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जंगली आग का पता लगाएगा एआई ड्रोन

३१ मार्च २०२५

जर्मनी में जंगली आग को रोकने के लिए एक एआई ड्रोन विकसित किया जा रहा है. संभावना है कि इसे सबसे पहले यूरोप के बाहर इस्तेमाल किया जाएगा.

दक्षिण कोरिया में जंगली आग में धधकते पेड़
जलवायु परिवर्तन की वजह से जंगली आग की समस्या बढ़ती जा रही हैतस्वीर: Yasuyoshi Chiba/AFP/Getty Images

जर्मनी में बर्लिन के नजदीक, खुले खेतों में एक हरे रंग का गोला लगाया गया है. देखने में यह गोला सोलर पैनलों से ढकी हुई एक बड़ी सी गोल्फ गेंद के जैसा लगता है. असल में यह एक एआई-पावर्ड ड्रोन का हैंगर है.

ड्रोन निर्माताओं को उम्मीद है कि भविष्य में यह जंगली आग के शुरू होने के कुछ ही मिनटों के अंदर उसे 'सूंघ' लेगा और बुझा देगा.

जर्मन कंपनी ड्रायैड के सीईओ कार्स्टन ब्रिंकशुल्ट ने एक प्रदर्शन के दौरान समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "आग पहले के मुकाबले आज कहीं ज्यादा तेजी से और ज्यादा आक्रामक रूप से फैल रही है. इसका यह भी मतलब है कि हमें और ज्यादा जल्दी प्रतिक्रिया देनी होगी."

यह गोला एक एआई ड्रोन का हैंगर हैतस्वीर: RALF HIRSCHBERGER/AFP

बर्लिन में कभी आग लगने के मामले बहुत कम हुआ करते थे, लेकिन अब यह काफी बढ़ गए हैं. 2022 में शहर के पश्चिमी छोर की तरफ स्थित एक जंगल में काफी बड़ी आग लग गई थी. उस साल हीटवेव की वजह से पूरे जर्मनी में कई जगह जंगली आग के मामले सामने आए थे.

नियंत्रण से बाहर जंगली आग के मामले

जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ आग को बढ़ावा देने वाले हालात बढ़ गए हैं. इनमें गर्मी, सूखा और तेज हवाएं शामिल हैं जो इलाके को पूरी तरह से सुखा देती हैं.

यूरोपियन फॉरेस्ट इंस्टिट्यूट में जंगली आग के वरिष्ठ प्रबंधन विशेषज्ञ लिंडन प्रोंटो ने बताया कि अब जंगली आग के मामले "बुनियादी तौर पर बेरोक" हो गए हैं. उन्होंने कहा कि इसलिए ऐसे उपकरण विकसित करने का समय आ गया है जो "आग की रोकथाम के चरण में, फैलने के चरण में और आग बुझाने के बाद भी काम करें."

ड्रायैड दुनियाभर की 29 अन्य टीमों के साथ एक प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही है जिसमें 10 मिनट के अंदर स्वचालित रूप से आगे बुझाने की क्षमता विकसित करने वालों को लाखों डॉलर का इनाम दिया जाएगा.

जंगल की आग से निपटने के लिए एआई अर्ली वॉर्निंग सिस्टम

04:49

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हाल ही में एक प्रदर्शन के दौरान जंगल में अलग-अलग स्थानों पर लगाए गए सेंसरों ने जलती हुई लकड़ी के धुंए में मौजूद केमिकलों का पता लगा लिया. कंपनी के मुताबिक, यह कंप्यूटर से चलने वाले किसी भी वाइल्डफायर डिटेक्शन ड्रोन का इस तरह का पहला प्रदर्शन था.

ड्रोन ने आग का पता लगाने के बाद कंपनी के प्लेटफार्म को सिग्नल भेज दिया, जिसने गोले में से ड्रोन को छोड़ दिया. ड्रोन पेड़ों के ऊपर उठा और एक घुमावदार रास्ते से होता हुआ आग की सटीक लोकेशन और विस्तार का पता लगा लिया.

क्या आग बुझा भी पाएगा ड्रोन?

ब्रिंकशुल्ट का कहना है कि ड्रोन द्वारा इकठ्ठा की गई जानकारी का इस्तेमाल कर दमकलकर्मी "काफी ज्यादा कुशलता से और तेजी से प्रतिक्रिया कर पाएंगे और एक आपदा बचा पाएंगे."

यह एआई ड्रोन आग का पता लगाता हैतस्वीर: RALF HIRSCHBERGER/AFP

ड्रायैड को उम्मीद है कि आगे चल कर यह ड्रोन नीचे उतर कर एक नई तकनीक की मदद से आग को बुझा भी पाएगा. यह तकनीक है एक "सॉनिक कैनन" जो निचली फ्रीक्वेंसी पर और सही दबाव पर ध्वनि की लहरें छोड़ेगी जो छोटी आग को बुझा पाएंगी.

ब्रिंकशुल्ट के मुताबिक, अगर इस तरह का एक प्रायोगिक तरीका बन पाया तो इससे ड्रोन "बड़ी मात्रा में (वजनदार) पानी" उठाने से बच जाएगा, जिससे वह और ज्यादा तेज और प्रभावशाली बन पाएगा.

कंपनी को उम्मीद है कि वह इस ड्रोन को 2026 तक बाजार में उतार देगी. मुमकिन है कि इसे पहली बार यूरोप से बाहर इस्तेमाल किया जाए. ब्रिंकशुल्ट ने बताया कि इस सिस्टम को व्यावसायिक रूप से चलाने के लिए जो नियामक ढांचा चाहिए है वह अभी मौजूद नहीं है.

सीके/आरएस (एएफपी)

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