जिस दौर में हिंदुस्तान के हिस्से के कश्मीर में उथल-पुथल होती रही पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर भी हलचल से भरा रहा. पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर से आने वाले पत्रकार शमशीर हैदर बता रहे हैं अपने अनुभव.
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पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के शहर मीरपुर का यासिन नाम का किशोर जब भारतीय कश्मीर में लड़ते हुए मारा गया था तो हम लोग उदास नहीं खुश थे. सब ने यासीन के भाई को मुबारकबाद दी थी. यासीन स्कूल में हमारा सीनियर था और उस का भाई मेरे ही कक्षा में पढ़ता था. आजाद कश्मीर का खयाल वादियों में बड़ी उम्मीद के साथ तैरा करता था. मुझे आज भी याद है कि जब 1987 में मैंने स्कूल में पहली बार भाषण दिया तो उस का विषय था मकबूल भट. कश्मीरी आजादी का नायक मकबूल भट. स्कूल का वक्त याद आता है तो अब भी 'कश्मीर की आजादी तक जंग रहेगी जंग रहेगी' का नारा ही जेहन में गूंजता है. 'चिनार शोले उगल रही है' का तराना आज भी सुनकर आंसू उतर जाते हैं.
सुंदरता और संघर्ष का नाम कश्मीर
शायर कश्मीर को दुनिया की सबसे खूबसूरत जगह कहते हैं और विश्लेषक उसे सबसे ज्यादा सैनिकों से पटी खतरनाक जगह. इन विरोधाभासों के बावजूद क्या है असली कश्मीर.
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बहुसंस्कृति
कश्मीर को कभी बहुसांस्कृतिक माहौल के लिए भी जाना जाता था. कश्मीर में मुस्लिम बहुल आबादी, जम्मू में हिन्दू और लद्दाख में बौद्ध. कश्मीर की संस्कृति में इनका मिला जुला असर दिखता है. हिंसा ने बहुसंस्कृति पर भी असर डाला.
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केसर
महकता केसर कश्मीर की पहचान है. ईरान और स्पेन के बाद भारत केसर का सबसे बड़ा निर्यातक है. कश्मीर में इसका इस्तेमाल कई व्यंजनों और कहवे में किया जाता है.
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फूलों की चादर
कश्मीर घाटी फूलों के लिए भी मशहूर है. बीते साल करीब 11 लाख सैलानी ट्यूलिप के बागों से भरे जम्मू कश्मीर को देखने पहुंचे. इनमें 50 हजार विदेशी पर्यटक थे.
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हिमाच्छादित कश्मीर
सर्दियों में कश्मीर का बड़ा इलाका बर्फ से ढक जाता है. विंटर स्पोर्ट्स के लिए यहां की कई जगहें एकदम मुफीद हैं. लेकिन अच्छे आधारभूत ढांचे की कमी और हिंसा के चलते इसकी संभावनाएं पूरी तरह इस्तेमाल नहीं हो पाई हैं.
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नदियां
हिमालय की गोद में बसे जम्मू कश्मीर से 20 से ज्यादा नदियां निकलती हैं. इनमें सिंधु, नीलम और रावी प्रमुख हैं. ये बड़ी नदियां भारत से निकलकर पाकिस्तान जाती हैं और इसलिए विवाद के केंद्र में भी हैं.
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लकड़ी
कश्मीर की लकड़ी बेहद उम्दा किस्म की मानी जाती है. क्रिकेट बैट के लिए कश्मीर विलो को सबसे अच्छा माना जाता है. कश्मीर की लकड़ी नाव और फर्नीचर के लिए भी मुफीद मानी जाती है.
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सूफियाना
भारतीय उपमहाद्वीप में गायकी की सूफी परंपरा कश्मीर से ही फैली. रहस्यवाद और मानवता का संदेश देने वाली सूफी गायकी अब भारत और पाकिस्तान में खासी लोकप्रिय है.
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फिल्मों की शूटिंग
1980 के दशक तक कश्मीर घाटी फिल्मों की शूटिंग के लिए भी मशहूर थी. बॉलीवुड के कई सुपरहिट गाने कश्मीर की वादियों से ही निकले. लेकिन 1990 के दशक में हिंसा की मार पड़ी. हाल के सालों में इक्का दुक्का फिल्मों की शूटिंग हुई है.
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सबसे ऊंचा रणक्षेत्र
भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर विवाद 1948 से चला आ रहा है. 5,753 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर दुनिया का सबसे ऊंचा रणक्षेत्र है.
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उस वक्त तक भारतीय कश्मीर में लड़ने के लिए जाने वाले सब 'मुजाहिद' यानि स्वतंत्रता सेनानी होते थे. लाइन ऑफ कंट्रोल के पाकिस्तानी तरफ के कश्मीर में उन दिनों स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और जिहादियों में कोई फर्क नहीं होता था. एलओसी के करीब ट्रेनिंग कैंप होते थे जो दोस्त वहां ट्रेनिंग के लिए गए वो बताते थे कि पाकिस्तानी आर्मी के लोग भी ट्रेनिंग देते थे. जिहादी तंजीमें पैसे जमा करने के लिए कैंप लगाती तो सब लोग दिल खोल कर चंदा दिया करते थे. भारतीय कश्मीर जाने वाले पाकिस्तानी भी होते थे लेकिन कश्मीरी भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते थे. फिर कुछ समय बाद मैंने नीलम घाटी के स्थानीय कश्मीरियों को जिहादियों के खिलाफ सड़कों पर निकलते हुए भी देखा. 1980 और 1990 के दशकों का 'जिहाद' नई सदी शुरू होते ही ठंडा पड़ गया.
'आजाद कश्मीर' के लोग पाकिस्तान पर कश्मीर की आजादी के लिए भरोसा करते रहे थे. लेकिन जैसे जैसे राष्ट्रवादी कश्मीरियों की जगह धार्मिक जिहादियों ने ले ली कश्मीरियों का विश्वास भी पाकिस्तान से जाता रहा. उन्हें लगा कि उनके आजादी के आंदोलन को हाइजैक कर लिया गया है.
पाकिस्तानी कश्मीर में मकबूल भट की जगह हाफिज सईद को कश्मीरियों का रोल मॉडल या हीरो बनाने की मुसलसल पाकिस्तानी कोशिश आखिरकार तकरीबन नाकाम हो चुकी है. ऐसी सोच पैदा होने में पाकिस्तानी सत्ता प्रतिष्ठान की जिहादी सोच का काफी अमल दखल है. 9/11 के बाद की दुनिया में अब एलओसी के इस तरफ भी लोगों में यह एहसास पैदा हो चुका है कि 'राष्ट्रवाद' की जगह 'जिहादवाद' लाने से कश्मीर को कितना नुकसान हो चुका है. इस तरफ के कश्मीर को भारत पर तो कभी भरोसा था ही नहीं. लेकिन पाकिस्तान पर से भरोसा उठ जाने की भी कई वजह हैं.
मिसाल के तौर पर कश्मीरी किशोर, हाशिम और अशरफ ने जब 1971 के शुरू में गंगा प्लेन का अपहरण कर के लाहौर में उतारा था तो पाकिस्तान और पाकिस्तानी कश्मीर में इन दोनों का हीरो की तरह स्वागत हुआ. साल के अंत में जब मशरकी पाकिस्तान बांगलादेश बन गया तो इन्हीं दोनों को भारतीय ऐजेंट करार दे कर जेल में डाल दिया गया था.
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राष्ट्रवादी कश्मीरियों को पाकिस्तान और भारत दोनों ने अपना दुश्मन समझा है. कश्मीरियों का दिल जीतने की कोशिश ना तो पाकिस्तान ने की और ना ही भारत ने. आज के पाकिस्तानी कश्मीर में अगर जनमतसंग्रह होता है तो लोगों की बहुतायत ना तो पाकिस्तान के साथ रहना चाहेगी और ना ही भारत के साथ. हाशिम कुरैशी तो वापस अपने वतन भारतीय कश्मीर चले गए और राजनीतिक पार्टी भी बना ली. उस पीढ़ी को तो समझ आ चुका है कि कश्मीर का मसला चरमपंथ से नहीं बल्कि बातचीत से ही हल हो सकता है. लेकिन बुरहान मुजफ्फर वानी की मौत लाइन ऑफ कंट्रोल के इस तरफ के नौजवान कश्मीरियों के लिए एक नया दौर शुरू कर सकती है.
पेशे से पत्रकार शमशीर हैदर पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर से आते हैं और डॉयचेवेले उर्दू के लिए काम करते हैं.
ये हसीन वादियां
कश्मीर में इन दिनों रिकॉर्डतोड़ बर्फबारी हो रही है. कई इलाकों में पारा शून्य से नीचे चला गया है लेकिन छुट्टी मनाने गए पर्यटकों के लिए यह मौका मौज मस्ती का है.
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कहीं मुसीबत कहीं मौज
भारी बर्फबारी के बीच अनंतनाग स्टेशन पर खड़ी ट्रेन. पिछले दिनों बर्फबारी के कारण ट्रेन सेवा रद्द कर दी गई थी. कश्मीर को देश के दूसरे हिस्सों से जोड़ने वाला श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग बंद है.
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कैमरे में कैद मस्ती
श्रीनगर के बोटैनिकल गार्डन में तस्वीरें खिंचवाती महिला पर्यटक. पीछे खूबसूरत जबरवां की पहाड़ियां हैं. कई इलाकों में बहुत ठंड है और तापमान माइनस में चल रहा है.
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बर्फ का पुतला
डल झील के पास स्नो मैन बनाता एक कलाकार. कड़ाके की ठंड और बर्फ के बावजूद लोग घाटी में इस मौसम का आनंद ले रहे हैं. नए साल के मौके पर भी लोग घाटी में जश्न मनाने आते हैं.
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चमकती बर्फ
घाटी में 48 घंटे की लगातार बर्फबारी के बाद सूरज निकला. सूरज की चमक में भद्रवाह घाटी और भी खूबसूरत नजर आ रही है.
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बर्फ ही बर्फ
घर की छत पर बर्फ की मोटी चादर. घाटी में बर्फबारी का मजा लेने के लिए देश विदेश के हजारों सैलानी हर साल यहां आते हैं.
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रोजगार का मौसम
घाटी में देश विदेश से आने वाले पर्यटकों की वजह से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है. साथ ही राज्य की अर्थव्यवस्था में भी योगदान होता है.
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अभी और पड़ेगी बर्फ
मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दिनों में घाटी में और बर्फबारी हो सकती है.