दिल्ली में महिलाओं और लड़कियों के यौन उत्पीड़न के खिलाफ आयोजित वर्ल्ड कांग्रेस में हॉलीवुड की इस अभिनेत्री ने यह खुलासा किया. एश्ली ने लैंगिक असमानता पर भी सवाल उठाए और कहा कि उन्होंने इस असमानता को झेला है.
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अमेरिकी अदाकारा एश्ली जड के मुताबिक महज सात साल की उम्र में उन्हें यौन शोषण का सामना करना पड़ा. अपने बचपन के इन काले पन्नों को दिल्ली में महिलाओं और लड़कियों के यौन उत्पीड़न के खिलाफ आयोजित वर्ल्ड कांग्रेस में हॉलीवुड की इस अभिनेत्री ने खोल कर रख दिया. एश्ली ने बताया कि लंबे समय तक वह इस शोषण का शिकार रहीं.
एश्ली ने कहा कि महज सात साल की उम्र में यौन प्रताड़ना हुई और 14 साल की उम्र में उनका बलात्कार किया गया. इस दौरान एश्ली ने लैंगिक असमानता पर भी सवाल उठाए और कहा कि बतौर अभिनेत्री भी उन्होंने इस असमानता को महसूस किया है.
देखिए, क्या होता है टू फिंगर टेस्ट
एश्ली उन हस्तियों में से एक हैं जिन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की नीतियों का खुलकर विरोध किया है. यहां भी एश्ली यह कहने से नहीं हिचकीं कि उन्हें अपने देश में लैंगिक समानता की कमी नजर आती है.
देश के म्यूजिक स्टार नाओमी जड की बेटी ने इसके पहले भी यह खुलासा किया था कि एक हॉलीवुड स्टूडियो के एक्जिक्यूटिव ने उनका यौन शोषण किया. उन्होंने एक अखबार से बातचीत में कहा था कि एक फिल्म की शूटिंग के दौरान हॉलीवुड की एक नामचीन हस्ती ने उन्हें अपने होटल के कमरे में बुलाया और जब वह पहुंचीं तो उनसे कहा कि वह उसे नहाते हुए देखें. एश्ली ने बताया, "मेरा शोषण उस व्यक्ति ने किया जो हॉलीवुड में काफी रसूखदार माना जाता है, यहां तक कि उसने मेरे काम को निखारा लेकिन अब यह बहुत खराब हो चुका है."ॉ
तस्वीरों में, यौन कर्म की अंधेरी दुनिया में नाबालिग
यौनकर्म की अंधेरी दुनिया में नाबालिग
सामाजिक संस्थाओं का अनुमान है कि जर्मनी में चार लाख यौनकर्मियों में से 10 फीसदी नाबालिग हैं. कई बार अंजाने में तो कई बार जिद में वे अंधेरी दुनिया में प्रवेश कर जाती हैं.
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यौनकर्मियों की संख्या
जर्मनी में यौनकर्मियों की सही संख्या का कोई आधिकारिक आंकड़ा मौजूद नहीं है. यौनकर्मियों के लिए काम करने वाली बर्लिन की हाइड्रा संस्था के मुताबिक करीब चार लाख महिलाएं यौनकर्म से रोजी रोटी कमा रही हैं.
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उत्पत्ति
जर्मनी में पूर्वी यूरोप और अफ्रीका से आई कई महिलाएं इस काम में लिप्त हैं. लेकिन यौनकर्म में शामिल नाबालिग लड़कियां ज्यादातर जर्मन ही हैं. डॉर्टमुंड की राहत संस्था मिडनाइट मिशन के मुताबिक यौनकर्म करने वाली दो तिहाई नाबालिग लड़कियां जर्मन मूल की हैं.
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नशे की लत
इन लड़कियों में कई स्कूली छात्राएं हैं. ये नशे की लती हैं. नशे की जरूरत को पूरा करने के लिए ही ज्यादातर वे यह रास्ता अपनाती हैं. इनमें से ज्यादातर अपने घरों से भागी हुई हैं और उनके पास रहने का ठिकाना नहीं है.
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अंधेरी दुनिया
यौनकर्म को कमाई के लिए अपनाने के कई कारण हैं. कभी वे दोस्तों या रिश्तेदारों के बहकावे में आकर यह काम करने लगती हैं तो कभी वे धोखे का शिकार हो जाती हैं. कई बार पुरुष उनके बॉयफ्रेंड बनकर उन्हें इस काम में बहला फुसलाकर घसीट लेते हैं.
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सख्त सजा
जर्मनी में लड़कियों को जबरन वैश्यावृति में धकेले जाने को रोकने के लिए कानून में सख्ती लाई जा रही है. भविष्य में लड़कियों की मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें सेक्स वर्क में धकेलने वालों को 10 साल तक कैद की सजा होगी.
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बचाने की कोशिश
बंधुआ सेक्स वर्करों से सेवा लेने वाले लोगों को भी भविष्य में जर्मनी में तीन महीने से पांच साल तक कैद हो सकती है. सजा से बचने के लिए जरूरी होगा कि वह बंधुआ सेक्स वर्करों के बारे में अधिकारियों को फौरन सूचना दे.
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छोड़ना मुश्किल
यौनकर्म की दुनिया में प्रवेश के बाद इनका बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है. अक्सर वे यह समझ ही नहीं पाती हैं कि वे अपने साथ क्या कर रही हैं. कम उम्र में उनमें लोगों के खिलाफ जाने की प्रवृत्ति होती है. वे यौनकर्म को सामाजिक मान्यताओं को तोड़ने के कदम की नजर से देखती हैं.
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इसी अखबार से खुलासे में एश्ली ने कहा था कि बाद में उन्हें पता चला कि यौन शोषण का सामना करने वाली वह पहली अभिनेत्री नहीं हैं बल्कि वह एक्जिक्यूटिव पहले भी कई महिलाओं के साथ ये हरकत कर चुका है. एश्ली ने कहा कि जब हम मिल बैठ कर अपने अनुभवों पर बात करेंगे तभी हमें यह समझ आएगा कि ये सारी बातें आपस में जुड़ी हुई हैं.