यूरोप को बड़ी उम्मीद मानते थे अलफ्रेड ग्रोसर
११ नवम्बर २०१८Grosser: 'Greatest hope is a genuine Europe' (2018)
सिनेमा के पर्दे पर पहला विश्व युद्ध
सिनेमा के पर्दे पर पहला विश्व युद्ध
1927 में ऑस्कर जीतने वाली मूक फिल्म से लेकर 2011 तक के स्टीवन स्पीलबर्ग के ब्लॉकबस्टर तक पहले विश्वयुद्ध ने सिनेमा के पर्दे पर अपनी छाप छोड़ी है.
खामोश विजेता
1927 में बनी "विंग्स" ऑस्कर जीतने वाली इकलौती मूक फिल्म है. अमेरिकी फिल्म को विलियम ए वेलमैन ने निर्देशित किया था और यह दो लड़ाकू विमान के पायलटों की दास्तान है. गैरी कूपर ने इसी फिल्म के साथ हॉलीवुड में कदम रखा.
भ्रमजाल से मुक्त नायक
1930 में बनी "ऑल क्वाइट ऑन वेस्टर्न फ्रंट" जंग का विरोध करने वाली अमेरिकी फिल्म थी. लुइस माइलस्टोन निर्देशित फिल्म की कहानी एरिष मारिया रेमार्क की एक किताब पर है. यह कम उम्र के लड़कों के जंग में जाने और उसके बाद उनका भ्रम टूटने के बारे में है.
असल जिंदगी में जीत
अमेरिकी निर्देशक हॉवर्ड हॉक्स ने 1941 में "सार्जेंट योर्क" बनाई थी. यह आल्विन यॉर्क नाम के एक लड़के की असल जिंदगी पर आधारित है जो अपनी शानदार निशानेबाजी के दम पर हीरो बन जाता है. योर्क की भूमिका गैरी कूपर ने निभाई और उन्हें इसके लिए ऑस्कर भी मिला.
सैनिक विद्रोह
स्टैनली कुब्रिक ने 1957 में आई अमेरिकी फिल्म "पाथ्स ऑफ ग्लोरी" का निर्देशन किया. फिल्म में किर्क डगलस ने अभिनय किया है. यह जंग की निरर्थकता और फ्रेंच आर्मी की एक यूनिट में विद्रोह को दिखाती है. कुछ आलोचकों का कहना है कि यह अब तक की सबसे बेहतरीन युद्ध विरोधी फिल्म है.
सिनेमाई किंवदंती
1962 में बनी ब्रिटिश फिल्म "लॉरेंस ऑफ अरेबिया" को अब तक बनी सबसे प्रभावशाली फिल्मों में से माना जाता है. डेविड लीन के निर्देशन में बनी फिल्म का निर्देशन पीटर ओ टूल ने किया है. फिल्म फ्रांस और ब्रिटेन की अरब लोगों को तुर्की के शासन के खिलाफ भड़काने की योजना के बारे में है.
अकेली तस्वीर
जंग की कोशिशों को 1981 में बनी फिल्म "गल्लीपोली" में दिखाया गया. पीटर वायर ने इसका निर्देशन किया. फिल्म में युवा मेल गिब्सन ने अभिनय किया है. फिल्म ऑस्ट्रेलियाई लोगों के तुर्की से जंग में लड़ने जाने के बारे में बताती है. इस युद्ध में ओटोमन साम्राज्य के खिलाफ लड़ाई में ऑस्ट्रेलिया ने भारी नुकसान उठाया.
...सब जायज
1996 में बनी रोमांटिक अमेरिकी फिल्म "इन लव एंड वार" को रिचर्ड एटेनबरो ने निर्देशित किया. यह विश्व युद्ध के दौरान इटली में एंबुलेंस ड्राइवर के रूप में एर्न्स्ट हेमिंग्वे के अनुभवों को दिखाती है. हेमिंग्वे की भूमिका क्रिस ओ डोनेल ने निभाई. इसमें हेमिंग्वे को एक अस्पताल की नर्स से प्यार होते दिखाया गया जिसकी भूमिका सांड्रा बुलॉक ने निभाई थी.
एक खामोश रात
यूरोपीय सहयोग से 2005 में बनी फिल्म "जॉये नोएल" में 1914 के क्रिसमस के मौके पर फ्रेंच, स्कॉटिश और जर्मन सैनिकों के बीच हुए युद्धविराम को दिखाया गया. एक दिन के लिए सैनिकों ने अपने हथियार रख दिए और बंकरों से निकल कर एक दूसरे के खिलाफ फुटबॉल खेला. डैनियल ब्रुल और डायान क्रुगर ऑस्कर और गोल्डेन ग्लोब के लिए नामांकित थे.
लाल खतरा
जर्मन पायलट मानफ्रेड फॉन रिष्टहोफेन की कहानी को 2008 में बनी जर्मन फिल्म "रेड बैरन" ने बखूबी दिखाया. इसमें मानफ्रेड की भूमिका मथियास श्वाइगहोएफर ने निभाई थी. निर्देशक थे निकोलाइ मुलरशोन. फिल्म को अंतरराष्ट्रीय बाजार मिले इसके लिए इसे अंग्रेजी में बनाया गया.
बच्चों की किताब
स्टीवन स्पीलबर्ग ने विश्वयुद्ध पर 2011 में "वार हॉर्स" बनाया. इस अमेरिकी फिल्म में एक बच्चे अल्बर्ट और उसके घोड़े जोए की दोस्ती दिखाई गई है. जोए को जब घुड़सवार दस्ते को बेच दिया जाता है तो अलबर्ट अपनी मर्जी से पहले विश्व युद्ध में शामिल हो जाता है. फिर उसे यूरोप में एक देश से दूसरे देश भेजा जाता है.