दशकों तक भारतीय मूल के लेखक सलमान रुशदी को अपनी किताब "शैतानी आयतें" की वजह से जिंदगी मौत के फतवे के साये में गुजारनी पड़ी. अब वे खुलकर अभिव्यक्ति की आजादी के लिए लड़ रहे हैं. 19 जून को वे 70 साल के हो रहे हैं.
विज्ञापन
बहुत कम तस्वीरें हैं जिनमें सलमान रुश्दी सार्वजनिक जगहों पर दिखते हैं. 28 साल से वे मौत के फतवे के साये में जी रहे हैं. फतवा जो ईरान के धार्मिक नेता आयातोल्लाह खोमैनी ने उनकी किताब "शैतानी आयतें" के प्रकाशन के बाद 14 फरवरी 1989 को दिया था. उन पर और उपन्यास के प्रकाशन और वितरण में मदद देने वाले लोगों पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया. उनके जापानी अनुवादक हितोशी इगाराशी की तो हत्या ही कर दी गई. इटैलियन अनुवादक और नॉर्वे के प्रकाशक हमले में बाल बाल बचे.
मौतकेसायेमेंजिंदगी
अब भी "शैतानी आयतें" के लेखक पर 40 लाख डॉलर का इनाम है. ईरान और पश्चिम के बीच रिश्तों के सामान्य होने के बावजूद पिछले साल इनाम की रकम बढ़ा दी गयी है. सलमान रुश्दी 12 साल तक ब्रिटिश एजेंटों की सुरक्षा में रहे हैं. सदी के बदलने के साथ वे ब्रिटेन छोड़कर न्यूयॉर्क चले गये. 2002 से वे बिना किसी सुरक्षा के रहते हैं. हालांकि वे अल कायदा और इस्लामिक स्टेट की हिटलिस्ट पर भी हैं, सुरक्षाकर्मी सिर्फ उनके सार्वजनिक आयोजनों पर ही साथ होते हैं. रुश्दी ने 2012 में छपी अपनी आत्मकथा "जोसेफ एंटन" में अपनी भूमिगत जिंदगी के बारे में लिखा है. ये भूमिगत काल के दौरान उनका छद्म नाम था.
दुनिया की 8 रिकॉर्डधारी किताबें
छोटी सी किताबों की दुनिया बेहद विशाल है. उनमें अणु से लेकर ब्रह्मांड तक का जिक्र है. एक नजर कुछ बेहद दिलचस्प किताबों पर.
तस्वीर: picture alliance/Prisma Archivo
सबसे महंगी किताब
15वीं शताब्दी में लियोनार्डो दा विंची द्वारा लिखी गई किताब "कोडेक्स लेस्टर" न्यूयॉर्क के नीलामी घर क्रिस्टीज ने नीलाम की. 1994 में हुई उस नीलामी में महान पेंटर और वैज्ञानिक की ये किताब 3.08 करोड़ डॉलर में बिकी. किताब को दुनिया के सबसे अमीर शख्स बिल गेट्स ने खरीदा.
तस्वीर: picture alliance/Prisma Archivo
सबसे पुरानी प्रिंटेड किताब
जर्मनी में गुटेनबर्ग की बाइबिल के छपने से भी 600 साल पहले चीन में छपाई की अलग तकनीक विकसित हो चुकी थी. 868 ईसवी में चीन में छपी डायमंड सूत्रा को दुनिया की सबसे पुरानी प्रिंटेड किताब माना जाता है. इसमें बुद्ध और उनके शिष्यों के बीच का संवाद है. शब्दों और तस्वीरों को पहले लकड़ी पर उकेरा गया फिर रंग चढ़ाकर उन्हें कागज पर छापा गया.
तस्वीर: Wikipedia/Gemeinfrei
सबसे छोटी किताब
इतनी छोटी किताब कि नजर भी न आए. आकार 0.74 गुणा 0.75 मिलीमीटर. इस जापानी किताब "शिकी नो कुसाबाना" के नाम दुनिया की सबसे छोटी किताब का रिकॉर्ड है. 22 पन्नों की इस किताब में फूलों की आकृति और उनका जिक्र है. इसे नोट छापने वाली तकनीक से प्रिंट किया गया.
तस्वीर: Colourbox
सबसे ज्यादा पढ़ी गई किताब
यह रिकॉर्ड ईसाई धर्म ग्रंथ बाइबिल के नाम है. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के मुताबिक दुनिया भर में अलग अलग भाषाओं में बाइबिल की ढाई से लेकर पांच अरब प्रतियां मौजूद हैं. वर्ल्ड बाइबिल सोसाइटी के मुताबिक हर साल दो करोड़ नयी बाइबिलें छपती हैं. इसका अनुवाद 2,500 से ज्यादा भाषाओं में हो चुका है.
तस्वीर: AP
सबसे ज्यादा पठित उपन्यास
मिगेल दे सेरवांतेस की किताब "द हिस्ट्री ऑफ द वैलरस एंड विटी नाइट-एरांट डॉन-किकशॉट ऑफ द मांचा" दुनिया का सबसे ज्यादा पढ़ा गया उपन्यास है. 400 साल पहले लिख गये इस उपन्यास की अब तक 50 करोड़ से ज्यादा कॉपियां छप चुकी हैं. हैरी पॉटर के सारे उपन्यासों की अब तक 40 करोड़ कॉपियां छपी हैं.
तस्वीर: picture-alliance/Lou Avers
सबसे मोटी किताब
अगाथा क्रिस्टी का मिस मारपेल कलेक्शन सबसे भारी किताबों में पहले नंबर पर है. 4,032 पन्नों की यह किताब आठ किलोग्राम भारी है. इनमें एक बुजुर्ग जासूस हत्या, चोरी और अन्य अपराधों के 32 मामले सुलझाती हैं.
तस्वीर: Getty Images/AFP/S. Curry
सबसे गूढ़ पुस्तक
वैज्ञानिक कब से इस किताब पर माथापच्ची कर रहे हैं. 15वीं शताब्दी की वॉयनिस मैन्युस्क्रिप्ट कौन सी भाषा में लिखी गई है, यह अब भी किसी को पता नहीं. इन किताब में कई चित्र भी हैं, जिनमें फूल और महिलाएं हैं. वहां पाइपलाइनों का नेटवर्क भी हैं.
तस्वीर: picture-alliance/akg-images
सबसे ज्यादा किताबों के लेखक
यह रिकॉर्ड साइंटोलॉजी के संस्थापक एल. रॉन हबर्ड के नाम है. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के मुताबिक उनके नाम से 1,084 किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं. सबसे ज्यादा ऑडियो बुक्स का रिकॉर्ड भी उन्हीं के नाम हैं. (रिपोर्ट: मेलिंडा राइत्स/ओएसजे)
तस्वीर: dpa
8 तस्वीरें1 | 8
जिंदगी के अनुभवों ने आजादी को उनकी जीवन का मुद्दा बना दिया. रुश्दी ने 2015 में डॉयचे वेले से एक इंटरव्यू में कहा था, "हमें अपनी कीमती और कड़े संघर्ष से पायी गयी आजादी की रक्षा करनी चाहिए." उन्होंने बार बार अभिव्यक्ति की आजादी के पक्ष में आवाज उठायी है, शार्ली एब्दो पर खूनी हमले के बाद, फ्रैंकफर्ट किताब मेले में और बर्लिन के अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव में. "बोलने की आजादी का उसी तरह इस्तेमाल होना चाहिए जैसे हवा का जिसे हम सांस में लेते हैं, स्वाभाविक रूप से."
जीनेकेलिएलेखन
1947 में जन्मे सलमान रुश्दी मुंबई में सहिष्णु और महानगरीय माहौल में पले बढ़े. उनका परिवार मूल रूप से कश्मीर का था. नई दिल्ली में उनके पिता सफल कारोबारी बन गये थे. परिवार इस हालत में था कि अपने 14 साल के बेटे को ब्रिटिश पब्लिक स्कूल में भेज सके. 1964 में रुश्दी ने ब्रिटिश नागरिकता ले ली और अपनी मातृभाषा पश्तो के बदले अंग्रेजी में लिखना शुरू किया. उन्होंने कैम्ब्रिज के किंग्स कॉलेज में पढ़ाई की और थियेटर का कोर्स किया. 1968 में पढ़ाई पूरी करने वाले रुश्दी ने बाद में कहा हैं, "मैं 1968 की पीढ़ी का टिपिकल प्रतिनिधि था."
अपने करियर की शुरुआत सलमान रुश्दी ने पत्रकार, अभिनेता और विज्ञापन टेक्स्ट लेखक के रूप में की. लेकिन जल्द ही विज्ञापन एजेंसी का काम महत्वपूर्ण नहीं रहा. उन्होंने अपना पहला उपन्यास "ग्रिमस" प्रकाशित किया. लेकिन दूसरे उपन्यास "मिडनाइट चिल्ड्रेन" के साथ उन्हें अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिल गयी. भारत की आजादी और विभाजन की पृष्ठभूमि में लिखे गये इस उपन्यास के लिए रुश्दी को बुकर प्राइज मिला और किताब अमेरिका और ब्रिटेन में बेस्टरसेलर साबित हुई. इस बीच, सलमान रुश्दी ने 12 उपन्यास, बहुत सारे निबंध और आत्मकथा लिखी है. सभी किताबें एक जैसी क्वालिटी में नहीं हैं लेकिन कई किताबें विश्व साहित्य की क्लासिक बन गयी हैं.
जर्मनी के अद्भुत पुस्तकालय
आइन्स्टाइन ने कहा था, आप को कुछ और पता हो या ना हो, अपने शहर की लाइब्रेरी के बारे में जरूर पता होना चाहिए. देखिए, जर्मनी में तो ऐसी लाइब्रेरी हैं कि देखते ही रह जाएं.
तस्वीर: Kolumba, Köln
श्टुटगार्ट म्युनिसिपल लाइब्रेरी
2011 में बनी यह लाइब्रेरी इंटेलेक्चुअल और कल्चरल सेंटर है. पांच मंजिला हॉल है, एकदम झक सफेद. रंग बस किताबें भरती हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/B. Weißbrod
डचेस आना अमालिया लाइब्रेरी
वाइमार शहर की यह छोटा सी जगह ऐसी ऐसी किताबों का घर है जो दुनिया में और कहीं नहीं हैं. 2004 में यहां आग में बहुत कुछ नष्ट हो गया था.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/J. Woitas
हेर्त्सोग ऑगस्ट लाइब्रेरी
वॉल्फेनब्युटेल शहर की यह लाइब्रेरी दुनिया के सबसे पुराने किताबघरों में से है. ड्यूक ऑगस्ट (1579-1666) ने इसे अपने समय में यूरोप का सबसे बड़ा पुस्तकालय बना दिया था.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/H. Hollemann
फोस्टर लाइब्रेरी
बर्लिन की इस लाइब्रेरी को दिमाग के आकार का बनाया गया है. इसलिए लोग इसे द ब्रेन भी कहते हैं. यह बर्लिन की फ्री यूनिवर्सिटी के कला संकाय की लाइब्रेरी है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/D. Andree/Helga Lade
ओबरलाउसित्स लाइब्रेरी ऑफ साइंसेज
गोरलिस्त शहर में यह पुस्तकालय 1806 से बना हुआ है. यहां एक लाख 40 हजार किताबें हैं.
तस्वीर: picture-alliance/ZB/M. Hiekel
जैकब एंड विल्हेल्म ग्रिम सेंटर
बर्लिन की हुंबोल्ट यूनिवर्सिटी की यह लाइब्रेरी 2009 में बनी थी. यहां का निर्माण ऐसा है कि पढ़ने वाले को खुले में बैठकर पढ़ने का अहसास होता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/R. Jensen
बवेरियन स्टेट लाइब्रेरी
16वीं सदी के मध्य से किताबों का यह विशाल संग्रह शुरू हुआ जो आज बढ़ते बढ़ते एक करोड़ किताबों तक पहुंच गया है. म्यूनिख की यह लाइब्रेरी 1832 से इस भवन में है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
कोलंबा रीडिंग रूम
यह लाइब्रेरी तो नहीं है लेकिन कोलोन के म्यूजियम में बना यह रीडिंग रूम अनोखा जरूरी है.
तस्वीर: Kolumba, Köln
8 तस्वीरें1 | 8
अस्मिता, सच-झूठऔरआतंक
अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने से सलमान रुश्दी स्तब्ध और क्रुद्ध हैं, महीनों बाद भी. उनका मानना है कि जब सच फर्जी खबर और पूर्वाग्रहों से प्रभावित होता है तो दुनिया उल्टी हो गयी है. इंटरव्यू में वे बेबाक हो गये हैं और व्हाइट हाउस में नस्लवादियों और पाखंडियों की बात करने लगे हैं. इस समय वे आई वेवे और इजाबेल अलेंदे जैसे प्रमुख बुद्धुजीवियों के साथ विस्थापित लेखकों की मदद के लिए अभियान चला रहे हैं.
लोगों को उनके नये उपन्यास "गोल्डन हाउस" का इंतजार है, जो सितंबर में प्रकाशित हो रहा है. यह बराक ओबामा के राष्ट्रपति बनने से लेकर ट्रंप के राष्ट्रपति बनने तक एक युवा अमेरिकी फिल्मकार की कहानी है. उन्होंने कहा है कि अस्मिता, सच, आतंक और झूठ पर यह उनका अंतिम उपन्यास होगा. 2007 में ब्रिटिश महारानी ने उन्हें सर की उपाधि से सम्मानित किया. उनके लिए अब एक ही सम्मान बच गया है. वह है नोबेल पुरस्कार.