क्या वह आईफोन की अगली सीरीज है या कुछ और...एप्पल सालाना बड़ा जलसा करने वाला है और तकनीक की दुनिया को 9 सितंबर का इंतजार है. कंपनी उस दिन बड़ा एलान करने वाली है.
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कई दिनों से चर्चा चल रही है कि एप्पल बड़े साइज का आईफोन- आईफोन 6 रिलीज कर सकती है और हो सकता है कि उसी दिन कंप्यूरीकृत घड़ी भी रिलीज हो जाए. लेकिन इतिहास यह भी कहता है कि एप्पल के प्रोडक्ट के बारे में पहले से कयास लगाना मुश्किल ही होता है. कार्यक्रम उसी जगह होगा, जहां एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स अपने प्रोडक्ट लाउंच किया करते थे. उन्होंने 30 साल पहले यहां पहला मैक कंप्यूटर भी रिलीज किया था.
मैक ने कंप्यूटर की दुनिया को बदल कर रख दिया. जॉब्स ने अपनी दूसरी पारी के दौरान 2007 में पहला आईफोन रिलीज किया और उसके बाद से हर साल यहां एप्पल का नया प्रोडक्ट लॉन्च होता है. 2010 में यहीं से आईपैड भी दुनिया के सामने आया. समझा जाता है कि एप्पल जिस करामाती घड़ी पर काम कर रहा है, वह इस बार जनता के सामने आ सकती है.
लेकिन एप्पल ने हर बार की तरह इस बार भी राज नहीं खोला है और गुरुवार को सिर्फ कुछ रिपोर्टरों को संदेश भेजा है कि वे उस जगह पहुंच जाएं. यह ऑडिटोरियम कंपनी के मुख्यालय से कोई तीन मील दूर है. यहां 2300 लोग बैठ सकते हैं.
एप्पल पर नजदीक से नजर रखने वालों का कहना है कि हो सकता है कि आईफोन के स्क्रीन का साइज बढ़ा कर कंपनी सैमसंग को चुनौती देना चाहती है. विश्लेषकों का कहना है कि अगर एप्पल आईफोन 6 लाता है, तो छह महीने में सात करोड़ फोन बिक सकते हैं.
हालांकि कंपनी को सबसे ज्यादा मुनाफा फोन से ही होता है लेकिन इसके सीईओ टिम कुक कह चुके हैं कि वह पहनने वाले उपकरण को बाजार में लाना चाहते हैं. फिर भी उन्होंने यह नहीं बताया है कि आखिर कौन सा प्रोडक्ट 9 सितंबर को सामने आएगा.
एजेए/ओएसजे (एपी)
दुनिया के सबसे बड़े ब्रांड
हर साल दुनिया भर की कंपनियों के ब्रांड परखे जाते हैं. उनकी वित्तीय कामयाबी और लोगों में उनकी स्वीकार्यता को लेकर उनका मूल्य तय किया जाता है. देखते हैं कि इस साल कौन सी कंपनियां सबसे आगे रहीं.
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गूगल से शुरुआत
इंटरनेट की दिग्गज कंपनी गूगल हमेशा सबसे आगे की पंक्ति में रहती है. इस साल तो इसने ब्रांडिंग के मामले में भी बाजी मार ली. गूगल ग्लास और कुछ अहम साझीदारी की बदौलत इसकी ब्रांड वैल्यू 158 अरब डॉलर से ज्यादा की हो गई.
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तीन साल बाद
स्टीव जॉ़ब्स के सपनों की कंपनी एप्पल को लगातार तीन साल टॉप पर रहने के बाद दूसरी सीढ़ी पर उतरना पड़ा है. इसकी ब्रांड वैल्यू पिछले साल 20 फीसदी गिर गई, जिसका यह नतीजा निकला.
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जबरदस्त आईबीएम
लगभग 108 अरब डॉलर की ब्रैंडिंग के साथ आईबीएम तीसरे नंबर पर है. इस सर्वे में ग्राहकों की भी राय ली जाती है.
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माइक्रोसॉफ्ट का बिजनेस
बिल गेट्स की कंपनी अभी भी सबसे आगे की पांत में खड़ी है. पिछले साल इसके मूल्य में 30 फीसदी का इजाफा हुआ और यह लगभग 90 अरब डॉलर का ब्रांड बन गया है.
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स्वाद का ब्रांड
अमेरिकी फास्ट फूड कंपनी मैकडोनाल्ड का स्वाद कैसा होता है, यह तो हमेशा विवाद का विषय रहेगा. लेकिन सर्वे में पाया गया कि इसका मूल्य 85 अरब डॉलर है और यह पांचवें नंबर पर है.
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ठंडा मतलब...
सिर्फ भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में ठंडा मतलब कोका कोला ही होता है. अपनी प्रतिद्वंद्वी कोल्ड ड्रिंक कंपनियों को कोसों पीछे छोड़ने वाली कोका कोला की बाजार में कीमत 80 अरब डॉलर है.
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जर्मनी को जगह
जहां इंटरनेट में अमेरिका और भारत की धूम है, वहीं जर्मन प्रोग्राम एसएपी ने अलग जगह बनाई है. जर्मनी की मशहूर टेलीकॉम, मर्सिडीज और सीमेंस के साथ यह भी शीर्ष 100 कंपनियों में है.
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फेसबुक की वैल्यू
धमाकेदार कामयाबी हासिल करने के मामले में फेसबुक का जवाब नहीं. करीब 68 फीसदी विकास के साथ यह सबसे ज्यादा मूल्य वाली कंपनियों में शामिल हो गई है.
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पीछे पीछे ट्विटर
जब फेसबुक का नाम लिया जाता है, तो जुबान से ट्विटर भी खुद ब खुद निकल जाता है. 19 अरब डॉलर के साथ यह भी फेसबुक के पीछे चल रहा है.