स्कॉटलैंड के एक युवा उद्यमी ने अपने बेडरूम में एक मिनी सैटेलाइट बनाया है. और अब यूरोपीय स्पेस एजेंसी के साथ उसे अंतरिक्ष में भेजने की कोशिश कर रहा है. नाम है यूनिकॉर्म वन.
वैज्ञानिक अंतरिक्ष में असगार्दिया नाम से एक देश बसाने में जुटे हैं. लाखों लोग अब तक इस प्रस्तावित देश के वर्चुअल नागरिक भी बन चुके हैं, जिनमें हजारों भारतीय भी शामिल हैं.
अंतरिक्ष में बस रहा है देश, फ्री में बनिए नागरिक
वैज्ञानिक अंतरिक्ष में असगार्दिया नाम से एक देश बसाने में जुटे हैं. लाखों लोग अब तक इस प्रस्तावित देश के वर्चुअल नागरिक भी बन चुके हैं, जिनमें हजारों भारतीय भी शामिल हैं.
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आकाश में आशियाना
अंतरिक्ष में एक अलग देश बसाने के इस इरादे की घोषणा अक्टूबर 2016 में हुई. तब से दुनिया भर के लाखों लोग इस वर्चुअल देश का हिस्सा बन चुके हैं. वैज्ञानिकों का इरादा उपग्रहों की मदद से अंतरिक्ष में रहने लायक जगहें तैयार करना है.
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पहला कदम
2017 में भेजा जाना है. 2.8 किलोग्राम का यह उपग्रह असगार्दिया के नागरिक बनने वाले पहले डेढ़ लाख लोगों का डाटा लेकर जायेगा जिसमें फैमिली फोटो जैसी चीजें शामिल होंगी.
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दीर्घकालीन उद्देश्य
असगार्दिया से जुड़े वैज्ञानिकों की टीम का कहना है कि वे धरती से ऊपर 160 से लेकर 320 किलोमीटर की ऊंचाई के बीच एक ऐसी जगह बनाना चाहते हैं जहां इंसान रह सकें. इंसानों को लेकर पहला यान वहां आठ साल के भीतर भेजा सकता है.
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असगार्दिया के जनक
कोशिश के पीछे रूसी वैज्ञानिक डॉ इगोर अशुरबेयली का दिमाग काम कर रहा है. वह कहते हैं कि इसका मकसद अंतरिक्ष तक पहुंच को आसान बनाना है. अभी इसके लिए सरकारों की अनुमति लेनी पड़ती है.
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कौन हैं अशुरबेयली
अजरबैजान में जन्मे अशुरबेयली ने 1985 में वहां की स्टेट ऑयल अकेडमी से स्नातक किया. इसके तीन साल बाद उन्होंने सोकियम नाम से सॉफ्टवेयर और कंसल्टिंग कंपनी बनायी, जिसके कर्मचारियों की संख्या उनकी वेबसाइट के मुताबिक 10 हजार बतायी जाती है.
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मकसद
असगार्दिया की वेबसाइट के मुताबिक उनका मिशन एक शांतिपूर्ण समाज का निर्माण करना है. इसकी टीम पृथ्वी को अंतरिक्ष से होने वाले खतरों से बचाने की बात भी करती है जिसमें उल्कापिंड और अंतरिक्ष में इंसान का फैलाया जा रहा कचरा शामिल है.
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उत्साही वर्चुअल नागरिक
इस अभियान को लेकर इंडोशिया में जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली है. असगार्दिया का नागरिक बनने वालों में सबसे ज्यादा इंडोनेशिया राजधानी जकार्ता के लोग शामिल हैं. भारत के सात हजार से ज्यादा लोग भी इस पहल का हिस्सा बन चुके हैं.
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टॉप 10
वैसे असगार्दिया का नागरिक बनने वालों में सबसे ऊपर तुर्की के लोग हैं जिनकी संख्या 40 हजार के पार जा पहुंची है. इसके बाद चीन और अमेरिका का नंबर आता है. भारत नौवें स्थान पर है जबकि ब्राजील, इटली, ब्रिटेन, मैक्सिक और स्पेन भी टॉप 10 में शामिल हैं.
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कहां से आया नाम
नॉर्स पौराणिक कथाओं से लिया गया है, जिनमें आकाश में बसे शहर को असगार्दिया कहा जाता है. अशुरबेयली के असगार्दिया का हिस्सा धरती पर रहने वाला कोई भी व्यक्ति बन सकता है और इसके लिए कोई फीस नहीं लगती.
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सरकारी तामझाम
राष्ट्र का सदस्य बनने के लिए 2018 में आवेदन करेगा. जल्द ही उसकी सरकार, अदालत, अभियोजन कार्यालय और अन्य सरकारी संस्थाओं का गठन होने की बात भी अशुरबेयली करते हैं.