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टूट रहा है एयरबीएनबी का तिलिस्म

२१ सितम्बर २०२२

घूमने फिरने और दूसरी वजहों से यात्रा करने वालों के बीच होटलों का विकल्प बने एयरबीएनबी का तिलिस्म अब टूट रहा है. ट्वीटर, टिक टॉक और दूसरे सोशल मीडिया साइटों पर असंतुष्ट ग्राहकों की शिकायतें डाली जा रही हैं.

एयरबीएनबी के मेहमान और मेजबान दोनों परेशान
एयरबीएनबी को लेकर लोगों की शिकायतें बढ़ रही हैंतस्वीर: Jens Kalaene/dpa/picture alliance

एयरबीएनबी के मेहमानों की शिकायत क्लीनिंग फी से लेकर सुविधाओं के बारे में गलत जानकारी के लिये है लेकिन शिकायत करने वालों में केवल मेहमान ही नहीं हैं.एयरबीएनबी के मेजबानों का भी इस प्लेटफॉर्म और इसके मेहमानों से मोहभंग हो रहा है.

फेसबुक ग्रुपों के मैसेज बोर्ड पर मेजबान अपनी चुनौतियों और डरावनी कहानियों के बारे में लिख रहे हैं. एक मेजबान का दावा है कि मेहमानों के एक ग्रुप ने पूरा पैसा रिफंड में मिलने के बाद भी कमरे खाली करने से इनकार कर दिया. इस मेहमान ने एयरबीएनबीहेल वेबसाइट पर लिखा है, "मैं अपार्टमेंट में यह देखने गया कि वहां क्या हुआ तो यह देख कर हैरान रह गया कि किरायेदार अब तक अपार्टमेंट में ही थे, उन्होंने तुरंत मेरे खिलाफ पुलिस बुला ली और मैं अपने ही अपार्टमेंट से पुलिस के हाथों बाहर फिंकवा दिया गया."

बिना ज्यादा नियम कानून के कम समय के लिये किराये पर घर देने वाले उद्योग में इस तरह के अनुभव की स्वाभाविक तौर पर गुंजाइश रहती है लेकिन मेजबानों पर अब इसका बुरा असर हो रहा है.

बर्लिन में एयरबीएनबी को लेकर ग्राफिटी के जरिये विरोध दर्ज कराते लोगतस्वीर: Jürgen Ritter/IMAGO

2021 में ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में इस बात का ब्यौरा था कि किस तरह से एयरबीएनबी की गोपनीय क्राइसिस टीम ने कंपनी की लिस्ट में मौजूद ठिकानों पर हुए अपराधों और दूसरी चीजों को छिपाने के लिये लाखों डॉलर खर्च किये थे. हाल ही में प्लेफॉर्म ने ज्यादा लोगों के नुकसानदेह जमावड़े से मेहमानों की परेशानी दूर करने की कोशिश में "एंटी पार्टी टेक्नोलॉजी" लॉन्च की है. हालांकि इन सब घटनाओं के संदर्भ में अब यह सवाल उठ रहा है कि एयरबीएनबी अपने आप में समस्या है या फिर उसके मेहमान?

इस साल मई में एयरबीएनबी ने मेजबान और मेहमान के लिये "एयरकवर" प्रोटेक्शन प्लान शुरू किया. यह मेजबानों को नुकसान से सुरक्षा के रूप में 10 लाख डॉलर तक के तुरंत भुगतान का वादा करता है. बहुत से मेजबानों ने इस नीति को उदार माना है लेकिन इसमें भी कई पेंच हैं.

गंदगी और बदबू

क्लीवलैंड में रहने वाली डिजिटल मार्केटिंग अधिकारी एमिली मस्किन ने अगस्त 2021में अपना घर एयरबीएनबी के जरिये किराये पर देना शुरू किया. उनका कहना है कि मेहमानों को रखना बढ़िया है और कुल मिला कर मुनाफे का सौदा है, लेकिन कुछ मेहमान बड़ी समस्या पैदा कर देते हैं जैसा कि जून में घर किराये पर लेने वाले एक परिवार ने किया.

होटल का सस्ता विकल्प बने एयरबीएनबी से लोगों की नाखुशी बढ़ रही हैतस्वीर: Schöning/imago images

एमिली ने बताया, "उन्होंने घर को अस्त व्यस्त कर दिया...हमारी लाउंड्री में मानव मल था चारों तरफ सिली स्ट्रिंग बिखरे हुए थे. सिली स्ट्रिंग से मुझे दिक्कत नहीं लेकिन क्या आप इसके उठा सकते हैं? यह चारों तरफ दाग छोड़ देता है."

मस्किन रादनर को अपने ज्यादातर दावों के लिये एयरबीएनबी से भुगतान मिला है. हालांकि बाथरूम की टाइल्स पर नेल पॉलिस के दाग जैसे कुछ दावे इस श्रेणी में नहीं आते क्योंकि वो इसकी कीमत के लिये दस्तावेज पेश नहीं कर सकतीं. घर में फैलने वाली दुर्गंध का भी यही हाल है. वो कहती हैं, "वह सचमुच बहुत बदबूदार था, एयर कंडीशनर जून में कई हफ्तों के लिए बंद करना पड़ा."

हर जगह लालफीताशाही

शुरुआत में कम समय के लिये किराये पर घर देना मेहमानों के लिए अच्छा था. वो घर किराये पर दे कर कुछ अतिरिक्त कमाई कर लेते थे. जैसे जैसे यह उद्योग परिपक्व होता गया स्थानीय सरकारों की तरफ से इसे नियमों के दायरे में लाने की कोशिशें बढ़ती गईं.

डेनेवर, पोर्टलैंड, ओरेगॉन जैसे शहरों में बगैर लाइसेंस के कम समय के लिये किराये पर देने वाले घरों  के खिलाफ अभियान चल रहा है. वहां मेजबानों पर जुर्माना लगाया जा रहा है और उन्हें महंगे परमिट लेने के लिये मजबूर किया जा रहा है. इस तरह की नीतियां सरकारों को टैक्स वसूलने और समस्या पैदा करने वाले व्यवहारों पर लगाम कसने में मदद करती हैं. हालांकि इनसे मेजबानों की जटिलता बढ़ जाती है. इनमें से ज्यादार के पास हॉस्पिटैलिटी का कोई खास अनुभव नहीं होता.

एयरबीएनबी से लोगों की नाखुशी बढ़ रही हैतस्वीर: Jakub Porzycki/NurPhoto/picture alliance

इसके साथ ही कई जगहों पर स्थानीय सरकारों ने टैक्स वसूलने की जिम्मेदारी मेजबानों पर डाल दी है, एयरबीएनबी पर नहीं. 2022 में नेशनल लीग ऑफ सिटीज के एक विश्लेषण में पता चला कि करीब 82 फीसदी शहरों ने टैक्स जमा करने की जिम्मेदारी मेजबानों पर डाल थी और केवल पांच फीसदी शहरों ने ही यह काम प्लेटफॉर्म के जिम्मे छोड़ा था.

मेजबानों को अब पूरे समय कस्टमर सर्विस एजेंट और हॉस्पिटैलिटी एक्सपर्ट के तौर पर काम करने के साथ ही स्थानीय नियमों और टैक्स के कानूनों से भी जूझना पड़ता है.

मैनेजमेंट कंपनियों से होड़

होमशेयरिंग के जरिये घर का कर्ज चुकाने के नारे ने मैनेजमेंट कंपनियों को भी फायदा कमाने के लिये इस मैदान में उतार दिया है. छोटे और कम समय के लिये मेजबानी करने वाले लोग इन कार्पोरेट प्रतिद्वंद्वियों का मुकाबला नहीं कर सकते.

ब्रिटेन में एक स्टडी के दौरान बता चला कि एक घर वाले मेजबानों की संख्या जो 2015 में 69 प्रतिशत थी वो 2019 में 39 प्रतिशत पर पहुंच गई है. एक गैरसरकारी संगठन के आंकड़े बताते हैं कि लॉस एंजेलिस के बारे में भी केवल 39.1 फीसदी मेजबान ही एक मकान वाले हैं.

बड़े स्तर पर कई मकानों के साथ मेजबानी कर रहे लोग हर मामले में ज्यादा कुशल साबित होते हैं. उनके पास क्लीनिंग स्टाफ से लेकर कीमतों तक में ज्यादा संभावनायें हैं. एक मकान वाले मेजबान उनका मुकाबला नहीं कर सकते और उनकी उलझनें ज्यादा हैं. ऐसे में इस तरह के कारोबार का इकोसिस्टम उन्हें कोहनी मार कर बाहर धकेल रहा है.

एनआर/ओएसजे (एपी)

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