कोई भी राष्ट्रमंडल खेल कराने को तैयार क्यों नहीं है?
७ अगस्त २०२३
पहले ऑस्ट्रेलिया का एक राज्य 2026 के कॉमनवेल्थ खेल कराने से पीछे हट गया और फिर कनाडा के एक राज्य ने 2030 की अपनी दावेदारी वापस ले ली. क्या अब कॉमनवेल्थ खेल कभी नहीं होंगे?
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पिछले हफ्ते कनाडा के अल्बेर्टा राज्य की सरकार ने कहा कि 2030 कॉमनवेल्थ खेलों की दावेदारी का वह समर्थन नहीं करेगी. 2030 में राष्ट्रमंडल खेलों को सौ साल पूरे होने हैं और इस मौके को बड़े आयोजन के रूप में देखा जा रहा था. लेकिन गुरुवार को अल्बेर्टा के ऐलान ने खेलों के भविष्य को ही खतरे में डाल दिया.
राष्ट्रमंडल खेल संघ अभी ऑस्ट्रेलिया से मिले झटके से भी नहीं उबर पाया था कि यह दूसरा झटका लगा. हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य ने कहा था कि वह 2026 के कॉमनवेल्थ खेल कराने में असमर्थ है क्योंकि आयोजन का असल खर्च अनुमानित खर्च से कहीं ज्यादा बढ़ चुका है. इससे पहले 1930 में पहले राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजक रहे कनाडा के दो शहरों ओंतारियो और हैमिल्टन ने पिछले साल ही 2030 के आयोजन की दावेदारी से अपना नाम वापस ले लिया था.
वजूद ही खतरे में
इन फैसलों को बहुत से विशेषज्ञों ने खेलों के वजूद पर सवाल के रूप में देखा है. ऑस्ट्रेलिया में खेल इतिहासकार मैथ्यू क्लूगमन कहते हैं, "मुझे लगता है कि यह विनाशकारी धक्का है. इससे इन खेलों की अभी की ही नहीं बल्कि भविष्य की संभावनाओं पर भी गंभीर सवाल खड़े होते हैं.”
सबसे ज्यादा धन कमाने वाले खिलाड़ी
दुनिया के आठ सबसे धनी खिलाड़ियों ने पिछले एक साल में कुल 75,972,365,850 रुपये कमाए. इन आठ खिलाड़ियों में से एक भी महिला नहीं है और तीन फुटबॉलर हैं. फोर्ब्स पत्रिका के मुताबिक ये रहे सबसे अमीर खिलाड़ी.
फुटबॉलर क्रिस्टियनौो रोनाल्डो सऊदी अरब के क्लब अल नस्र से अनुबंध के बाद साल में सबसे ज्यादा धन कमाने वाले खिलाड़ी बन गए. उन्होंने 1 मई 2022 से 1 मई 2023 के बीच 136 मिलियन डॉलर यानी 11 अरब रुपये से ज्यादा की कमाई की.
तस्वीर: Franck Fife/AFP
लियोनेल मेसी
अब तक के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर कहे जाने वाले लियोनेल मेसी ने 130 मिलियन डॉलर यानी करीब 10.6 अरब रुपये की कमाई की और वह दूसरे नंबर पर रहे.
तस्वीर: Michel Euler/AP/dpa/picture alliance
कीलियान एम्बापे
2022-23 में एम्बापे की कुल कमाई रही 12 करोड़ डॉलर यानी लगभग 9.8 अरब रुपये. वह सबसे ज्यादा धन कमाने वालों की सूची में तीसरे नंबर पर हैं.
तस्वीर: Andreas Schaad/AP/picture alliance
लेब्रोन जेम्स
अमेरिकी प्रोफेशनल बास्केट बॉल खिलाड़ी लेब्रोन जेम्स ने मई 2022 से मई 2023 के बीच लगभग उतने ही रुपये कमाए जितने एम्बापे ने कमाए और वह चौथे नंबर पर हैं.
तस्वीर: Mark J. Terrill/AP Photo/picture alliance
कनेलो एवारेज
मेक्सिको के प्रोफेशनल बॉक्सर एवारेज इस सूची में पांचवें नंबर पर हैं. उनकी कुल कमाई रही 11 करोड़ अमेरिकी डॉलर यानी लगभग 8.9 अरब रुपये.
तस्वीर: John Locher/AP/picture alliance
डस्टिन जॉनसन
छठे नंबर पर रहे अमेरिकी प्रोफेशनल गॉल्फर डस्टिन जॉनसन, जिन्होंने इस साल 10.7 करोड़ डॉलर यानी करीब 8.75 अरब रुपये की कमाई की.
तस्वीर: Kyodo/picture alliance
फिल मिकलसन
सूची में जगह बनाने वालों में एक और गॉल्फर हैं अमेरिका के फिल मिकलसन जिन्होंने 10.6 करोड़ डॉलर यानी लगभग 8.66 अरब रुपये कमाए.
तस्वीर: Peter Foley/UPI Photo/Newscom/picture alliance
स्टीफन करी
जिन खिलाड़ियों ने इस साल 10 करोड़ डॉलर से ज्यादा की कमाई की है, उनमें आखिरी हैं अमेरिकी बास्केट बॉल खिलाड़ी स्टीफन करी. उन्होंने कुल 10 करोड़ डॉलर यानी लगभग 8.1 अरब डॉलर कमाए हैं.
तस्वीर: Steven Senne/AP/picture alliance
सबसे अमीर महिला खिलाड़ी
जापान की टेनिस खिलाड़ी नेओमी ओसाका महिलाओं में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली खिलाड़ी हैं. लेकिन उनकी कमाई 5.11 करोड़ डॉलर यानी करीब 4.2 अरब रुपये रही, जो रोनाल्डो के आधे से भी कम है.
विक्टोरिया ने बढ़ते खर्च के कारण आयोजन से कदम पीछे खींचे थे. कॉमनवेल्थ स्पोर्ट कनाडा का कहना है कि इसी फैसले ने अल्बेर्टा को भी प्रभावित किया. कनाडा में मार्किटिंग कंपनी कॉस्मोस स्पोर्ट्स एंड एंटरटेनमेंट के अध्यक्ष कैरी कैपलान कहते हैं, "अब तक सबसे बड़ी वजह तो पैसा ही है. किसी भी देश में कॉमनवेल्थ खेल कराने का खर्च अच्छा-खासा हो जाता है. कोविड से उबरते हुए ऐसे खेलों को क्षेत्रीय या राष्ट्रीय स्तर पर भी समर्थन दे पाना पहले से कहीं ज्यादा महंगा है, जो कि बहुत दुख की बात है. लोगों में भी बड़े अंतरराष्ट्रीय खेलों के लिए उत्सुकता पहले से कम है और राजनेता भी इसे लेकर उदासीन हैं.”
दुनियाभर में खेलों के आयोजन लगातार बढ़ रहे हैं. हर जगह आयोजक इस विशाल अर्थव्यवस्था का एक हिस्सा पाने को बेकरार हैं. और लंबे समय तक चलने वाले आयोजनों के लिए इतने दिनों तक लगातार दर्शकों को उत्साहित रख पाना मुश्किल हो रहा है.
यूरोपीयन खेलों जैसे अंतरमहाद्वीपीय आयोजनों के लिए भी मुश्किलें बढ़ रही हैं, जो ओलंपिक खेलों के लिए क्वॉलिफायर होते हैं. क्लूगमन कहते हैं, "यह तो स्पष्ट है कि कॉमनवेल्थ खेलों की अहमियत कम हो रही है, खासकर अंग्रेजी भाषी देशों में जैसे कि कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन.”
पैसे का संकट
अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में आय का सबसे बड़ा साधन होते हैं टीवी अधिकार. लेकिन वर्ल्ड कप या ओलंपिक खेलों की तुलना में कॉमनवेल्थ खेलों का रेट बहुत कम है. इससे राष्ट्रीय और प्रांतीय सरकारों को बजट घाटा झेलना पड़ता है.
"रिटायर" नहीं हुए ये सूमो पहलवान
जापान के पूर्व सूमो पहलवान ऐसे पर्यटकों का मनोरंजन कर रहे हैं जो विदेश से उनके यहां घूमने के लिए आते हैं. पर्यटक इन सूमो पहलवानों के साथ हाथ भी आजमाते हैं.
तस्वीर: ISSEI KATO/REUTERS
फिर दंगल में पूर्व सूमो पहलवान
पूर्व सूमो पहलवान कुतोहतोरी और टोवानोयामा दो मशहूर पहलवान हैं. दोनों ने दशकों तक विश्व मंच पर देश का प्रतिनिधित्व किया है. सफल करियर के बाद रिटायर होने के बाद वे अब नई भूमिकाओं में नजर आ रहे हैं.
तस्वीर: ISSEI KATO/REUTERS
मनोरंजन करते पूर्व सूमो पहलवान
इस बार वे पहले की तरह प्रतियोगिता जीतने की कोशिश नहीं कर रहे हैं बल्कि कोरोना के बाद पर्यटकों को आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं. वे टोक्यो में स्थित एक रेस्तरां के सूमो रिंग में दर्शकों का मनोरंजन करते हैं.
तस्वीर: ISSEI KATO/REUTERS
उम्र बढ़ी लेकिन जज्बा कायम
कुतोहतोरी 40 साल के हैं और टोवानोयामा 45 साल के हैं. दोनों पेशेवर पहलवानी से रिटायर हो चुके हैं लेकिन वे पहलवानी के गुर नहीं भूले हैं.
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पर्यटकों को खुश करने की एक कोशिश
दोनों पहलवानों ने दशकों तक कुश्ती लड़ी है. लेकिन अब वे विदेशी पर्यटकों का मनोरंजन करते हैं. अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के पर्यटक सूमो थीम वाले रेस्तरां में इस खास आयोजन को देखने के लिए पहुंचते हैं.
तस्वीर: ISSEI KATO/REUTERS
पर्यटकों की लंबी कतार
टोक्यो में पर्यटकों के मनोरंजन के लिए एक सूमो थीम वाला रेस्तरां खुला है. इस रेस्तरां का नाम योकोजुना तोंकात्सु दोसुकोई तनाका है.
तस्वीर: ISSEI KATO/REUTERS
पर्यटक भी करते हैं पहलवानी
ऐसा नहीं है कि ये दोनों पहलवान सिर्फ अपनी पहलवानी दिखाते हैं. छोटे बच्चे और बड़े लोग भी इन पहलवानों के साथ पहलवानी कर अपना मनोरंजन कर सकते हैं.
तस्वीर: ISSEI KATO/REUTERS
सूमो पहलवान के सामने बच्चे
ऑस्ट्रेलिया का यह नौ साल का बच्चा सूमो पहलवानों को देखकर काफी उत्साहित है. वह एक पहलवान को अपने दोनों हाथों से धकेलने की कोशिश करता नजर आ रहा है.
तस्वीर: ISSEI KATO/REUTERS
एक यादगार पल
दो मशहूर पहलवानों के साथ तस्वीरें खिंचवाने का मौका कौन चूकना चाहेगा. इस अमेरिकी पर्यटक ने दोनों पहलवानों के बीच खड़े होकर फोटो निकलवाने का मौका नहीं गंवाया.
तस्वीर: ISSEI KATO/REUTERS
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आयोजकों ने 2022 के बर्मिंगम कॉमनवेल्थ खेलों को बहुत बड़ी सफलता बताया था. उसके 14 लाख टिकट बिके थे. लेकिन पेरिस ओलंपिक खेल टिकटों के मामले में उनसे कहीं ज्यादा आगे निकल सकते हैं. आयोजकों को उम्मीद है कि वे एक करोड़ टिकट बेच पाएंगे.
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति में लंबे समय तक मार्किटिंग के लिए जिम्मेदार रहे और अब बतौर मीडिया रणनीतिकार काम कर रहे माइक पाएन राष्ट्रमंडल खेलों के बारे में कहते हैं, "उनके सामने भी मार्किटिंग सबसे बड़ी चुनौती है. उनके पास ऐसे बड़े बाजार नहीं हैं, जहां से टीवी अधिकारों के जरिये पैसा कमाया जा सके. उनके पास बस कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूके जैसे बाजार हैं जबकि ओलंपिक खेलों के पास कहीं ज्यादा बड़े बाजार हैं.”
फिर भी, पाएन नहीं मानते कि कॉमनवेल्थ खेलों का अंत नजदीक है. वह कहते हैं, "बर्मिंगम खेल बहुत सफल रहे थे. इसलिए यह कहना कि अंत हो गया है, थोड़ी जल्दबाजी होगी. जब खेल चल रहे होते हैं तो वे ब्रिटेन, कनाडा या ऑस्ट्रेलिया में टीवी के सफल प्रोग्राम होते हैं.”
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प्रासंगिकता का सवाल
कैपलान कहते हैं कि कनाडा में प्रसारकों और स्पॉन्सरों की प्रतिक्रिया बहुत ढीली थी. उन्होंने बताया, "महारानी एलिजाबेथ की मौत के बाद राष्ट्रमंडल की प्रासंगिकता घट रही है. नतीजतन खेलों की प्रासंगिकता भी घटेगी, अगर आयोजक आने वाले सालों में मार्किटिंग और ब्रैंडिंग को लेकर ज्यादा मेहनत नहीं करते हैं, तो. कनाडा में मैंने इस बारे में ज्यादा बातचीत होते नहीं देखी है कि यह आयोजन कितना महत्वपूर्ण है. और जिस तरह हाल ही में नाम वापस लिये जा रहे हैं, वह तो खतरे की घंटी है.”
मिलिए 2023 फीफा महिला विश्व कप की सुपर मॉम खिलाड़ियों से
वह सिर्फ फुटबॉल खिलाड़ी नहीं हैं, वह अपने मुश्किल प्रोफेशनल करियर और प्रेगनेंसी और बच्चे पालने के बीच संतुलन बनाती महिलायें हैं. जानिये कौन कौन हैं फीफा महिला विश्व कप में खेलने वाली सुपर मॉम फुटबॉल खिलाड़ी.
34 साल की ऐलेक्स मॉर्गन सबसे बड़ी स्टार खिलाड़ियों में से हैं. वो दो विश्व कप और एक ओलंपिक गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं. उन्होंने 2020 में अपनी बेटी एलेना को जन्म दिया. मॉर्गेन ने एलए टाइम्स को बताया, "मुझे हर रोज सॉकर खेलने से प्रेम है, लेकिन अब मैं सिर्फ अपने लिए नहीं खेलती हूं. मुझे नहीं पता कि मैं एक खिलाड़ी के रूप में बदल गई हूं या नहीं. मुझे बस यह लगता है कि मैं पहले से ज्यादा विकसित हो गई हूं."
तस्वीर: Stan Szeto/newscom/picture alliance
कोन्या प्लमर, जमैका
2019 में जब जमैका की राष्ट्रीय टीम "रेगे गर्ल्स" ने पहली बार विश्व कप के लिए क्वालीफाई किया था तब प्लमर ही टीम की कप्तान थीं. अब वो एक बेटे की मां हैं और पहले से ज्यादा जिम्मेदारी के साथ लौट रही हैं. वो कहती हैं, "मुझे लगता है पूरी दुनिया में युवा लड़कियों और सभी लोगों के लिए यह जरूरी है कि वो यह सुनिश्चित करें कि आप अपना परिवार शुरू कर सकती हैं और उसके बाद भी खेलने वापस आ सकती हैं."
तस्वीर: Stina Stjernkvist/TT/picture alliance
अमल माजरी, फ्रांस
30 साल की माजरी फ्रांस की टीम में इकलौती मां हैं और अप्रैल 2023 में वो अपनी नौ महीनों की बेटी, मरियम, को टीम के ट्रेनिंग सेंटर में ले गई थी. उनका उनके कोच हर्वे रेनार्द ने दिल से स्वागत किया. माजरी कहती हैं, "कोच खिलाड़ियों में मातृत्व के विषय पर वाकई ध्यान देते हैं और काफी जानकारी रखते हैं. हम इस बारे में बहुत बातें करते हैं कि सबके लिए सबसे अच्छा इंतजाम क्या हो सकता है."
तस्वीर: Paul Terry/ZUMA/picture alliance
चेना मैथ्यूस, जमैका
जमैका ने जब 2019 में अपना पहला विश्व कप खेला, तब फॉरवर्ड खिलाड़ी मैथ्यूस दो बेटों की मां के रूप में खेली थीं. इस बार उनकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है. 2022 में उन्होंने एक और बेटे को जन्म दिया. फीफा ने एक बार उनको जमैका की 'सुपर मॉम' कहा था. मैथ्यूस बस अपनी टीम को वो नतीजे हासिल करने में मदद करना चाहती हैं जो उनके आगे बढ़ने के लिए जरूरी है.
तस्वीर: Lynn Pennington/ZUMA/picture alliance
जूली अर्ट्ज, अमेरिका
31 साल की जूली अर्ट्ज उस अमेरिकी टीम का हिस्सा हैं जो 2015 और 2019 में दो बार विश्व कप जीतने के बाद इस बार हैट्रिक हासिल करना चाह रही है. अर्ट्ज ने अपने बेटे मैडेन मैथ्यू को अगस्त 2022 में जन्म दिया और एक साल से भी कम में वो मैदान में ही नहीं बल्कि सबसे बड़े मंच पर वापस लौट रही हैं. वो कहती हैं, "एक कदम दूर लेने और एक नए दृष्टिकोण से देखने से मुझे नई कर्मशक्ति मिली है."
वानीना कोर्रिया अर्जेंटीना की कप्तान हैं और वो अपना चौथा विश्व कप खेलने वाली हैं. 2019 में फ्रांस में हुए विश्व कप से पहले ही उन्होंने लूना और रोमियो नाम के जुड़वां बच्चों को जन्म दिया और टीम में पहली मां बनीं. अर्जेंटीना में महिलाओं का फुटबॉल पुरुषों के फुटबॉल जितना बड़ा नहीं है, इसलिए कोर्रिया फुटबॉल खेलने के साथ साथ 'विला गोबरनादोर' नगरपालिका में कैशियर की नौकरी भी करती हैं.
तस्वीर: Richard Sellers/empics/picture alliance
क्रिस्टल डुन, अमेरिका
अभी तक डुन के करियर का सबसे बड़ा लम्हा था 2019 में विश्व कप जीतना. मई 2022 में उन्होंने अपने बच्चे मार्सेल जीन को जन्म दिया. जन्म देने से पहले वो सात महीने की गर्भवती होने तक अपने क्लब पोर्टलैंड थॉर्न्स के साथ खेल रही थीं. उस समय उन्होंने कहा था, "इसने मुझे वापस लौटने के लिए और बेहतरीन व्यक्ति और बेहतरीन खिलाड़ी बनने के लिए नई प्रेरणा दी है."
तस्वीर: Stan Szeto/newscom/picture alliance
मेलनी लुपोल्ज, जर्मनी
एक खिलाड़ी के रूप में लुपोल्ज के लिए यह तीसरा विश्व कप होगा, लेकिन अपने नौ महीने के बेटे की मां के रूप में पहला होगा. उन्होंने डीडब्ल्यू को बताया, "स्पष्ट रूप से यह एक चुनौती है, और यह मुश्किल है, लेकिन यह अच्छी बात है कि मैं दोनों को मिला सकती हूं. मुझे मालूम था कि मां बनना मेरे करियर के लिए जोखिम खड़ा कर सकता है, लेकिन यह अद्भुत है कि सही समर्थन के साथ मैं यह कर सकती हूं." (लोलादे आदेवूयी)
हाल के सालों में राष्ट्रमंडल खेलों की अवधारणा को लेकर भी विवादित सवाल उठे हैं और यह भावना बढ़ी है कि महारानी एलिजाबेथ के बाद इनका कोई औचित्य नहीं रह गया है. हालांकि क्लूगमन कहते हैं कि छोटे देशों के लिए ये खेल आज भी बहुत अहमियत रखते हैं.
वह कहते हैं, "अमीर देश, जिन्होंने साम्राज्यवाद से खूब लाभ उठाया, वे संभवतया अब इन खेलों को खत्म करना चाहते हैं, जिनका उन गरीब देशों के लिए महत्व है जिन्हें लूटा गया. ये खेल उन बहुत से तरीकों में से हो सकते हैं, जिनके जरिये साम्राज्वादियों द्वारा लूटे गये धन का दोबारा बंटवारा हो सके.”