तमिलनाडु के पोलाची शहर में किसान पीढ़ियों से नारियल उगाते आ रहे हैं. पहले नारियल का मतलब था, पानी और मलाई. नारियल का अधिकांश छिलका बेकार समझकर फेंक दिया जाता था. अब पोलाची के नारियल किसान छिलका बेचकर खूब पैसा कमा रहे हैं. छिलके से बनी चीजें अमेरिका समेत कई देशों में खरीदी जा रही हैं. अपनी खूबियों के कारण ये रेशे खेती में भी बहुत काम आ रहे हैं.