'परमाणु हमला किया तो ये रूसी सेना का अंत होगा'
१४ अक्टूबर २०२२ईयू की विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बॉरेल ने गुरुवार को बेल्जियम में डिप्लोमैटिक एकेडमी के उद्घाटन के दौरान कहा, "पुतिन कह रहे हैं कि वह भभकी नहीं दे रहे हैं. वह भभकी देने की हालत में हैं भी नहीं और ये साफ करना भी जरूरी है कि यूक्रेन का समर्थन कर रहे लोग, यूरोपीय संघ के सदस्य, अमेरिका और नाटो भी भभकी नहीं दे रहे हैं."
बॉरेल के मुताबिक, "यूक्रेन पर किया गया कोई भी परमाणु हमला एक जवाब पैदा करेगा, कोई परमाणु जवाब नहीं बल्कि सैन्य रूप से ऐसा ताकतवर उत्तर कि रूस की सेना का पूरी तरह सफाया हो जाएगा."
टैक्टिकल परमाणु हथियार क्या होता है
नाटो प्रमुख ने भी दी कड़ी चेतावनी
बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में बॉरेल के साथ नाटो के चीफ येंस स्टोल्टनबर्ग भी मौजूद थे. नाटो चीफ ने मॉस्को से कहा, "अगर पश्चिम की तरफ झुकाव वाले पड़ोसी पर परमाणु हमला किया गया तो रूस को उसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे, हम इसकी बात नहीं कर रहे हैं कि हमारा जवाब क्या होगा, लेकिन इतना तय है कि इसके बाद संघर्ष की परिभाषा बदल जाएगी."
रूसी राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन और पश्चिमी देशों को रणनीतिक परमाणु हथियार इस्तेमाल करने की धमकी देते आ रहे हैं. वह बार बार कह रहे हैं कि रूस भभकी नहीं दे रहा है. नाटो चीफ ने ऐसी धमकियों के जवाब में कहा, "छोटे से परमाणु हथियार का भी इस्तेमाल बहुत ही गंभीर बात होगी."
इन बयानों के एक दिन पहले नाटो के एक और वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यूक्रेन पर रूसी परमाणु हमला हुआ तो "सभी साझेदार और खुद नाटो भी इसका सीधा जवाब देगा."
सीधे टकराव की राह पर बढ़ते रूस और नाटो
अमेरिका और नाटो के देश अब तक यूक्रेन युद्ध में सीधे तौर पर उतरने से बचते रहे हैं. 24 फरवरी 2022 को जब रूसी सेना अंतरराष्ट्रीय सीमा पारकर यूक्रेन में दाखिल हुई, तब से अब तक कीव कई बार नाटो से सीधे सैन्य दखल की अपील कर चुका है. हालांकि अमेरिका, यूरोपीय संघ और नाटो के देश जानते हैं कि सैन्य दखल का मतलब होगा, रूस से सीधा टकराव. इससे बचते हुए पश्चिमी देश बड़े पैमाने पर यूक्रेन को आधुनिक हथियार, अहम सैटेलाइट डाटा और सैन्य ट्रेनिंग दे रहे हैं.
रूस दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु हथियारों वाला देश है. लंबे खिंचते यूक्रेन युद्ध के कारण रूसी सेना को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. बीते एक महीने में यूक्रेनी सेना ने पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन के बड़े इलाके से रूसी सेना को पीछे धकेल दिया है. मोर्चे पर मिली ताजा विफलताओं के लिए पुतिन पश्चिमी देशों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. हाल ही में रूसी राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि यूक्रेन को हथियार देकर पश्चिमी देश रूस के साथ सीधे टकराव के रास्ते पर बढ़ रहे हैं और भविष्य में कुछ बहुत विनाशकारी नतीजे सामने आ सकते हैं.
रूस की तरफ से आते इन बयानों के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पहली बार परमाणु हथियारों का जिक्र करते हुए रूस को पलटकर चेतावनी दी. बाइडेन के मुखर होने के बाद अब पश्चिम के नेता भी इस बारे में बयान देने लगे हैं.
1962 के बाद सबसे बड़ा परमाणु खतरा: बाइडेन
आग इतनी सुलगा दो कि जल्द ठंडी पड़ जाए
अमेरिका और पश्चिमी देशों को लगता है कि रूस, तनाव को नये स्तर पर ले जाने के लिए परमाणु हथियारों का जिक्र कर रहा है. पश्चिमी रक्षा विशेषज्ञ इसे "एस्कलेट टू डिएस्कलेट" की रणनीति मान रहे हैं. इस रणनीति के तहत तनाव को इतना बढ़ा दिया जाता है कि संभावित तबाही को ध्यान में रखते हुए सारे पक्ष मामले को ठंडा करने में जुट जाते हैं.
धमकी भरी बयानबाजी के बीच पश्चिमी देश लगातार यूक्रेन को उन्नत हथियार और सुरक्षा सिस्टम दे रहे हैं. पोलैंड और फिनलैंड के पुराने मिसाइल डिफेंस सिस्टम देने के बाद अब जर्मनी यूक्रेन को अत्याधुनिक मिसाइल शील्ड सिस्टम डिलिवर कर चुका है. अमेरिका जल्द ही अपना मॉर्डन मिसाइल डिफेंस सिस्टम कीव पहुंचाने वाला है. गुरुवार को स्पेन ने भी अपना मिसाइल डिफेंस सिस्टम यूक्रेन को देने का एलान किया है.
कई दशकों से लगातार सैन्य बजट और सेना में कटौती करने वाले बड़े यूरोपीय देश अपना रक्षा बजट ऐतिहासिक रूप से बढ़ा चुके हैं. अब यूरोपीय संघ के नेता पूरे यूरोप के लिए एक मिसाइल डिफेंस सिस्टम बनाने की योजना बना रहे हैं.
ओएसजे/एनआर (एएफपी, डीपीए)