अफगानिस्तान में चुपके-चुपके कोडिंग सीख रहीं लड़कियां
२९ अक्टूबर २०२१
अफगानिस्तान में लड़कियों के स्कूल तालिबान के आने से बंद हैं. लेकिन कुछ लड़कियां आसमान में उड़ना चाहती हैं, पढ़ना चाहती हैं और एक कामयाब इंसान बनना चाहती हैं. इसके लिए वह जोखिम के बावजूद भी पढ़ाई कर रही हैं.
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अफगानिस्तान के हेरात में घर में कैद जैनब मुहम्मदी को कोडिंग क्लास के बाद कैफेटेरिया में अपने दोस्तों के साथ गपशप मारने की याद सताती है. अब वह हर दिन गुपचुप से ऑनलाइन क्लास में शामिल होती है.
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद जैनब का स्कूल बंद हो गया लेकिन यह जैनब को सीखने से रोक नहीं पाया. जैनब कहती हैं, "मेरे जैसी लड़कियों के लिए खतरा और जोखिम है. अगर तालिबान को पता चलता है तो वह मुझे सजा दे सकता है. वह पत्थर से मारकर मुझे मौत के घाट उतार सकता है." जैनब ने सुरक्षा कारणों से अपना असली नाम नहीं बताया.
25 वर्षीय जैनब ने वीडियो कॉल पर थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन को बताया, "लेकिन मैंने अपनी उम्मीद या आकांक्षा नहीं छोड़ी है. मैं पढ़ाई जारी रखने के लिए दृढ़ हूं." तालिबान द्वारा स्कूल बंद करवाए जाने के बावजूद वह अनुमानित सैकड़ों अफगान लड़कियों और महिलाओं में से एक हैं जो लगातार सीख रही हैं - कुछ ऑनलाइन और अन्य अस्थायी स्कूलों में.
अफगानिस्तान की पहली महिला कोडिंग अकादमी कोड टू इंस्पायर की सीईओ फरेशतेह फोरो ने एन्क्रिप्टेड वर्चुअल क्लासरूम स्थापित किया है. उन्होंने स्टडी मैटेरियल अपलोड किए. जैनब की तरह 100 लड़कियों को लैपटॉप और इंटरनेट पैकेज मुहैया भी कराए.
अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए नए नियम
तालिबान ने अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए नए नियमों का ऐलान कर दिया है. तो कैसी होगी अब महिलाओं की जिंदगी.
तस्वीर: AAMIR QURESHI/AFP
महिलाओं के लिए नए नियम
अफगानिस्तान के नए उच्च शिक्षा मंत्री अब्दुल बाकी हक्कानी ने कहा है कि महिलाएं पढ़ाई कर पाएंगी लेकिन उन्हें कुछ विशेष नियमों का पालन करना होगा.
तस्वीर: Bilal Guler/AA/picture alliance
पढ़ाई की इजाजत
महिलाओं को यूनिवर्सिटी में पढ़ने की इजाजत होगी. हक्कानी ने कहा है कि जैसा देश आज है, उसी के आधार पर नए अफगानिस्तान का निर्माण किया जाएगा ना कि 20 साल पहले के तालिबानी शासन के आधार पर.
तस्वीर: Hoshang Hashimi/AFP/Getty Images
लड़कों से अलग
महिला छात्रों को लड़कों से अलग पढ़ाया जाएगा. उन्हें इस्लामिक कानून के आधार पर कपड़े पहनने होंगे यानी सिर से पांव तक खुद को ढककर रखना होगा.
तस्वीर: Social media handout via REUTERS
पुरुष शिक्षक नहीं
हक्कानी ने कहा कि छात्राओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी जहां तक संभव होगा शिक्षिकाओं को ही दी जाएगी. उन्होंने कहा कि शुक्र है देश में काफी महिला शिक्षक हैं.
तस्वीर: WAKIL KOHSAR/AFP/Getty Images
अलग-अलग बैठना होगा
जहां महिलाएं उपलब्ध नहीं होंगी, वहां पुरुष शिक्षक भी पढ़ा सकेंगे लेकिन विश्वविद्यालयों में छात्र-छात्राओं को अलग-अलग बैठना होगा और पर्दे में रहना होगा.
तस्वीर: Bernat Armangue/AP/picture alliance
कक्षाओं में पर्दे
पुरुष और महिला छात्राओं के बीच में पर्दे लगाए जाएंगे या फिर स्ट्रीमिंग के जरिए भी पढ़ाई कराई जा सकती है.
तस्वीर: AAMIR QURESHI/AFP
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वह कहती हैं, "आप घर पर बंद हो सकते हैं और बिना किसी झिझक के भौगोलिक चिंताओं के बिना वर्चुअल दुनिया का पता लगा सकते हैं. यही तकनीक की खूबसूरती है." सितंबर में सरकार ने कहा कि बड़े लड़के फिर से स्कूल शुरू कर सकते हैं लेकिन बड़ी लड़कियां जिनकी आयु 12-18 वर्ष के बीच है, उन्हें घर पर ही रहना होगा.
तालिबान, जिसने लगभग 20 साल पहले अपने आखिरी शासन के दौरान लड़कियों की शिक्षा पर रोक लगा दी थी उसने वादा किया है कि वह उन्हें स्कूल जाने की अनुमति देगा क्योंकि वह दुनिया को दिखाना चाहता है कि वह बदल गया है. यूनिसेफ के मुताबिक 2001 में तालिबान के बेदखल होने के बाद स्कूल में उपस्थिति तेजी से बढ़ी, 2018 तक 36 लाख से अधिक लड़कियों का नामांकन हुआ. विश्वविद्यालय जाने वालों की संख्या, जो अब लाखों में है. उसमें भी वृद्धि हुई. 2020 में लगभग 6 फीसदी महिलाएं शिक्षा प्राप्त कर रही थीं, जो 2011 में सिर्फ 1.8 प्रतिशत था.
एए/सीके (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)
तालिबान राज में कुछ ऐसी है आम जिंदगी
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार की स्थापना के बाद लोगों को कट्टरपंथी मिलिशिया के तहत जीवन में वापस लौटना पड़ा है. लोगों के लिए बहुत कुछ बदल गया है, खासकर महिलाओं के लिए.
तस्वीर: Bernat Armangue/AP Photo/picture alliance
बुर्के में जिंदगी
अभी तक महिलाओं के लिए बुर्का पहनना अनिवार्य नहीं है, लेकिन कई महिलाएं कार्रवाई के डर से ऐसा करती हैं. इस तस्वीर में दो महिलाएं अपने बच्चों के साथ बाजार में पुराने कपड़े खरीद रही हैं. देश छोड़कर भागे हजारों लोग अपने पुराने कपड़े पीछे छोड़ गए हैं, जो अब ऐसे बाजारों में बिक रहे हैं.
तस्वीर: Felipe Dana/AP Photo/picture alliance
गलियों और बाजारों में तालिबानी लड़ाके
पुराने शहर के बाजारों में चहल-पहल है, लेकिन सड़कों पर तालिबान लड़ाकों का भी दबदबा है. वे गलियों में सब कुछ नियंत्रित करते हैं और उनके विचारों या नियमों के खिलाफ कुछ होने पर तुरंत दखल देते हैं.
तस्वीर: Bernat Armangue/AP Photo/picture alliance
दाढ़ी बनाने पर रोक
तालिबान ने नाइयों को दाढ़ी काटने और शेव करने से मना किया है. यह आदेश अभी हाल ही में हेलमंद प्रांत में लागू किया गया है. यह अभी साफ नहीं है कि इसे देश भर में लागू किया जाएगा या नहीं. 1996 से 2001 तक पिछले तालिबान शासन के दौरान पुरुषों की दाढ़ी काटने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था.
तस्वीर: APTN
महिलाओं के चेहरे मिटाए जा रहे
ब्यूटी पार्लर के बाहर तस्वीरें हों या विज्ञापन तालिबान महिलाओं की ऐसी तस्वीरों को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करता है. ऐसी तस्वीरें हटा दी गईं या फिर उन्हें छुपा दिया गया.
तस्वीर: Bernat Armangue/AP Photo/picture alliance
लड़कियों को अपनी शिक्षा का डर
तालिबान ने लड़कियों को प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने की इजाजत दी है, लेकिन लड़कियों ने अभी तक माध्यमिक विद्यालयों में जाना शुरू नहीं किया है. यूनिवर्सिटी में लड़के और लड़कियों को अलग-अलग बैठने को कहा गया है.
तस्वीर: Felipe Dana/AP Photo/picture alliance
क्रिकेट का खेल
क्रिकेट खेलने के लिए काबुल के चमन-ए-होजरी पार्क में युवकों का एक समूह इकट्ठा हुआ है. जबकि महिलाओं को अब कोई खेल खेलने की इजाजत नहीं है. क्रिकेट अफगानिस्तान में सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक है.
तस्वीर: Bernat Armangue/AP Photo/picture alliance
बढ़ती बेरोजगारी
अफगानिस्तान गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. विदेशी सहायता रुकने से वित्त संकट खड़ा हो गया है. इस तस्वीर में ये दिहाड़ी मजदूर बेकार बैठे हैं.
तस्वीर: Bernat Armangue/AP Photo/picture alliance
नमाज भी जरूरी
जुमे की नमाज के लिए लोग इकट्ठा हुए हैं. मुसलमानों के लिए शुक्रवार का दिन अहम होता है और जुमे की नमाज का भी खास महत्व होता है. इस तस्वीर में एक लड़की भी दिख रही है जो जूते पॉलिश कर रोजी-रोटी कमाती है.
तस्वीर: Bernat Armangue/AP Photo/picture alliance
आम नागरिक परेशान, तालिबान खुश
अफगान नागरिक एक अजीब संघर्ष में जिंदगी बिता रहे हैं, लेकिन तालिबान अक्सर इसका आनंद लेते दिखते हैं. इस तस्वीर में तालिबान के लड़ाके स्पीडबोट की सवारी का मजा ले रहे हैं.