88 किलोमीटर तक चिपका रहा कोआला
२८ जुलाई २०१४चार साल का टिंबरवुल्फ कोआला 88 किलोमीटर तक गाड़ी के नीचे पुर्जों से चिपका रहा. हाइवे पर चल रही गाड़ी काफी तेज चल रही थी लेकिन टिंबरवुल्फ को कोई खास चोट नहीं आईं. बस उसका एक नाखुन फट गया. ऑस्ट्रेलिया जू वाइल्डलाइफ हॉस्पिटल के कर्मचारियों ने कहा कि कोआला को शायद यह गाड़ी पसंद आ गई और गाड़ी के साथ साथ वह भी वहां से निकल गया. कार में बैठा परिवार बिलकुल नहीं जानता था कि उनके साथ एक और यात्री भी है.
चिड़ियाघर के करीब 88 किलोमीटर दूर परिवार गिंपी नाम की जगह पर रुका और देखा कि गाड़ी के नीचे कोआला भालू है. फिर उन्होंने अस्पताल के कर्मचारियों को बुलाया. राहतकर्मियों ने कोआला को टिंबरवुल्फ नाम दिया और जानवरों के डॉक्टर क्लॉड लाकास ने कहा कि उसके स्वास्थ्य को कोई फर्क नहीं पड़ा है. "यह हैरान करने वाली बात है कि उसे चोटें नहीं आईं और वह जिंदा है. यह एक जबरदस्त कहानी है और यह एक बहुत ही लकी कोआला है."
फटे नाखून से हो रहे दर्द के लिए कोआला को दवाएं दी गई हैं. ब्रिसबेन के पास एक जू के पेड़ पर उसे जगह दी गई है. डॉक्टर पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कोआला किस जगह पर गाड़ी से चिपका ताकि उसे वापस वहां पहुंचाया जा सके.
ऑस्ट्रेलिया जू हॉस्पिटल को गुमशुदा कोआला भालुओं की आदत है. हर महीने करीब 70 मामले आते हैं और ज्यादातर कार दुर्घटना में फंसते हैं या घरेलू जानवर उन पर हमला करते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया में केवल 43,000 कोआला बाकी हैं. यह आम तौर पर पेड़ों पर रहते हैं. इनकी बड़ी बड़ी आंखें होती हैं. कहते हैं कि टेडी बीयर बनाने की प्रेरणा भी इन्हीं से ली गई.
एमजी/एजेए