1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

9/11 के आरोपी गुनाह क़बूलने को तैयार

९ दिसम्बर २००८

अमेरिका पर 11 सितंबर 2001 के आतंकवादी हमलों के पांच आरोपियों ने कहा है कि वे अपना गुनाह क़बूल करना चाहते हैं. ग्वांतोनामो बे के क़ैदख़ाने में मौजूद इस लोगों ने अपने मुक़दमे की कार्यवाही रोकने को कहा है.

ग्वांतोनामो बे के क़ैदख़ाने में चल रहा है मुक़दमातस्वीर: AP

क्यूबा में ग्वांतोनामो बे के अमेरिकी क़ैदख़ाने के सबसे प्रमुख क़ैदियों में से पांच ने कहा है कि वे 11 सितंबर 2001 के आतंकवादी हमलों का अपराध स्वीकार करना चाहते हैं. इन क़ैदियों में ख़ुद को 11 सितंबर के हमले की साज़िश का सरग़ना बताने वाला ख़ालिद शेख़ मोहम्मद, उसका संबंधी अली अब्दुल अज़ीज़ उर्फ़ अम्मार अल बलूची, रम्ज़ी बिन अल शिब, वालिद मोहम्मद बिन अताश और मुस्तफ़ा अल हौसावी शामिल हैं. इन लोगों ने जज से कहा है कि वह बचाव वकीलों के प्रयासों को रोकने की कार्रवाई करें और उन्हें तत्काल अपराध स्वीकार करने की अनुमति दें.

ख़ालिद शेख़ मुहम्मदतस्वीर: AP

जज स्टीवन हैनली ने कहा कि इन पांच क़ैदियों ने उन्हें एक पत्र लिखा है, जिसके अनुसार उनका इरादा अदालत में याचिकाएं दर्ज करने का सिलसिला बंद करने का है और उन्हें पूरे अपराध स्वीकार का अवसर दिया जाए.

जज ने पत्र पढ़कर सुनाया, जिसमें कहा गया है, 'हम पांचों अपना अपराध स्वीकारने के लिए आयोग से तत्काल एक सुनवाई बैठक का आवेदन करने पर सहमत हुए हैं, जो हम किसी भी पक्ष से बिना किसी प्रकार के दबाव, धमकी, डर या वादे के अपनी भरपूर इच्छा के साथ कर रहे हैं.'

11 सितंबर 2001 को देखते ही देखते धूल और धुएं में समा गया न्यूयॉर्क का ट्विन टावरतस्वीर: AP

शेख़ मोहम्मद ने जज से कहा कि उसे जज पर, ( राष्ट्रपति) बुश पर और सीआईए पर विश्वास नहीं है, जिसने उसे यातनाएं दी हैं. जज हैनली ने शेख़ मोहम्मद, वालिद बिन अताश और अली अब्दुल अज़ीज़ को अपनी याचिकाएं वापस लेने और स्वीकारोक्तियां दर्ज करने की अनुमति दे दी है, लेकिन दो अन्य आरोपियों के बारे में फ़ैसला उनके मानसिक स्वास्थ्य की डॉक्टरी जांच होने तक के लिए स्थगित कर दिया है.

आरोपियों के पत्र के अनुसार उन्होंने अपने इस क़दम का फ़ैसला 4 नवंबर को किया, जिस दिन बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए. ओबामा ने कहा है कि वह ग्वांतोनामो जेल को बंद करना चाहते हैं. कई विशेषज्ञों का मानना है कि शायद इन आरोपियों का विचार है कि उनका शहीद बनने का सपना उनके हाथों से फिसलता जा रहा है.

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें