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64 साल में समंदर को हराया

३ सितम्बर २०१३

64 साल की अमेरिकी महिला बिना सुरक्षा पिंजरे के समुद्र में तैरते हुए क्यूबा से फ्लोरिडा पहुंची. डायना नेड लगातार 53 घंटे तक खतरनाक शार्क मछलियों और जेलीफिशों के बीच तैरते हुए सोमवार शाम इतिहास के पन्नों तक पहुंच गई.

तस्वीर: REUTERS

सालों की कड़ी मेहनत के बाद डायना नेड को यह सफलता मिली. सोमवार दोपहर 'की वेस्ट' बीच पर पहुंचते ही वो शार्क मछली से बचाव करने वाले पिंजरे के बिना क्यूबा से फ्लोरिडा तक तैरने वाली पहली तैराक बन गई हैं. उनका स्वागत तालियों की गड़गड़ाहट और कैमरे की चमचमाहट के बीच हुआ. हालांकि डायना पस्त सी दिखी. बुरी तरह थक चुकी डायना कुछ देर तक खामोश ही रही. दो दिन तक खारे पानी में रहने की वजह से उनका चेहरा और चीभ सूजी हुई थी. आखिरी 10 किलोमीटर में तो एक एक पल उन पर भारी पड़ा.

डायना शनिवार सुबह क्यूबा की राजधानी हवाना के हेमिंग्वे मरीना से अटलांटिक की गर्म धारा में उतरी. इस दौरान उनकी औसत रफ्तार 2.72 किलोमीटर प्रति घंटा रही. इस रफ्तार से क्यूबा से फ्लोरिडा आने के लिए उन्हें करीब 53 घंटे पानी में रहना पड़ा. हालांकि बीच बीच में उन्होंने पानी पर उल्टा लेट कर ब्रेक भी लिए. इस दौरान टीम उनके साथ थी. टीम के पास खाना, पीने का पानी, नावें और इमरजेंसी उपकरण थे. हालांकि रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात उन्हें कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ा. इस दौरान पानी में शरीर को गर्म रखने के लिए वो लगातार कुछ खाती रही.

180 किमी तैरने के बाद डायना की हालत कुछ ऐसी थीतस्वीर: picture-alliance/dpa

इससे पहले भी डायना तीन बार क्यूबा से फ्लोरिडा तक तैरने की कोशिश कर चुकी थी, लेकिन तब उन्हें जान के लाले पड़ गए. अगस्त 2012 में जब उन्होंने ऐसी ही कोशिश की तो उन्हें समुद्री तूफान से जूझना पड़ा. इस मुश्किल से तो वो निपट गई लेकिन 41 घंटे तैरने के बाद उनका सामना जैली फिश से हुआ. जैली फिश के जहरीले डंकों ने डायना को समुद्र से सीधे अस्पताल में पटक दिया. उनके चेहरा फूल गया, कई जगह फफोले पड़ गए.

लेकिन इसके बावजूद 64 साल की महिला तैराक ने हार नहीं मानी. इस बार वो और पक्की तैयारी के साथ अटलांटिक में उतरी. जेलीफिश के हमले से बचने के लिए उन्होंने पूरा बदन ढंकने वाला स्विम सूट पहना. हाथों में दस्ताने और चेहरे पर खास मास्क भी. डायना के मुताबिक मास्क की वजह से उन्हें सांस लेने में थोड़ी मुश्किल जरूर हुई, रफ्तार भी धीमी पड़ी लेकिन सुरक्षा के लिहाज से ये जरूरी था.

सोमवार सुबह जब डायना फ्लोरिडा के तट से 16 किलोमीटर दूर थी तब उनकी टीम के सदस्य एलेक्स दे कोरदोबा ने कहा, "डायना अब और अच्छे से तैर रही हैं. वो जानती हैं कि वो कहां है और इसी से उन्हें ताकत मिल रही है." 160 किलोमीटर की इस साहसिक यात्रा में डायना को लगातार इस बात ख्याल रखना पड़ा कि वो तूफानी इलाकों में न जाएं और समुद्री जहाजों के रास्ते में न आएं. इसके अलावा जेलीफिश और शार्क बहुल इलाकों में उन्हें खासा सतर्क रहना पड़ा.

क्यूबा में अभियान शुरू करने से पहले डायनातस्वीर: Getty Images/Afp/Adalberto Roque

इससे पहले डायना 1978, 2011 और 2012 में ऐसा करने की कोशिश कर चुकी थी. इस बार ये उनकी आखिरी कोशिश थी. अभियान शुरू करने से पहले डायना ने कहा, "अगर इस बार मैं ऐसा नहीं कर पाई तो मैं साफ कहूंगी कि मैं इससे ज्यादा और कुछ नहीं कर सकती."

इसी साल जून में ऑस्ट्रेलियाई तैराक क्लो मैक कार्डेल ने भी बिना पिंजरे की सुरक्षा के क्यूबा से फ्लोरिडा आने की कोशिश की, लेकिन उन्हें भी जेलीफिश के घातक हमलों का शिकार होना पड़ा. एक और ऑस्ट्रेलियाई महिला तैराक पेनी पाल्फ्रे तो सिर्फ 22.4 किलोमीटर से चूक गई. पेनी क्यूबा से फ्लोरिडा तक करीब 158 किलोमीटर तैर चुकी थी, लेकिन तभी शक्तिशाली लहरों ने उन्हें पटक पटक कर समुद्र से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया. 1997 में ऑस्ट्रेलिया की सूजी मैरोने ने पिंजर में बंद होकर क्यूबा से फ्लोरिडा तक का सफर तय किया था.

ओएसजे/एएम (एपी, एएफपी)

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