जर्मन ट्रेन में एक अफ्रीकी से बदसलूकी, वीडियो वायरल
५ जुलाई २०१७
जर्मन शहर म्यूनिख का एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है. इसमें दो गार्ड 48 साल के एक नाइजीरियाई व्यक्ति को दबोच कर ट्रेन से बाहर निकाल रहे हैं. इस वीडियो को बनाने वाली पत्रकार को अब धमकियां मिल रही हैं.
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A bystander filmed as an African man was violently removed from a train in Munich
02:38
चीन कर रहा है अफ्रीकी रेलवे में निवेश
विदेशों में परिवहन ढांचे को बेहतर बनाने के लिये चीन अब अफ्रीका के रेल नेटवर्क में भारी निवेश कर रहा है. रेल नेटवर्क की ये बहाली यहां के लोगों को भी खूब रास आ रही है.
चीन कर रहा है अफ्रीकी रेलवे में निवेश
विदेशों में परिवहन ढांचे को बेहतर बनाने के लिये चीन अब अफ्रीका के रेल नेटवर्क में भारी निवेश कर रहा है. रेल नेटवर्क की ये बहाली यहां के लोगों को भी खूब रास आ रही है.
तस्वीर: imago/ZUMA Press
तेज ट्रेन
बीती जुलाई से लेकर अब तक नाइजीरिया की राजधानी अबुजा से देश के उत्तरी प्रांत को 175 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग के जरिये जोड़ा गया है. इसकी लागत तकरीबन 80 करोड़ यूरो आंकी गई है जिसके लिये चीन के एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक (आयात-निर्यात बैंक) ने 45 करो़ड़ यूरो मुहैया कराये थे.
तस्वीर: DW/U. Musa
राष्ट्र प्रमुख की सवारी
नाइजीरिया के राष्ट्रपति मोहम्मदु बुहारी ने इस नई ट्रेन की पहली यात्रा पर एक विशेष अतिथि के रूप में शिरकत की थी. 2 घंटे 40-मिनट की यात्रा के लिये इकोनॉमी क्लास में 3 यूरो का भुगतान तय किया गया है और प्रथम श्रेणी के लिये यह राशि 4.25 यूरो है.
तस्वीर: DW/U. Musa
सिटी रेल
इथोपिया की राजधानी आदिस अबाबा में पहली लाइट रेल लाइन ने साल 2015 से काम करना शुरु किया था. यह रेल लाइन भी चीन के रेलवे समूह ने ही तैयार की थी और इसके लिये वित्त भी चीन के एक्सिम बैंक ने ही दिया था.
तस्वीर: picture-alliance/dpaMarthe van der Wolf
पूर्वी अफ्रीका
तकरीबन 25 हजार केन्याई और तीन हजार चीनी मजदूर मोम्बासा और नैरोबी के बीच बनाये जा रहे 472 किलोमीटर लंबे मार्ग को तैयार रहे हैं. इसका भी तकरीबन 90 फीसदी लागत खर्च चीन वहन कर रहा है.
तस्वीर: Reuters/N. Khamis
रेलवे म्यूजियम
अफ्रीका में रेल परिवहन का एक लंबा इतिहास है. साल 1856 में अलेक्जेंड्रिया और काहिरा के बीच रास्ता शुरू किया गया था. भाप के इंजन भी 20वीं सदी की शुरुआत से ही चल रहे हैं. इन्हें रेलवे संग्रहालय में रखा गया है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/S. de Sakutin
रेलवे लाइन
अफ्रीका में अपने उपनिवेश स्थापित करने वाले यूरोपीय देशों ने यहां रेल नेटवर्क शुरू किया था जिसका इस्तेमाल वे कच्चे माल को समुद्र तट तक पहुंचाने के लिये करते थे और इसके बाद समुद्र तट से कच्चे माल को यूरोप भेजा जाता था. वर्तमान में ये मार्ग जीर्णावस्था में पहुंच गये हैं.
तस्वीर: picture-alliance/Ardea/K. Terblanche
अफ्रीकी रेल नेटवर्क
साल 2015 में, अफ्रीकी विकास बैंक ने महाद्वीप में रेलवे नेटवर्क की महत्ता पर बल दिया था. बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि रेलवे के जरिये शहरी भीड़भाड़ से राहत मिलेगी और माल-भाड़ा भी सस्ता होगा. लेकिन बैंक ने देश के खराब रेल नेटवर्क पर चिंता जताई थी.
बंद स्टेशन खुलेंगे
अफ्रीकी देशों की अर्थव्यवस्था में वृद्धि हो रही है और इसका नजर परिवहन क्षेत्र पर भी नजर आ रहा है. अगर चीन और अन्य निवेशक, निवेश जारी रखते हैं तो बंद पड़े ऐसे स्टेशनों पर जल्द ही ट्रेनों की सीटियां दोबारा सुनाई पड़ने लगेंगी.
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Medina
दक्षिण अफ्रीका
गौट्रेन क्षेत्रीय रेल नेटवर्क, प्रिटोरिया और जोहान्सबर्ग को अफ्रीका के सबसे बड़े हवाई अड्डे के साथ जोड़ती है. यह अगले 20 वर्षों में वर्तमान 80 से 230 किलोमीटर तक विस्तार किया जाना है. 21,000 किलोमीटर के ट्रैक के साथ, दक्षिण अफ्रीका महाद्वीप में अब तक का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है.