भारत के अदाणी समूह पर धोखाधड़ी का आरोप लगाने के दो महीने बाद हिंडनबर्ग रिसर्च ने ट्विटर के संस्थापक जैक डॉर्सी की मोबाइल पेमेंट कंपनी 'ब्लॉक' को निशाना बनाया है. खुलासे के बाद डॉर्सी की संपत्ति 43 अरब रुपए कम हो गई.
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जैक डॉर्सी की कंपनी 'ब्लॉक' के खिलाफ अपनी नई रिपोर्ट जारी करते हुए हिंडनबर्ग ने कहा कि कंपनी ने अपने उपभोक्ताओं की संख्या को बहुत बढ़ा चढ़ा कर दिखाया है.
डॉर्सी ने कंपनी की स्थापना 2009 में की थी. शुरू में कंपनी का नाम 'स्क्वायर' था और 2021 में उसका नाम बदल दिया गया. कैलिफोर्निया में स्थित यह कंपनी मोबाइल ऐप "कैश ऐप" की मालिक है, जिसके जरिए वो विक्रेताओं को पेमेंट से लेकर लोगों के बीच लेनदेन जैसी सेवाएं भी देती है.
फ्रॉड को कराया आसान
पिछले कुछ सालों से कंपनी बहुत तेजी से बढ़ रही थी और 2021 में उसका बाजार मूल्य 100 अरब डॉलर से भी ज्यादा हो गया था. इस समय उसका मूल्य 38 अरब डॉलर है.
हिंडनबर्ग ने कहा है कि "ब्लॉक" को यह मालूम था कि उसके कई अकाउंट या तो फर्जी थे या एक ही उपभोक्ता के थे लेकिन कंपनी ने वित्तीय जानकारी देने के समय यह बात छुपाई रखी.
हिंडनबर्ग के मुताबिक कंपनी ने नियामक अनुपालन को ताक पर रखा जिससे "बुरे लोगों के लिए आइडेंटिटी फ्रॉड और दूसरे फर्जीवाड़ों के लिए बड़ी संख्या में खाते बना लेना और फिर चुराए हुए पैसों को निकाल लेना आसान हो गया."
हिंडनबर्ग का कहना है कि उसने दो सालों तक "ब्लॉक" की जांच-पड़ताल की, उसके दर्जनों पूर्व कर्मचारियों और विशेषज्ञों से बात की और नियामकों और अदालती सुनवाइयों से प्राप्त दतावेजों का बारीकी से विश्लेषण भी किया.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक "ब्लॉक" ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि वो हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की योजना बना रही है.
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डॉर्सी को भारी नुकसान
हिंडनबर्ग का यह भी मानना है कि डॉर्सी ने खुद अपने लिए पांच अरब डॉलर की संपत्ति बना ली है और यह सुनिश्चित कर लिया है कि दूसरों के लिए चाहे जो भी हो, वो खुद सुरक्षित रहेंगे. हालांकि एक रिपोर्ट के मुताबिक हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद डॉर्सी को बहुत नुकसान पहुंचा है और उनकी संपत्ति में भारी गिरावट आई है.
ब्लूमबर्ग करोड़पति सूचकांक के मुताबिक रिपोर्ट के जारी किए जाने के बाद डॉर्सी की संपत्ति में 52 करोड़ डॉलर या 43 अरब रुपयों से भी ज्यादा की गिरावट आई.
यह उनकी संपत्ति में करीब 11 प्रतिशत की गिरावट है और अब उनकी संपत्ति का मूल्य करीब 4.4 अरब डॉलर रह गया है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के जारी होने के बाद अमेरिका के शेयर बाजार में "ब्लॉक" का स्टॉक भी 22 प्रतिशत गिर गया.
इससे पहले जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग ने भारत के अडानी समूह पर विस्तृत धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. अदाणी ने भी उन आरोपों का खंडन किया था लेकिन शेयर बाजार में समूह की सात कंपनियों का मूल्य करोड़ों रुपये गिर गया था.
इसके अलावा विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर अदाणी समूह को बचाने का आरोप भी लगाया है और समूह के खिलाफ सभी आरोपों के लिए एक विशेष संसदीय समिति के गठन की मांग भी की है. इस मांग को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच कई दिनों से गतिरोध चल रहा है और संसद की कार्रवाई बाधित है.
(एएफपी से इनपुट के साथ)
इतिहास की सबसे बड़ी धोखाधड़ी के आरोप का सामना कर रहे गौतम अदाणी
गौतम अदाणी कभी एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति थे लेकिन एक रिपोर्ट ने उनके व्यापार को इतना नुकसान पहुंचा दिया कि अदाणी समूह की पूंजी 8000 अरब से ज्यादा गिर गई. जानिए गौतम अदाणी और उनके साम्राज्य के बारे में.
तस्वीर: Amit Dave/REUTERS
अपार संपत्ति
अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी को कभी एशिया के सबसे अमीर और दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति के रूप में जाना जाता था. अहमदाबाद के एक मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले और शिक्षा भी पूरी ना कर पाने वाले एक व्यक्ति के लिए इसे एक अचंभित करने वाली उपलब्धि माना जाता था.
तस्वीर: Amit Dave/REUTERS
सादा शुरुआत
कहा जाता है कि गौतम अदाणी ने कॉलेज शिक्षा छोड़ कर मुंबई में हीरों का कारोबार शुरू किया. बाद में अहमदाबाद लौट कर उन्होंने अपने भाई के साथ मिल कर प्लास्टिक आयात करने का व्यापार किया. फिर 1980 के दशक में उन्होंने अदाणी एंटरप्राइजेज की स्थापना की.
तस्वीर: Jack Guez/AFP
आर्थिक सुधारों का लाभ
1990 के दशक में जब भारतीय अर्थव्यवस्था में उदारीकरण और वैश्वीकरण का दौर आया तब अदाणी ने अपने व्यापार का विस्तार किया और बंदरगाहों, निर्माण और कोयला खनन में निवेश करना शुरू किया. उनकी पहली बड़ी परियोजना मुंद्रा बंदरगाह आज भारत का सबसे बड़ा व्यावसायिक बंदरगाह है और वो देश के सबसे बड़े निजी बंदरगाह ऑपरेटर हैं.
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तेजी से विस्तार
इसके बाद एक दशक के अंदर ही वो भारत में कोयला खदानों के सबसे बड़े डेवलपर और ऑपरेटर बन गए. आज अदाणी समूह बड़े शहरों में एयरपोर्ट चलाता है, सड़कें, बिजली, सैन्य उपकरण, कृषि उपकरण और उत्पाद आदि बनाता है और मीडिया संस्थान भी चलाता है. अदाणी समूह का लक्ष्य है 2030 तक अक्षय ऊर्जा में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बनना.
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ऋण पर खड़ा साम्राज्य
शेयर बाजार में अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयरों के दाम सिर्फ पांच सालों में 1,000 प्रतिशत बढ़ गए. लेकिन समीक्षकों का कहना है कि अदाणी समूह का इतनी तेजी से हुआ विस्तार ऋण के दम पर हुआ है. समूह के ऊपर करीब 2,400 अरब रुपयों का ऋण है, जिसमें से करीब 730 अरब रुपयों का ऋण भारतीय बैंकों से लिया गया है.
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मोदी से संबंध
समीक्षकों का यह भी कहना है कि नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब गौतम अदाणी ने उनसे हाथ मिलाया और जब मोदी प्रधानमंत्री बने तब उनके करीब संबंधों का फायदा अडानी को राष्ट्रीय स्तर पर मिला. पहली बार प्रधानमंत्री बनने से पहले मोदी चुनाव अभियान में अक्सर अदाणी के चार्टर्ड विमान में यात्रा करते हुए नजर आते थे.
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सरकारी समर्थन के आरोप
आलोचकों का कहना है कि मोदी से दोस्ती होने की वजह से अदाणी अपने प्रतिद्वंदियों से आगे निकल पाए, व्यापार का विस्तार किया और बिना पर्याप्त निगरानी के ज्यादा से ज्यादा ऋण भी उठाया. गौतम अदाणी ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने जनवरी 2023 में एक रिपोर्ट जारी कर अदाणी समूह पर इतिहास की सबसे बड़ी कॉर्पोरेट धोखाधड़ी का आरोप लगाया. हिंडनबर्ग का आरोप है कि गौतम अदाणी ने लेखा धोखाधड़ी की है और ऑफशोर कर पनाह वाले देशों के रास्ते पैसे लगा कर अपनी कंपनियों के शेयरों के दामों को कृत्रिम रूप से बढ़ाया.
एक रिपोर्ट का असर
अदाणी समूह ने इन आरोपों का भी खंडन किया है लेकिन हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद समूह को बड़ा धक्का लगा है. बाजार में समूह की पूंजी में 8000 अरब से ज्यादा की गिरावट आई है और गौतम अदाणी ने भी सबसे अमीर लोगों की सूची में अपना स्थान खो दिया है.