पाकिस्तान थोड़ा शांत तो हुआ लेकिन मंजिल अभी दूर है
९ जनवरी २०१७
पाकिस्तान के दो शोध संस्थानों ने कहा है कि बीते साल देश में आतंकवादी हिंसा में बड़े पैमाने पर कमी आई है. इसका श्रेय सेना के आतंकवाद विरोधी अभियानों को दिया गया है.
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पाकिस्तान के दो शोध संस्थानों ने कहा है कि 2016 में पाकिस्तान बहुत हद तक शांत रहा है. इसकी वजह अफगानिस्तान से लगते कबायली इलाकों, कराची और बलूचिस्तान में सेना के आतंकवादी विरोधी अभियान रहे. लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि शांति की यह फिजा तभी कायम रह सकती है जबकि अधिकारी सांप्रदायिक हिंसा और पंजाब में भारत विरोधी आतंकवाद को बढ़ने से रोकें.
सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्यॉरिटी स्टडीज का कहना है कि 2016 में हिंसा की वजह से होने वाली मौतों में 2015 के मुकाबले 45 फीसदी की कमी देखी गई. पाकिस्तान इंस्टिट्यूट फॉर पीस स्टडीज का अध्ययन है कि 2015 के मुकाबले 2016 में 28 फीसदी कम आतंकवादी हमले हुए.
हालांकि दोनों संस्थानों ने अपनी रिपोर्ट के साथ चेतावनी भी दी है कि यह रुझान कभी भी पलट सकता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि पाकिस्तान ने अपने पड़ोसियों भारत और अफगानिस्तान से संबंध ना सुधारे तो शांति कायम रखना मुश्किल होगा. बीते हफ्ते पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भी ऐसी ही बात कही थी. उन्होंने लेखकों के एक सम्मेलन में कहा था कि पाकिस्तान को ऐसा माहौल तैयार करना होगा जहां सहनशीलता को बढ़ावा दिया जाए. उन्होंने कहा, "हम भूल रहे हैं कि आपस में मोहब्बत और सहानुभूति से कैसे बात की जाती है."
देखिए, भारत और पाकिस्तान में कौन कितना ताकतवर
भारत-पाक: कौन कितना ताकतवर
भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं. दोनों एक दूसरे के प्रतिद्वन्द्वी हैं और दोनों के बीच बहुत तनाव रहता है. देखिए, किसके पास कितनी ताकत है. ये आंकड़े ग्लोबलफायरपावर नामक संस्था के हैं.
तस्वीर: AP
सैनिक
भारत के पास 13 लाख 25 हजार सैनिक हैं. पाकिस्तान के पास हैं 6 लाख 20 हजार.
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सुरक्षित बल
भारत ने 21 लाख 43 हजार सैनिक रिजर्व बलों में भर्ती कर रखे हैं जबकि पाकिस्तान के पास रिजर्व बलों की संख्या 5 लाख 15 हजार है.
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विमान
भारत के पास हैं 2086 विमान. पाकिस्तान के पास, 923.
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हेलीकॉप्टर
भारत के बेड़े में 646 हेलीकॉप्टर हैं, पाकिस्तान के 306 से दोगुने से भी ज्यादा.
विमान उड़ाने और उतारने के लिए भारत के पास 346 हवाई अड्डे तैयार हैं. पाकिस्तान में ऐसे हवाई अड्डों की संख्या 151 है.
तस्वीर: Pakistan Air Force
टैंक
भारत के पास 6464 टैंक हैं जबकि पाकिस्तान के तोपखाने में 2924 टैंक हैं.
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बख्तरबंद गाड़ियां
भारतीय सेना के पास 6704 बख्तरबंद गाड़िया हैं. पाकिस्तान के पास 2828.
तस्वीर: Reuters
तोप
भारत के पास 290 तोपें हैं जो पाकिस्तान की 465 तोपों से काफी कम हैं.
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रॉकेट लॉन्च सिस्टम
एक बार में एक से ज्यादा रॉकेट लॉन्च करने वाले सिस्टम भारत के पास 292 हैं जबकि पाकिस्तान के पास 197.
तस्वीर: picture-alliance/AP
जहाज
भारत के जल सैनिक बेड़े में 295 जहाज हैं. पाकिस्तान के पास ऐसे 197 जहाज हैं.
तस्वीर: Imago/Zuma Press
पनडुब्बियां
भारत के पास 14 पनडुब्बियां हैं, पाकिस्तान की 5 पनडुब्बियों से करीब तीन गुना.
तस्वीर: Vietnam News Agency/AFP/Getty Images
एयरक्राफ्ट कैरियर
पाकिस्तान के पास ऐसा एक भी समुद्री जहाज नहीं है जिस पर लड़ाकु विमान उतर सकें. भारत के पास दो हैं.
तस्वीर: picture-alliance / dpa
परमाणु बम
पाकिस्तान के पास 100 से 120 परमाणु बम होने का अनुमान है जबकि भारत के पास 90-110 के बीच.
तस्वीर: AP
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2016 में शरीफ ने ऐसे कई कदम उठाए हैं जिनसे देश में अलग अलग तबकों को करीब लाया जा सके. पिछले साल एक कानून लाकर नफरत फैलाने वाले भाषण देना अपराध बना दिया गया. साथ ही मौलवियों के लिए भी अपनी मस्जिदों से लाउड स्पीकर्स के जरिए दूसरे संप्रदायों के प्रति नफरत फैलाना गैरकानूनी कर दिया गया.
हालांकि आतंकवादी संगठनों पर पूरी तरह काबू पाने में शरीफ सरकार कामयाब नहीं हो पाई है क्योंकि वे अलग अलग नामों से दोबारा उभरते रहते हैं. साथ ही उनकी अपनी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के नेता सुन्नी उग्रवादी संगठन सिपह ए साहबाह के सदस्यों के साथ एक मंच पर नजर आए. सिपह ए साहबाह का संबंध प्रतिबंधित संगठन लश्कर ए झंगवी से है. लश्कर ए झंगवी देश में कई हमलों के लिए जिम्मेदार है.
इस स्थिति से निपटने में शरीफ सरकार बहुत ज्यादा प्रतिबद्ध नहीं दिखती. सेंटर फॉर रिर्सच एंड सिक्यॉरिटी स्टडीज के निदेशक इम्तियाज गुल कहते हैं, "जिस सरकार को अगले साल चुनावों में उतरना है, वह ऐसा कुछ नहीं करेगी जिससे वोट का नकुसान हो. प्रतिबंधित संगठन मदरसे चलाते हैं. इन मदरसों को सहानुभूति भी मिलती है और इनका प्रभाव भी है."
देखिए, पाकिस्तान में दहशत के 10 साल
पाकिस्तान: दहशत के दस साल
अफगानिस्तान पर 2001 में तालिबान के खिलाफ अमेरिकी कार्रवाई के बाद से पाकिस्तान में इस्लामी कट्टरपंथियों ने हजारों लोगों की जान ली है. यहां तस्वीरों में पिछले एक दशक के कुछ प्रमुख कट्टरपंथी हमले.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/N. Khawer
2017- शाहबाज कलंदर की मजार पर हमला
सिंध प्रांत के सेहवान में 16 फरवरी 2017 को एक सूफी संत शाहबाज कलंदर की मजार को निशाना बनाया जिसमें 70 से ज्यादा लोग मारे गए. आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने हमले की जिम्मेदारी ली है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/Y. Nagori
2016 - क्वेटा पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज
24 अक्टूबर को क्वेटा के पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज पर तीन आतंकवादियों ने हमला किया. इस हमले में 60 से ज्यादा कैडेटों की मौत हो गई. इस साल के सबसे भयानक हमलों में से एक में तीनों आत्मघाती हमलावरों को मार डाला गया.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/J. Taraqai
2016 - क्वेटा में अस्पताल पर हमला
आतंकवादियों ने 8 अगस्त 2016 को क्वेटा के सरकारी अस्पताल पर आत्मघाती हमला किया. फायरिंग और उसके बाद हुए आत्मघाती हमले में 70 लोग मारे गए. निशाना वकीलों को बनाया गया था जो अस्पताल में बार एसोसिएशन के प्रमुख बिलाल अनवर कासी की लाश के साथ आए थे. उन्हें अज्ञात लोगों ने गोली मार दी थी.
तस्वीर: Getty Images/AFP/B. Khan
2016 - लाहौर में पार्क पर हमला
27 मार्च 2016 को लाहौर में एक लोकप्रिय पार्क पर आत्मघाती हमला हुआ जिसमें 75 लोग मारे गए. हमला ईसाई समुदाय पर लक्षित था जो ईस्टर मना रहे थे. मृतकों में 14 लोगों की शिनाख्त ईसाइयों के रूप में हुई, बाकी मुसलमान थे. तहरीके तालिबान से जुड़े गुट जमात उल अहरार ने जिम्मेदारी ली.
तस्वीर: Getty Images/AFP/A. Ali
2015 - कराची में एक बस को बनाया निशाना
कराची में सफूरा गोठ में 8 बंदूकधारियों ने एक बस पर हमला किया. फायरिंग में 46 लोग मारे गए. मरने वाले सभी लोग इस्माइली शिया समुदाय के थे. प्रतिबंधित उग्रपंथी गुट जुंदलाह ने हमले की जिम्मेदारी ली. हमले की जगह इस्लामिक स्टेट को समर्थन देने वाली पर्चियां भी मिली.
तस्वीर: STR/AFP/Getty Images
2014 - पेशावर में बच्चों पर क्रूर हमला
16 दिसंबर 2014 को तहरीके तालिबान से जुड़े 7 बंदूकधारियों ने पेशावर में आर्मी पब्लिक स्कूल पर हमला किया. आतंकियों ने बच्चों और स्टाफ पर गोलियां चलाईं और 154 लोगों को मार दिया. उनमें 132 बच्चे थे. यह पाकिस्तान में होने वाला अब तक का सबसे खूनी आतंकी हमला था.
तस्वीर: AFP/Getty Images/A Majeed
2013 - पेशावर में चर्च पर हमला
पेशावर में 22 सितंबर 2013 को ऑल सेंट चर्च पर हमला हुआ. यह देश के ईसाई अल्पसंख्यकों पर सबसे बड़ा हमला था. इस हमले में 82 लोग मारे गए. हमले की जिम्मेदारी तहरीके तालिबान पाकिस्तान से जुड़े एक इस्लामी कट्टरपंथी गुट जुंदलाह ने ली.
तस्वीर: Getty Images/AFP/B. Khan
2011 - चारसद्दा में पुलिस पर हमला
13 मई 2011 को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के चारसद्दा जिले में शाबकदर किले पर दोहरा हमला हुआ. दो आत्मघाती हमलावरों ने एक पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के बाहर दस दिन की छुट्टी के लिए बस पर सवार होते कैडेटों पर हमला किया और 98 लोगों की जान ले ली. कम से कम 140 लोग घायल हो गए.
तस्वीर: Getty Images/AFP/H. Ahmed
2010 - कबायली इलाके पर दबिश
उत्तर पश्चिम के मोहमंद जिले में एक आत्मघाती हमलावर ने व्यस्त बाजार पर हमला किया और 105 लोगों की जान ले ली. केंद्र शासित कबायली इलाके में ये हमला 9 जुलाई को हुआ. माना जाता है कि हमले का लक्ष्य कबायली सरदारों की एक मीटिंग थी. जिम्मेदारी तहरीके तालिबान पाकिस्तान ने ली.
तस्वीर: Getty Images/AFP/A. Majeed
2010 - लाहौर नरसंहार
मई 2010 के आतंकी हमले को लाहौर नरसंहार के नाम से भी जाना जाता है. 28 मई को जुम्मे की नमाज के दौरान अल्पसंख्यक अहमदिया संप्रदाय की दो मस्जिदों पर एक साथ हमले हुए. 82 लोग मारे गए. हमले की जिम्मेदारी तहरीके तालिबान पाकिस्तान ने ली.
तस्वीर: Getty Images/N. Ijaz
2010 - वॉलीबॉल मैच को बनाया निशाना
पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी जिले बन्नू के एक गांव में वॉलीबॉल मैच चल रहा था. आतंकवादियों ने इस मैच को भी शांति में नहीं होने दिया. उस पर कार में रखे बम की मदद से आत्मघाती हमला हुआ. हमले में 101 लोग मारे गए. खेल का मैदान कत्लेआम का गवाह बना.
तस्वीर: Getty Images/AFP/N. Azam
2009 - लाहौर का बाजार बना निशाना
दिसंबर 2009 में लाहौर के बाजार में दो बम धमाके किए गए और देश के दूसरे सबसे बड़े शहर के भीड़ भरे बाजार में फायरिंग भी की गई. हमलों में कम से कम 66 लोग मारे गए. मरने वालों में सबसे ज्यादा तादाद महिलाओं की थी. इस हमले के साथ देश का प्राचीन शहर आतंकियों की जद में आ गया था.
तस्वीर: DW/T.Shahzad
2009 - नया निशाना पेशावर
पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर में बसे शहर पेशावर के मीना बाजार में एक कार बम का धमाका किया गया. इस धमाके में 125 लोग मारे गए और 200 से ज्यादा घायल हो गए. पाकिस्तान की सरकार ने हमले के लिए तालिबान को जिम्मेदार ठहराया. लेकिन तालिबान और अल कायदा दोनों ने ही हमले में हाथ होने से इंकार किया.
तस्वीर: Getty Images/AFP/A Majeed
2008-राजधानी में लक्जरी होटल पर हमला
कट्टरपंथी आम लोगों पर हमले के तरह तरह के तरीके ईजाद कर रहे थे. एक ट्रक में विस्फोटक भर कर उन्होंने 20 सितंबर 2008 को राजधानी इस्लामाबाद के मैरियट होटल के सामने उसे उड़ा दिया. कम से कम 60 लोग मारे गए और 200 से ज्यादा घायल हो गए. मरने वालों में 5 विदेशी नागरिक भी थे.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/O. Matthys
2008-पाकिस्तान की हथियार फैक्टरी पर हमला
वाह में 21 अगस्त 2008 को पाकिस्तान की ऑर्डिनेंस फैक्टरी पर दोहरा आत्मघाती हमला किया गया. हमलों में कम से कम 64 लोग मारे गए. यह पाकिस्तानी सेना के इतिहास में उसके संस्थान पर हुआ अब तक का सबसे खूनी हमला है. तहरीके तालिबान पाकिस्तान के एक प्रवक्ता ने हमले की जिम्मेदारी ली.
तस्वीर: Getty Images/AFP/B. Khan
2007- बेनजीर की वापसी पर बम हमला
सैनिक तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने 2008 में चुनाव कराकर सत्ता के बंटवारे का रास्ता चुना था. दो बार प्रधानमंत्री रही बेनजीर भुट्टो चुनाव में भाग लेने निर्वासन से वापस लौटीं. करांची में उनके काफिले पर बम हमला हुआ. वे बाल बाल बची. लेकिन दो महीने बाद 27 दिसंबर को रावलपिंडी में भाग्य ने उनका साथ नहीं दिया.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/N. Khawer
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सुन्नी बहुल पाकिस्तान कई सालों से भयानक सांप्रदायिक और आतंकवादी हिंसा झेल रहा है. इस हिंसा में हजारों लोग मारे जा चुके हैं. मरने वालों में ज्यादातर अल्पसंख्यक शिया सुमदाय के लोग हैं. पाकिस्तान के इंस्टिट्यूट ऑफ स्ट्रैटजिक स्टडीज के विश्लेषक असादुल्लाह खान कहते हैं, "आतंकवादी संगठनों को बैन कर देना ही काफी नहीं है. हमें उनसे पूरी तरह छुटकारा पाना होगा." 2017 में यही पाकिस्तान की सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी.