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90 साल बाद पहले विश्वयुद्ध की याद

१२ नवम्बर २००८

दुनिया भर में पहले विश्व युद्ध के समाप्त होने की 90 वीं बरसी को याद किया जा रहा है. इस युद्ध में लाखो़ जानें गई थीं और यूरोप में भारी जान-माल की हानि हुई थी.

पहले विश्व युद्ध में यूरोप में ज़बरदस्त नुक़सान हुआ थातस्वीर: AP

पहले विश्व युद्ध में लड़ाई लड़ चुके कुछ सैनिक भी इस अवसर पर होने वाले समारोहों में हिस्सा ले रहे है.साल के ग्यारहवें महीने के ग्यारहवें दिन, दिन के ग्यारह बजे पहले विश्व युद्ध के बाद संधि पर हस्ताक्षर हुए थे और इसीलिए इसे आर्मस्टाइस डे के नाम से मनाया जाता है. फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सर्कोज़ी और ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स फ्रांस के डाउमोंट शहर के पास वैरदां में समारोह में हिस्सा ले रहे हैं जहां सबसे भयंकर लड़ाई हुई थी. जर्मन संसद के ऊपरी सदन के स्पीकर ने पीटर म्यूलर ने भी वैरदां में हुए समारोह में हिस्सा लिया है.

माना जाता है कि वैरदां में फ्रांस और जर्मनी के सैनिकों के बीच 8 महीने तक चली लड़ाई में तीन लाख से ज़्यादा सैनिक मारे गए थे. वैरदां में राष्ट्रपति निकोला सर्कोज़ी ने कहा कि फ्रांस उन लोगों को कभी नही भूलेगा जो इस लड़ाई का शिकार हुए. उन्होंने यूरोप, उत्तरी अमरीका, अफ़्रीका, ऑस्ट्रेलिया और एशिया के सैनिकों को भी श्रृद्धांजलि देते हुए कहा कि अपने देश से दूर इन सैनिकों ने हमारी स्वतंत्रता के लिए बलिदान किया.

लंदन में समारोह में पहले विश्व युद्ध में ब्रितानी सैनिक 112 वर्षीय हेनरी एलिंगहेम, 108 वर्षीय बिल स्टोन और 110 वर्षीय हैरी पैच हिस्सा ले रहे हैं. ब्रिटेन में जीएमटी समयानुसार 11 बजे 2 मिनट का मौन रखा गया. ऑस्ट्रेलिया में भी मंगलवार को भी 90वीं बरसी पर समारोह आयोजित हुए हैं. ऑस्ट्रेलिया के 90 हज़ार सैनिक इस युद्ध में मारे गए थे.

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