अमेरिका में 5जी सेवाएं शुरू होने से एयरलाइंस में हड़कंप
१९ जनवरी २०२२
कई उड़ानें या तो रद्द कर दी गईं या उनका समय बदला गया. हालांकि अमेरिकी सेवा प्रदाताओं ने कहा है कि वे 5जी सेवाएं एकदम शुरू नहीं करेंगे.
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अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने चेतावनी जारी की थी कि 5जी सेवा उड़ानों में बाधा डाल सकती है क्योंकि इससे उड़ानों की ऊंचाई की गणना में गड़बड़ी हो सकती है. कुछ विमानों के खराब मौसम में उतरने के वक्त ऊंचाई एक अहम भूमिका अदा करती है. जानकारों का कहना है कि बोइंग 777 विमानों को सबसे ज्यादा खतरा है.
वैसे अमेरिकी कंपनियों एटी एंड टी और वेरिजोन ने ऐलान किया था कि वे एयरपोर्ट के नजदीक वाले 5जी टावर्स से सेवाएं शुरू करने में जल्दबाजी नहीं करेंगी और इसे टाला जाएगा लेकिन बहुत सी एयरलाइंस ने उड़ानें रद्द कर दीं.
कितना फास्ट होगा 6G नेटवर्क
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डेल्टा एयरलाइंस ने कहा, "वैसे तो यह अच्छी बात है और इससे आमतौर पर विमानों की आवाजाही में होने वाली बाधाएं कम होंगी. लेकिन कुछ रुकावटें जारी रह सकती हैं.”
कई देशों से उड़ानें रद्द
बोइंग 777 इस्तेमाल करने वाली सबसे बड़ी एयरलाइंस दुबई की एमिरेट्स है. उसने कहा कि 19 जनवरी से नौ अमेरिकी शहरों को उसकी उड़ानें रद्द रहेंगी. न्यूयॉर्क, लॉस एंजेलिस और वॉशिंगटन डीसी को एमिरेट्स की उड़ानें जारी रहेंगी.
जापान की दो प्रमुख कंपनियों ऑल निपोन एयरवेज और जापान एयरलाइंस ने भी अपने बोइंग 777 विमानों की उड़ानें रोक दी हैं. एएनए ने कहा कि अमेरिका को जाने वाली उड़ानें या तो रद्द की जा रही हैं या फिर उनमें प्रयोग विमान बदले जा रहे हैं. जापान एयरलाइंस ने कहा कि जब तक सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो जाती, वह अमेरिका की उड़ानों में बोइंग 777 का इस्तेमाल नहीं करेगी.
भारत की एयर इंडिया की अमेरिकी उड़ानें भी इस कारण प्रभावित हुई हैं. एयर इंडिया चार अमेरिकी शहरों के लिए बोइंग 777 का इस्तेमाल करती है. एयरलाइंस ने कहा कि या तो ये उड़ानें रद्द की जाएंगी या फिर विमान बदले जाएंगे.
बोइंग के आल्टीमीटर पर असर
कोरियन एयरलाइंस ने कहा कि उसने अमेरिका को जाने वालीं छह यात्री और मालवाहक उड़ानों के लिए विमान बदल लिए हैं. एयरलाइंस ने कहा कि वे बोइंग द्वारा जारी एक नोटिस के चलते ऐसा कर रहे हैं. इस नोटिस में बताया गया है कि 5जी सिग्नल बोइंग 777 के आल्टीमीटर को प्रभावित कर सकता है. बोइंग ने इस बारे में फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की है.
आगे कहां कहां जाने की तैयारी में है यूरोपियन स्पेस एजेंसी
अगले एक दशक में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) अंतरिक्ष में अपने काम को भी नए आयाम देने की तैयारी में है. अब ईएसए जलवायु परिवर्तन और 5जी नेटवर्क में सुधार के तरीके भी पता लगाना चाहती है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/F.Gambarini
दूर से धरती पर नजर
यूरोपीय स्पेस एजेंसी अब तक के अपने सबसे बड़े बजट के साथ नए दशक में प्रवेश कर रही है. इस बार इसकी योजना अंतरिक्ष में और बड़ी खोजें करने की है. इसमें पृथ्वी पर होने वाली गतिविधियों को समझने के लिए अंतरिक्ष का उपयोग होगा और उन चीजों को समझने में मदद मिलेगी जिन्हें पृथ्वी से नहीं समझा जा सकता है जैसे कि प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव, जंगल में आग का विस्तार इत्यादि.
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5जी नेटवर्क का स्पेस कनेक्शन
5G नेटवर्क के साथ स्पेस का क्या लेना देना है? ईएसए की योजना ऐसा सैटेलाइट सिस्टम बनाने की है जिसका इस्तेमाल 5जी नेटवर्क के साथ किया जा सकेगा. यानि फाइबर जैसा नेटवर्क आकाश में स्थापित करने की योजना. ईएसए का कहना है कि यह वायरलेस संचार की नई पीढ़ी होगी, जिससे लोग हर समय, हर जगह जुड़े रहेंगे.
1957 में अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत के समय से अब तक अंतरिक्ष में मलबा काफी तेजी से बढ़ा है. ईएसए का दावा है कि वह के अंतरिक्ष मलबे को हटाने के लिए एक सक्रिय मिशन चलाएगा और इस समस्या को निपटाएगा. इस समय पृथ्वी की कक्षा में 10 सेमी (4 इंच) से बड़ी 34,000 से अधिक वस्तुएं हैं, जिन्हें किसी भी तरह वहां से हटाया जाना चाहिए.
तस्वीर: ESA
अंतरिक्ष में एक बेस तैयार करना
चंद्रमा की परिक्रमा करने वाला एक स्पेस स्टेशन, जिसे गेटवे कहा जाता है, 2020 के दशक में बनाया जाना है. वहां से न केवल चंद्रमा की अधिक बारीकी से जांच की जाएगी, बल्कि यह स्टेशन अधिक दूर तक अंतरिक्ष में उड़ानों के लिए एक बेस के रूप में भी काम करेगा. इस तरह के एक और खोजी अभियान जूस पर काम चल रहा है जो 2022 में बृहस्पति की यात्रा पर रवाना होगा.
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क्षुद्रग्रह से बचाने का प्रयास
पृथ्वी को क्षुद्रग्रह से बचाने के लिए क्या करना है, इसके लिए नासा और ईएसए एक मिशन की योजना बना रहे हैं. एक क्षुद्रग्रह डिडीमॉस पर खास नजर है, जिसके चांद का नाम है डिडीमून. सबसे पहले नासा अपने खोजी डार्ट को 6 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से चांद पर ले जाएगा. ईएसए का एचईआरए मिशन इस टक्कर के प्रभाव की समीक्षा करेगा.
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नए कैरियर एयरक्राफ्ट और स्पेसक्राफ्ट
2020 के अंत तक एरियने 6 अंतरिक्ष में कार्गो लाने वाला नया यूरोपीय सिस्टम होगा. लॉन्च वाहन के साथ यूरोपीय संघ अंतरिक्ष के लिए अपनी स्वतंत्र पहुंच को सुरक्षित करना चाहता है. ईएसए स्पेस राइडर पर भी काम कर रहा है, जो एक स्वतंत्र और फिर से इस्तेमाल किया जाने वाला स्पेस लैब होगा जो एक मिशन पूरा होने के बाद पृथ्वी पर वापस आ जाएगा.
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मंगल ग्रह पर जाने की योजना
ईएसए अगले दशक में इतना आगे जाना चाहता है जितना पहले कभी नहीं गया. इसके सभी अंतरिक्ष यात्री दूसरी बार अंतरिक्ष में जाएंगे और मथियास माउरर जैसे यूरोपीय अंतरिक्ष यात्री पहली बार चांद पर उड़ान भरेंगे. वे नासा के साथ मंगल ग्रह पर भी जाएंगे और उनकी योजना पृथ्वी पर मंगल ग्रह के कुछ नमूने लाने की है. (रिपोर्ट: सोफिया वागनर, चार्ली शील्ड)
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पिछले साल अमेरिका को आने जाने वाली उड़ानों में बोइंग 777 दूसरा सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला विमान था. फ्लाइटरेडार24 नाम संस्था के मुताबिक बोइंग 777 ने अमेरिका से दो लाख 10 हजार उड़ानें भरीं. इससे ज्यादा सिर्फ बोइंग 767 की उड़ानें थीं. किसी विमान का आल्टीमीटर उसकी जमीन से ऊंचाई बताता है और स्वचालित लैंडिंग में मदद करता है.
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विकल्प क्या है?
लॉस एंजेलिस को लंदन से रोजाना उड़ान संचालित करने वाली ब्रिटिश एयरवेज ने कहा है कि वह एयरबस ए380 का इस्तेमाल कर रही है. फ्लाइटरेडार का कहना है कि ए350 भी इस्तेमाल किया जा सकता है. एयरबस के इन दोनों विमानों के आल्टीमीटर सुरक्षित बताए गए हैं जबकि अन्य विमानों की जांच की जा रही है.
फ्लाइटरेडार24 के एक प्रवक्ता के मुताबिक बोइंग 777 लंबी दूरी की यात्राओं लिए बेहद उपयुक्त माना जाता है. हालांकि 5जी के कारण सभी 777 विमान प्रभावित नहीं हुए हैं. एमिरेट्स ने कहा है कि वह लॉस एंजेलिस और न्यूयॉर्क लिए ए380 का प्रयोग करेगी जबकि वॉशिंगटन के लिए 777 का इस्तेमाल जारी रखेगी.