भिड़े अल कायदा और आईएस, टेप में बगदादी पर बरसे जवाहिरी
९ जनवरी २०१७
अल कायदा और इस्लामिक स्टेट में तू तू मैं मैं हो रही है. अल कायदा नेता अयमान अल जवाहिरी ने कहा है कि इस्लामिक स्टेट उसके संगठन को बदनाम कर रहा है. जवाहिरी ने एक ऑडियो संदेश जारी कर इस्लामिक स्टेट को आड़े हाथ लिया है.
विज्ञापन
आतंकी गुटों की गतिविधियों पर नजर रखने वाली अमेरिकी संस्था साइट को एक संदेश मिला है. इसमें जवाहिरी ने आईएस नेता अबु बकर अल बगदादी पर अपने गुट को बदनाम करने का आरोप लगाया है. अल कायदा को ओसामा बिन लादेन ने खड़ा किया था, लेकिन पाकिस्तान के एबटाबाद में एक विशेष अमेरिकी अभियान में उसकी मौत के बाद जवाहिरी इसका नेतृत्व कर रहा है.
तस्वीरों में, इस्लामिक स्टेट क्या बला है
इस्लामिक स्टेट है क्या बला?
इस्लामिक स्टेट दुनिया का सबसे ताकतवर आतंकवादी गुट है. यह कभी अल कायदा से टूटा हुआ एक गुट था लेकिन अब यह उससे बहुत आगे निकल गया है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/D. Souleiman
इस्लामिक स्टेट आया कहां से?
इस्लामिक स्टेट को आईएसआईएल, आईएसआईएस और दाएश के नामों से भी जाना जाता है. चरमपंथी विचारधारा को मानने वाला यह गुट कभी अल कायदा से अलग हुआ था. इराक पर 2003 के अमेरिकी हमले के बाद उपजे हालात में इसकी नींव पड़ी और इसका नेतृत्व अबु बकर अल बगदादी करता है. आईएस का मकसद इराक, सीरिया और उससे बाहर भी एक इस्लामिक राज्य यानी खिलाफत का निर्माण करना है.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo
कहां कहां से चलता है आईएस?
माना जाता है कि आईएस दुनिया के 18 देशों में सक्रिय है. इसने सीरिया और इराक के एक बड़े हिस्से पर नियंत्रण कर रखा है और सीरिया का शहर रक्का इसकी अघोषित राजधानी है. हालांकि जनवरी 2015 से आईएस ने अपने नियंत्रण वाली एक चौथाई जमीन गंवा दी है.
आईएस से कौन लड़ रहा है?
कई समूह आईएस के खिलाफ लड़ रहे हैं. अमेरिकी नेतृत्व में 50 से ज्यादा देशों का गठबंधन आईएस के ठिकानों पर हवाई हमले कर रहा है. इस गठबंधन में कई अरब देश भी हैं. रूस ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के समर्थन में हवाई हमले किए हैं. क्षेत्रीय स्तर पर कुर्द पेशमर्गा बल (तस्वीर में) जमीन पर आईएस के खिलाफ लड़ रहे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/abaca/H. Huseyin
आईएस को पैसा कहां से मिलता है?
आईएस की आमदनी का मुख्य जरिया तेल और गैस की बिक्री है. माना जाता है कि सीरिया के एक तिहाई तेल उत्पादन पर अब भी आईएस का ही नियंत्रण है. हालांकि अमेरिकी नेतृत्व में हो रही हवाई कार्रवाई में आईएस के मूल्यवान ठिकानों को निशाना बनाया जा रहा है. इसकी आमदनी के अन्य स्रोतों में टैक्स से मिलने वाली रकम, फिरौती और लूटी हुई बहुमूल्य वस्तुएं शामिल हैं.
तस्वीर: Getty Images/J. Moore
कहां कहां हमले किए?
आईएस ने दुनिया भर में होने वाले कई आंतकवादी हमलों की जिम्मेदारी ली है. इस साल सबसे घातक हमला इराक की राजधानी बगदाद में हुआ जिसमें 200 से ज्यादा लोग मारे गए और बहुत से घायल हो गए. आईएस नेता अकेले स्तर पर धमाके करने वाले लोगों को बढ़ावा देते हैं, जिसमें आईएस के समर्थक गुट की मदद के बिना ही हमलों को अंजाम देते हैं.
आईएस और हथकंडे क्या हैं?
आईएस अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए कई हथकंडे इस्तेमाल करता है. उसके लड़ाकों ने सीरिया और इराक में बहुत सी ऐतिहासिक कलाकृतियों को लूटा और बर्बाद किया है. इसके अलावा धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों की हजारों महिलाओं को गुलाम बनाया गया है. आईएस सोशल मीडिया को अपना प्रोपेगेंडा फैलाने और लड़ाकों की भर्ती के लिए इस्तेमाल करता है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/J. Eid
कितने लोग बेघर हुए?
सीरिया में जारी संघर्ष के कारण वहां से लगभग साठ लाख लोग अन्य देशों में भागने के मजबूर हुए हैं. इनमें से बहुत से लोग पड़ोसी लेबनान, जॉर्डन और तुर्की गए हैं वहीं लाखों लोग यूरोप तक पहुंचे हैं. वहीं इराक में तीस लाख से ज्यादा लोग देश के अंदह ही विस्थापित हुए हैं.
तस्वीर: Getty Images/AFP/D. Souleiman
7 तस्वीरें1 | 7
दुनिया की नजर में इस्लामिक स्टेट और अल कायदा दोनों आतंकवादी संगठन है, लेकिन आपस में वे एक दूसरे के प्रतिद्वंद्वी हैं. उनके बीच वैश्विक जिहाद आदोलन का नेतृत्व हासिल करने के लिए होड़ छिड़ी है. कई बार उनके लड़ाकों में झडपों की खबरें आती रही हैं.
अपने संदेश में 65 वर्षीय जवाहिरी ने कहा कि अल बगदादी ने अल कायदा पर आरोप लगाया है कि वह शियाओं पर होने वाले हमलों का विरोध करता है और ईसाई नेताओं के साथ मिल कर काम करने को तैयार है. जवाहिरी ने इसे कोरा झूठ बताया है.
अल कायदा नेता के ऑडियो संदेश के अनुवाद में कहा गया है, "झूठे लोग झूठ फैला रहे हैं. झूठ इस हद तक कि उनका दावा है कि हम शियाओं की निंदा नहीं करते."
तस्वीरों में, ऐसी है आईएस की राजधानी रक्का
ऐसी है आईएस की 'राजधानी' रक्का
सीरिया का रक्का शहर आतंकवादी गुट इस्लामिक स्टेट की अघोषित राजधानी है. अब अमेरिका के समर्थन से कुर्द अरब सीरिया डेमोक्रेटिक फोर्स ने इस शहर को फिर से हासिल करने के लिए अभियान का एलान किया है.
तस्वीर: Reuters
जब रक्का आबाद था
सीरिया में 2011 में गृहयुद्ध शुरू होने से पहले रक्का में दो लाख 40 हजार लोग रहते थे. लेकिन इनमें से 80 हजार लोग अब दूसरी जगहों पर जा चुके हैं.
तस्वीर: Reuters
हाथ से निकला रक्का
तुर्की की सीमा के नजदीक यूफ्रेटस नदी पर बसा रक्का मार्च 2013 में ऐसी पहली प्रांतीय राजधानी थी जिस पर विद्रोहियों का कब्जा हुआ. उस वक्त अल कायदा से जुड़े अल नुसरा फ्रंट ने इस पर कब्जा किया.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Raqqa Media Center
रक्का के लिए फूट
जनवरी 2014 में विद्रोहियों में आपस में लड़ाई छिड़ गई. इसमें एक तरफ अल नुसरा लड़ाके थे तो दूसरी तरफ वे जिन्होंने बाद में इस्लामिक स्टेट बनाया. लेकिन कामयाबी इस्लामिक स्टेट की बुनियाद रखने वालों को मिली.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo
खिलाफत
पांच महीने बाद इराकी शहर मोसुल भी आईएस के कब्जे में आ गया और फिर आईएस के प्रमुख अबु बक्र अल बगदादी ने अपनी खिलाफत का एलान किया.
तस्वीर: picture alliance/dpa
दहशत से राज
इस्लामिक स्टेट ने रक्का में स्कूलों में ड्रेस कोड लागू किया और चर्चों को हमलों का निशाना बनाया. कई लोगों को अगवा किया और कइयों के सिर कलम किए.
तस्वीर: Reuters
नर्क का चौक
शहर के जिस इलाके को कभी हेवन स्क्वेयर यानी स्वर्ग चौक कहा जाता था, उसका इस्तेमाल अब घिनौनी सजाएं देने के लिए किया जाता है जिससे लोग इसे नर्क का चौक कहने लगे.
तस्वीर: Reuters
यौन गुलामों का कारोबार
रक्का के मुख्य इलाके में यौन गुलामों का कारोबार होता है, खास कर अगवा की गई यजीदी लड़कियों को यहां बेचा जाता है.
तस्वीर: Reuters
शराब सिगरेट बैन
जिहादियों ने रक्का में कड़े इस्लामी कानूनों को लागू करते हुए शराब और सिगरेट पर बैन लगा रखा है. पुरुषों को दाढ़ी न काटने की हिदायत है तो महिलाओं को हर हाल में नकाब पहनने को कहा गया है.
तस्वीर: Reuters
खरीददारी पर भी नियम
दुकानों में खरीददारी करने के लिए सिर्फ शादीशुदा लोग जा सकते हैं और वहां प्लास्टिक के पुतले रखने की सख्त मनाही है.
तस्वीर: Reuters
नई व्यवस्था, नया निजाम
आईएस ने सभी प्रशासनिक कार्यों पर अपना नियंत्रण कर लिया है. वह स्कूलों का नया पाठ्यक्रम तय कर रहा है, नई इस्लामी अदालतें बना रहा है और शरिया कानून के मुताबिक नीतियां बना रहा है.
तस्वीर: Reuters
रक्का से ही सब चलता है
सीरिया की राजधानी दमिश्क से 550 किलोमीटर पूर्वोत्तर में स्थित रक्का में हजारों विदेशी जिहादी भी आईएस में शामिल होने जाते हैं. खुफिया एजेंसियां का कहना है कि इसी शहर में विदेशों में हमलों की योजनाएं तैयार होती हैं.
तस्वीर: Reuters
विदेशियों से जलन
आईएस के लिए लड़ने वाले विदेशियों को भरपूर सुख सुविधाएं दी जाती हैं. इसे लेकर अक्सर सीरियाई लोग अपनी आपत्ति भी जताते हैं जिन्हें विदेशी लड़ाकों के मुकाबले कमतर समझा जाता है.
तस्वीर: Reuters
12 तस्वीरें1 | 12
जवाहिरी ने इस बात से भी इनकार किया है कि उन्होंने भविष्य में इस्लामिक खिलाफत के प्रशासन में ईसाइयों को साझीदार बनाने की बात कही थी. अल कायदा नेता ने कहा, "मैंने तो इतना कहा था कि वे जमीन में हिस्सेदार हैं, जैसे कि खेती, व्यापार और धन में, और हम अपने शरिया कानून के मुताबिक उन्हें अपना काम करने देंगे."
जवाहिरी ने जोर देकर कहा है कि उन्होंने कभी शिया मुसलमानों को बख्शने की बात नहीं की है, लेकिन यह जरूर कहा है कि आम लोगों को निशाना बनाने की बजाय शियाओं के नेतृत्व वाले इराकी बलों पर हमले करने पर ज्यादा ध्यान दिया जाए. संदेश के मुताबिक, "मैंने उनसे कई बार कहा है कि बाजार और मस्जिदों पर हमले रोकें और सेना, सुरक्षा बलों और शिया लड़ाकों पर हमले करने पर तवज्जो दें."
जवाहिरी ने अल बगदादी के इन आरोपों को भी खारिज किया कि अल कायदा मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी का समर्थन करता था.