1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
मानवाधिकारअफगानिस्तान

यूएन की तालिबान को चेतावनी, महिलाओं को न करे परेशान

१३ सितम्बर २०२२

संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि तालिबान अधिकारियों ने उसके कर्मचारियों में से तीन अफगान महिलाओं को हिरासत में लिया है. संगठन ने अधिकारियों से महिलाओं का सम्मान करने को कहा है. तालिबान ने नजरबंदी से इनकार किया है.

तालिबान ने महिलाओं के अधिकारों पर गंभीर रूप से अंकुश लगाया है
तालिबान ने महिलाओं के अधिकारों पर गंभीर रूप से अंकुश लगाया हैतस्वीर: Wakil Kohsar/AFP

संयुक्त राष्ट्र ने सोमवार को अफगानिस्तान में उसके लिए काम करने वाली अफगान महिलाओं के खिलाफ "उत्पीड़न प्रथाओं" की चेतावनी दी. यूएनएएमए मिशन का कहना है कि उसकी तीन महिला अफगान कर्मचारियों को हाल ही में स्थानीय सशस्त्र सुरक्षा एजेंटों ने हिरासत में लिया और उनसे पूछताछ की.

यूएन: 60 लाख अफगान गंभीर अकाल के खतरे में

तालिबान ने सोमवार शाम एक बयान जारी कर महिलाओं को हिरासत में लेने से इनकार किया है. तालिबान का कहना है कि स्थानीय अधिकारियों ने दक्षिणी कंधार प्रांत में महिलाओं के एक समूह को हिरासत में लिया, लेकिन जब उन्हें पता चला कि वे संयुक्त राष्ट्र के लिए काम कर रही हैं तो उन्हें जाने दिया.

संयुक्त राष्ट्र ने तालिबान से अपनी अफगान महिला कर्मचारियों को निशाना बनाने की धमकी देने की अपनी रणनीति को समाप्त करने का भी आह्वान किया और स्थानीय अधिकारियों को महिलाओं की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत उनके दायित्वों की याद दिलाई.

महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित करने का प्रयास

तालिबान के इस्लामी कानून की सख्त व्याख्या का मतलब है कि महिलाओं और लड़कियों को उनके मूल अधिकारों का इस्तेमाल करने से गंभीर रूप से प्रतिबंधित किया जाता है, जैसे कि स्कूल जाना या काम करना.

पिछले साल सत्ता संभालने के बाद तालिबान ने लड़कियों के लिए हाई स्कूल बंद कर दिए थे. हाल ही में पक्तिया प्रांत के अधिकारियों ने कबायली बुजुर्गों की सिफारिश के बाद छठी कक्षा से ऊपर के स्कूलों को खोलने का आदेश दिया था, लेकिन कुछ दिनों बाद इन स्कूलों को भी बंद करने का आदेश दिया गया.

संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि तालिबान के सत्ता में आने के बाद से लगभग 30 लाख अफगान लड़कियां माध्यमिक शिक्षा पूरी करने में असमर्थ रही हैं.

ईयू: तालिबान कर रहा महिलाओं के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन

अफगान महिलाओं ने यूएन से कार्रवाई करने का आग्रह किया

इस बीच, अफगान महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक में कहा कि देश में उनके पास कोई अधिकार नहीं है. यह बैठक सोमवार को जेनेवा में हुई.  महिला अधिकार कार्यकर्ता महबूबा सिराज ने संयुक्त राष्ट्र के राजनयिकों से कहा, "आज अफगानिस्तान में मानवाधिकार मौजूद नहीं हैं. हमारा वहां कोई वजूद नहीं है. "

एक अफगान वकील रजिया सयाद ने कहा, "अफगानिस्तान की महिलाएं अब एक ऐसे समूह की दया पर हैं जो स्वाभाविक रूप से नारीवाद विरोधी है और महिलाओं को इंसान के रूप में मान्यता नहीं देता है."

अफगान महिलाओं ने संयुक्त राष्ट्र से देश में दुर्व्यवहार की जांच के लिए एक प्रणाली बनाने का आग्रह किया है.

एए/सीके (रॉयटर्स, एएफपी, एपी)

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें