शुरू होगा.”
19 और 23 नवंबर को चीन ने चार लोगों की मौत की जानकार दी थी. तब मौतों की कोई सूचना जारी नहीं हुई है. इस बारे में जब चीनी अधिकारियों से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
मरने वालों की संख्या बढ़ी
वॉल स्ट्रीट जर्नल ने शवदाह गृह में काम करने वाले लोगों के हवाले से लिखा है कि राजधानी के पूर्वी हिस्से में बने बीजिंग डोंगजाओ शवदाह गृह में शवों की संख्या में उछाल आया है. एक महिला ने अखबार को बताया, "कोविड की पाबंदियां हटने के बाद हमारा काम बहुत ज्यादा बढ़ गया है. इस वक्त हम दिन में 24 घंटे काम कर रहे हैं. हम इसे नहीं संभाल पा रहे.”
चीन की जीरो-कोविड नीति से परेशान नागरिक क्या कर रहे हैं?
इस महिला ने बताया कि बीजिंग नगरपालिका के इस शवदाह गृह में इतने शव आ रहे हैं कि संस्कार का काम लगातार चलता है क्योंकि "कोई और विकल्प ही नहीं है.” उसने बताया कि लगभग 200 शव रोजाना आ रहे हैं जबकि आमतौर पर यह संख्या 30-40 होती थी. उसने यह भी बताया कि शवदाह गृह के ही कई कर्मचारी संक्रमित हो चुके हैं इसलिए बाकी कर्मचारियों पर काम का बोझ और बढ़ गया है.
कुछ विशेषज्ञ कहते हैं कि देश में संक्रमण के मामले दिनों में नहीं बल्कि घंटों में दोगुने हो रहे हैं. फेग्ल-डिंग ने कहा कि अगर दोगुना होने की दर एक दिन से भी कम हो तो दर की गणना करना मुश्किल है क्योंकि इतनी जल्दी पीसीआर टेस्ट नहीं किया जा सकता. वह कहते हैं, "बात यह है कि चीन और पूरी दुनिया बड़ी मुश्किल में है.”
महामारी का विकराल रूप
फेग्ल-डिंग के मुताबिक बीजिंग में एक के बाद एक लगातार अंतिम संस्कार हो रहे हैं. शव गृह क्षमताओं से ज्यादा भरे हैं. उन्हें रखने के लिए रेफ्रिजरेटेड कमरों की जरूरत है. 24 घंटे संस्कार करने की जरूरत है. 2,000 से ज्यादा शव संस्कार के लिए रखे हुए हैं. फेग्ल-डिंग लिखते हैं, "क्या यह बात कुछ देखी-सुनी सी लगती है? 2020 की गर्मियों जैसा ही हाल है बस इस बार चीन में हो रहा है, जो पश्चिम की अधिकतर लोगों को संक्रमण वाला रवैया अपना रहा है.”
लोग आइबूप्रोफेन खरीदने के लिए दवा फैक्ट्रियों की ओर दौड़ रहे हैं क्योंकि दुकानों में तो दवा उपलब्ध ही नहीं है. एक व्यक्ति ने बताया कि आमतौर पर दोपहर तक संस्कार हो जाता है लेकिन अब देर रात तक संस्कार चल रहे हैं क्योंकि शवों की संख्या बहुत ज्यादा है.
इस महीने की शुरुआत में बीजिंग इमरजेंसी मेडिकल सेंटर ने आग्रह किया कि गंभीर रूप से बीमार लोगों के लिए ही एंबुलेंस बुलाई जाएं. वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक सेंटर ने कहा कि पहले रोजाना एंबुलेंस बुलाने के लिए 5,000 अनुरोध आ रहे थे जो अब बढ़कर 30 हजार तक पहुंच गई है.
इसी महीने चीन ने औचक फैसला लेते हुए लॉकडाउन को खत्म कर दिया था. तीन साल से जारी अपनी जीरो कोविड नीति को खत्म करते हुए पाबंदियां हटा दी गईं. इस नीति के तहत एक मामला सामने आने पर ही सख्त पाबंदियां लगा दी जाती थीं ताकि मामले बढ़ने ना पाएं.
लेकिन इस नीति के कारण लोगों में गुस्सा भर गया था जो पिछले दिनों अभूतपूर्व विरोध प्रदर्शनों के रूप में सामने आया. उसके बाद इस नीति को खत्म करने का फैसला किया गया.
रिपोर्टः विवेक कुमार (रॉयटर्स, एपी)