एक अमेरिकी टीवी चैनल ने भारत और श्रीलंका के बीच रामसेतु को लेकर फिर से बहस गर्मा दी है. साइंस चैनल का दावा है कि रामसेतु प्राकृतिक रूप से बना हुआ नहीं, बल्कि इंसान द्वारा बनाया गया ढांचा है.
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एक अमेरिकी टीवी शो के प्रोमो में दावा किया गया है कि रामसेतु के बारे में वैज्ञानिक जांच से पता चलता है कि भगवान राम के श्रीलंका तक सेतु बनाने की हिंदू पौराणिक कथा सच हो सकती है. यह शो साइंस चैनल पर आएगा जिसे "एनशिएंट लैंड ब्रिज" नाम दिया गया है. शो में अमेरिकी पुरातत्वविदों के हवाले से कहा गया है कि भारत और श्रीलंका के बीच 50 किलोमीटर लंबी एक रेखा चट्टानों से बनी है और ये चट्टानें सात हजार साल पुरानी हैं जबकि जिस बालू पर ये चट्टानें टिकी हैं, वह चार हजार साल पुराना है.
नासा की सेटेलाइट तस्वीरों और अन्य प्रमाणों के साथ विशेषज्ञ कहते हैं कि चट्टानों और बालू की उम्र में यह विसंगति बताती है कि इस पुल को इंसानों ने बनाया होगा. ऐतिहासिक पुरातत्वविद और सदर्न ऑरेगन यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाली चेल्सी रोस कहती हैं, "चट्टानों की उम्र उस बालू से भी ज्यादा है जिस पर वह टिकी हैं. इसका मतलब है कि कहानी में बहुत कुछ है."
वहीं भूगर्भ विशेषज्ञ एलन लेस्टर कहते हैं, "हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम ने भारत और श्रीलंका को जोड़ने के लिए एक पुल बनाया था. इसके लिए दूर दूर से पत्थर लाए गए और उन्हें बालू के टीलों की एक श्रृंखला के ऊपर रखा गया." उनका कहना है कि इस तरह का पुल बनाना एक बहुत बड़ी इंसानी उपलब्धि हो सकती है.
अयोध्या: कब क्या हुआ
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तस्वीर: dpa - Bildarchiv
1528
कुछ हिंदू नेताओं का दावा है कि इसी साल मुगल शासक बाबर ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई थी.
तस्वीर: DW/S. Waheed
1853
इस जगह पर पहली बार सांप्रदायिक हिंसा हुई.
तस्वीर: Getty Images/AFP/D. E. Curran
1859
ब्रिटिश सरकार ने एक दीवार बनाकर हिंदू और मुसलमानों के पूजा स्थलों को अलग कर दिया.
तस्वीर: Getty Images/AFP/D .E. Curran
1949
मस्जिद में राम की मूर्ति रख दी गई. आरोप है कि ऐसा हिंदुओं ने किया. मुसलमानों ने विरोध किया और मुकदमे दाखिल हो गए. सरकार ने ताले लगा दिए.
तस्वीर: DW/Waheed
1984
विश्व हिंदू परिषद ने एक कमेटी का गठन किया जिसे रामलला का मंदिर बनाने का जिम्मा सौंपा गया.
तस्वीर: DW/S. Waheed
1986
जिला उपायुक्त ने ताला खोलकर वहां हिंदुओं को पूजा करने की इजाजत दे दी. विरोध में मुसलमानों ने बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी का गठन किया.
तस्वीर: AFP/Getty Images
1989
विश्व हिंदू परिषद ने मस्जिद से साथ लगती जमीन पर मंदिर की नींव रख दी.
तस्वीर: AP
1992
वीएचपी, शिव सेना और बीजेपी नेताओं की अगुआई में सैकड़ों लोगों ने बाबरी मस्जिद पर चढ़ाई की और उसे गिरा दिया.
तस्वीर: AFP/Getty Images
जनवरी 2002
तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने दफ्तर में एक विशेष सेल बनाया. शत्रुघ्न सिंह को हिंदू और मुस्लिम नेताओं से बातचीत की जिम्मेदारी दी गई.
तस्वीर: AP
मार्च 2002
गोधरा में अयोध्या से लौट रहे कार सेवकों को जलाकर मारे जाने के बाद भड़के दंगों में हजारों लोग मारे गए.
तस्वीर: AP
अगस्त 2003
पुरातात्विक विभाग के सर्वे में कहा गया कि जहां मस्जिद बनी है, कभी वहां मंदिर होने के संकेत मिले हैं.
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जुलाई 2005
विवादित स्थल के पास आतंकवादी हमला हुआ. जीप से एक बम धमाका किया गया. सुरक्षाबलों ने पांच लोगों को गोलीबारी में मार डाला.
तस्वीर: AP
2009
जस्टिस लिब्रहान कमिश्न ने 17 साल की जांच के बाद बाबरी मस्जिद गिराये जाने की घटना की रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट में बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया गया.
तस्वीर: AP
सितंबर 2010
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि विवादित स्थल को हिंदू और मुसलमानों में बांट दिया जाए. मुसलमानों को एक तिहाई हिस्सा दिया जाए. एक तिहाई हिस्सा हिंदुओं को मिले. और तीसरा हिस्सा निर्मोही अखाड़े को दिया जाए. मुख्य विवादित हिस्सा हिंदुओं को दे दिया जाए.
तस्वीर: AP
मई 2011
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को निलंबित किया.
तस्वीर: AP
मार्च 2017
रामजन्म भूमि और बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोनों पक्षों को यह विवाद आपस में सुलझाना चाहिए.
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मार्च, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की मध्यस्थता के लिए एक तीन सदस्यीय समिति बनाई. श्रीश्री रविशंकर, श्रीराम पांचू और जस्टिस खलीफुल्लाह इस समिति के सदस्य थे. जून में इस समिति ने रिपोर्ट दी और ये मामला मध्यस्थता से नहीं सुलझ सका. अगस्त, 2019 से सुप्रीम कोर्ट ने रोज इस मामले की सुनवाई शुरू की.
तस्वीर: DW/V. Deepak
नवंबर, 2019
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने फैसला दिया कि विवादित 2.7 एकड़ जमीन पर राम मंदिर बनेगा जबकि अयोध्या में मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन सरकार मुहैया कराएगी.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/B. Armangue
अगस्त, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में बुधवार को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया और मंदिर की आधारशिला रखी. कोरोना वायरस की वजह से इस कार्यक्रम को सीमित रखा गया था और टीवी पर इसका सीधा प्रसारण हुआ.
तस्वीर: AFP/P. Singh
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'रामायण' में वर्णन है कि राम के नेतृत्व में वानर सेना श्रीलंका गई जहां रावण का वध हुआ और फिर सीता को मुक्त कराया गया. बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अमेरिकी टीवी शो के प्रोमो पर कहा है, "टीवी कार्यक्रम में उसी बात का समर्थन किया गया है जो हम इतने समय से कहते आ रहे हैं. अब सुप्रीम कोर्ट को फैसला करने दीजिए और भारत और विदेशों में रहने वाले करोड़ों हिंदूओं की धार्मिक आस्था का अनादर ना हो."
वहीं, विश्व हिंदू परिषद के महासचिव सुरेंद्र जैन ने कहा, "ये खोज राम के अस्तित्व पर सवाल उठाने वाले और उन्हें एक काल्पनिक किरदार बताने वाले लोगों के मुंह पर करारा तमाचा हैं. अब रामसेतु को कभी ध्वस्त नहीं किया जा सकता." भारत की सूचना और प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने भी ट्वीट कर अमेरिकी शो के प्रोमो को शेयर किया और "जय श्रीराम" लिखा.
भारत में रामेश्वर के पास पमबन द्वीप से लेकर उत्तरी श्रीलंका के मन्नार द्वीप के बीच समुद्र में छिछले पानी वाला पथरीला इलाका 2005 से विवादों में है. उस वक्त तत्कालीन यूपीए सरकार ने "सेतुसमुद्रम" के नाम से एक बड़ी जहाजरानी नहर परियोजना का एलान किया था. लेकिन इसके लिए समुद्र के उस इलाके में खुदाई होनी थी और इससे 'रामसेतु' को नुकसान होता. जल्द ही इसका विरोध होने लगा. जहां पर्यावरणविद् इससे समुद्र के इकोसिस्टम को होने वाले नुकसान को लेकर चिंतित थे, वहीं कई जानकारों ने इसकी आर्थिक व्यावहारिकता पर सवाल उठाया. लेकिन इस परियोजना का सबसे ज्यादा विरोध भारतीय जनता पार्टी और कई हिंदू संगठनों ने किया. वे चाहते हैं कि रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाए, क्योंकि यह श्रद्धा से जुड़ा विषय है.
इन हिंदू नामों का दीवाना मुस्लिम देश इंडोनेशिया
सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश इंडोनेशिया बढ़ते कट्टरपंथ और शरिया के मुताबिक सजा देने के लिए चर्चा में रहा है. लेकिन इस देश में आज भी लोग बच्चों के नाम हिंदू देवताओं या पौराणिक चरित्रों के नाम रखते हैं.
तस्वीर: picture alliance/Heritage Images
कृसना (Krisna)
इंडोनेशिया में हिंदू नामों की वर्तनी कुछ अलग हैं, लेकिन उनका मूल एक ही है. जिसे हम कृष्ण के तौर पर जानते हैं, उसे इंडोनेशिया में कृसना कहा जाता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/R. Gupta
रामा (Rama)
इंडोनेशिया में इस्लाम के प्रसार से पहले हिंदू और बौद्ध धर्म प्रचलित थे. अब भी हिंदू नाम और संस्कृति दिखती है. इसीलिए आज भी रामा या कहें राम वहां एक प्रचलित नाम है.
तस्वीर: AP
सीता (Sita)
सीता भी इंडोनेशिया में रखे जाने वाले पसंदीदा नामों में से एक है. राम की पत्नी और राजा जनक की बेटी सीता रामायण के सबसे अहम किरादारों में से एक है.
तस्वीर: Rainer Wolfsberger/Museum Rietberg Zürich
विसनु (Wisnu)
विसनु यानी विष्णु. इस नाम वाले लोग भी आपको इंडोनेशिया में खूब मिलेंगे. अरकी डिकानिया विसनु नाम के एक नामी अमेरिकी-इंडोनेशियाई बास्केट बॉल खिलाड़ी हैं.
तस्वीर: Presse
लक्ष्मी (Lakshmi)
लक्ष्मी नाम जितना प्रचलचित भारत में है, उतना ही इंडोनेशिया में भी है. हिंदू धर्म में लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी के तौर पर पूजा जाता है.
तस्वीर: imago/imagebroker
सरस्वती (Saraswati)
ज्ञान की देवी मानी जाने वाली सरस्वती का नाम भी इंडोनेशिया में बहुत जाना माना है. 2013 में इंडोनेशिया की सरकार ने 16 फीट ऊंची सरस्वती की एक प्रतिमा अमेरिका को भेंट की थी.
तस्वीर: picture alliance/DINODIA PHOTO LIBRARY
सेतियावान (Setiawan)
सत्यवान नाम आपको भारत में आजकल शायद ही सुनने को मिलता है. लेकिन सत्यवान-सावित्री की पौराणिक कथा से निकले इस नाम को आज भी इंडोनेशिया में शौक से रखा जाता है.
तस्वीर: DW/M. Mamun
सावित्री (Savitri)
हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार सावित्री यमराज से अपने पति सत्यावान की जिंदगी को वापस ले आयी थी. सावित्री भी इंडोनेशिया में एक प्रचलित नाम है.
तस्वीर: Getty Images/O. Siagian
देवा/देवी (Devi/Deva)
इंडोनेशिया में आपको बहुत से लोग मिल जाएंगे जिनके नाम देवा या देवी होते हैं. स्वाभाविक रूप से देवा पुरुष तो देवी एक महिला नाम है.
तस्वीर: UNI
युदिसथीरा (Yudisthira)
महाभारत और रामायण इंडोनेशिया में अब भी प्रचलित संस्कृति का हिस्सा है. महाभारत में धर्मराज कहे जाने वाले युधिष्ठिर का नाम भी इसीलिए आपको इंडोनेशिया में खूब मिलता है.
तस्वीर: picture alliance/united archives
अर्जुना (Arjuna)
अर्जुना भी इंडोनेशिया में एक लोकप्रिय नाम है. महाभारत में श्रेष्ठ धनुर्धर होने के साथ साथ अर्जुन उस गीता उपदेश प्रकरण का भी हिस्सा रहे हैं जो हिंदू दर्शन के बड़े आधारों में से एक है.
तस्वीर: Getty Images/R. Pudyanto
भीमा (bima/Bhima)
भीम पांडवों में दूसरे नंबर पर आते थे और बहुत बलशाही थे. उन्हीं के नाम पर इंडोनेशिया में बीमा या भीमा नाम रखा जाता है. बीमा इंडोनेशिया में एक शहर का नाम भी है.
तस्वीर: Andy Amaldan/AFP/Getty Images
पार्वती (Parwati)
पौराणिक कथाओं के अनुसार पार्वती शिव की पत्नी हैं. यह नाम भी इंडोनेशिया में प्रचलित उन नामों से एक है, जिनका मूल हिंदू धर्म से जुड़ा है.
इंद्र (Indra)
इंद्र भी इंडोनेशिया में एक प्रचलित नाम है. देवराज कहे जाने वाले इंद्र को वर्षा का देवता कहा जाता है. उनके दरबार की अप्सराओं और उनके गुस्से को लेकर कई कहानियां हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/S. Gupta
गनेसा (Ganesa)
गनेसा नाम हिंदू देवता गणेश के नाम का इंडोनेशियाई संस्करण है. इंडोनेशिया के बांडुंग शहर में मशहूर तकनीकी शिक्षण संस्थान आईटीबी में गनेशा कैंपस बहुत मशहूर है. वहां गणेश की बहुत ही प्रतिमाएं भी हैं.
तस्वीर: DW/Joanna Impey
गरुणा (Garuna)
गरुणा इंडोनेशिया की सरकारी एयरलाइन कंपनी है जिनका नाम गरुण से प्रेरित है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार गरुण पक्षी भगवान विष्णु की सवारी है.
तस्वीर: picture alliance/Heritage Images
सूर्या (Surya/Suria)
सूर्य नाम अब भारत में नई पीढ़ी के बीच पहले जितना प्रचलित नहीं है, लेकिन इंडोनेशिया में अब भी आपको बहुत से लोग मिल जाएंगे जिनका नाम सूर्या है.
तस्वीर: AP/IBM
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2007 में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ऐसे कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं कि यह सेतु इंसानों द्वारा बनाया गया था. लेकिन जब इस मुद्दे पर विरोध और धार्मिक भावनाएं भड़कने लगीं तो सरकार ने अपना हलफनामा वापस ले लिया.
कांग्रेस पार्टी की तरफ से इस मुद्दे पर कोई नेता खुल कर बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन कुछ नेता दबी जुबान में कहते हैं कि अब इस पर सुप्रीम कोर्ट को फैसला करना है और वह इस परियोजना की आर्थिक व्यवहारिकता को देखते हुए फैसला ले और लोकलुभावन नारों से प्रभावित न हो.
एक कांग्रेस नेता ने नाम ना जाहिर करने की शर्त पर कहा, "हमने तो छह साल तक चले अध्ययन के बाद बता दिया कि यह परियोजना आर्थिक रूप से व्यावहारिक है और इसे राष्ट्रीय हित में लागू किया जाना चाहिए. अदालत को लोकलुभावन कारणों से दबाव के आगे नहीं झुकना चाहिए."
मामला अब सुप्रीम कोर्ट के सामने है जिसने इस साल के शुरुआत में भारतीय इतिहास शोध परिषद (आईसीएचआर) से कहा कि वह समुद्र के नीचे अध्ययन कर इस बारे में उठाए जा रहे सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश करे.
पिछले साल समुद्र पुरातत्वविद आलोक त्रिपाठी ने आईसीएचआर को एक प्रस्ताव सौंपा और रामसेतु के बारे में जांच की पेशकश रखी. लेकिन उनका काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है. उन्होंने बताया, "जांच से पुख्ता सबूत सामने आ सकते हैं. इसमें समय लगेगा और इस प्रोजेक्ट को शुरू करने से पहले हम कई तरह की गणनाओं पर काम कर रहे हैं."
भारत के विवादित धर्मगुरू
भारत में ऐसे धर्म गुरुओं की कोई कमी नहीं. कई ऐसे हैं जिन्होंने खुद ही को भगवान घोषित कर दिया है, तो कुछ ऐसे जिनकी कथनी और करनी में बड़ा फर्क देखने को मिलता है. एक नजर पाखंड में घिरे इन आरोपियों पर.
तस्वीर: Imago/Zuma Press
गुरमीत राम रहीम सिंह
डेरा सच्चा सौदा के कर्ता धर्ता गुरमीत राम रहीम सिंह खुद को हर संप्रदाय के भगवान का संदेशवाहक करार देते हैं. राम रहीम सिंह के खिलाफ बलात्कार के मामले दर्ज हैं. आरोप है कि उन्होंने बलात्कार के बाद मामले को दबाने के लिए हत्याएं भी करवायीं. 2002 के एक मामले में वह बलात्कार के दोषी करार दिये गये हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/T. Topgyal
जाकिर नाइक
सूट और टाई में रहने वाले जाकिर नाइक इस्लाम के उपदेशक हैं. उन पर कट्टरपंथी सलाफी इस्लाम को फैलाने का आरोप है. आरोप यह भी है कि जुलाई 2016 में ढाका के कैफे आतंकवादी हमला करने वाले नाइक से प्रभावित थे. नाइक 2016 से भारत से बाहर हैं. उनके खिलाफ भारतीय एजेंसियों ने नोटिस जारी किया है.
तस्वीर: cc-by-maapu 2.0
राधे मां
भारतीय संस्कृति में मां शब्द बेहद पवित्र माना जाता है. लेकिन कुछ ढोंगी इसका दुरुपयोग करने से नहीं चूके. ताजा मामला राधे मां का है. दहेज के आरोप के बाद अब राधे पर जबरन उगाही के आरोप हैं. पंजाब पुलिस ने जांच शुरू की.
तस्वीर: radhemaa.com
रामवृक्ष यादव
2016 में उत्तर प्रदेश के मथुरा में पुलिस कार्रवाई में रामवृक्ष यादव मारा गया. असल में प्रशासन अवैध जमीन को छुड़वाने गया था, इसी दौरान रामवृक्ष यादव की स्वाधीन भारत सुभाष सेना के हथियारबंद गुंडों ने फायरिंग कर दी.
तस्वीर: Getty Images/AFP
स्वयंभू संत रामपाल
खुद को संत कहने वाले रामपाल का विवाद सबसे ताजा है. उन पर हत्या के षडयंत्र, खुद को आश्रम में बैरिकेड करने और पेट्रोल बम और अन्य हथियार रखने के आरोप लगाए गए हैं. इनके आश्रम में महिलाओं के टॉयलेट में कैमरे लगे मिले हैं.
तस्वीर: Getty Images/Afp/Sajjad Hussain
आसाराम बापू
दो सितंबर 2013 से आसाराम जेल में बंद हैं. एक नाबालिग के यौन शोषण के मामले में आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा भी आसाराम पर कई दूसरे आरोप हैं.
तस्वीर: Sam Panthaky/AFP/Getty Images
नित्यानंद
2010 में अभिनेत्री युवरानी के साथ सेक्स स्कैंडल में फंसे थे. बलात्कार के आरोपों में घिरे नित्यानंद का सितंबर 2014 में बैंगलुरू के अस्पताल में पौरुष परीक्षण किया गया. कर्नाटक हाईकोर्ट के पोटेंसी टेस्ट के आदेश के खिलाफ नित्यानंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज की थी लेकिन इसे सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया.
तस्वीर: AFP/GettyImages/M. Kiran
जयेंद्र सरस्वती
कांची कामकोटी पीठ के 69वें शंकराचार्य को नवंबर 2004 में मंदिर के मैनेजर शंकररमण की हत्या के षडयंत्र के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. 26 अक्टूबर 2005 को सुप्रीम कोर्ट ने यह मुकदमा तमिलनाडु से हटा कर पुदुचेरी भेजा. हालांकि बाद में वह बरी हो गए.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/M.Lakshman
निर्मल बाबा
उत्तर प्रदेश में धांधली और धोखेबाजी के सिलसिले में अप्रैल 2012 के दौरान निर्मल बाबा पर केस दर्ज किया गया है. इन्हें टीवी पर लोगों को अजीबोगरीब राय देते देखा जाता रहा है, मसलन समोसे के साथ तीखी नहीं मीठी चटनी खाएं तो सभी दुखों का निवारण हो जाएगा.
तस्वीर: Screenshot
सत्य साईं बाबा
2005 में सत्य साईं बाबा के खिलाफ अमेरिका में मुकदमा दर्ज किया गया. 27 साल के आल्या राम ने उन पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे. इस पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी बनी पर अगले ही साल राम ने मुकदमा वापस ले लिया.