दुनिया भर में कॉफी पीने वालों के अपने अलग अंदाज हैं. कॉफी के बीजों को ब्रू करने के लिए अलग अलग तरीके आजमाये जाते हैं. लंदन में रहने वाले एक फोटोग्राफर ने कॉफी से जुड़े ऐसे तमाम रिवाजों को एक कॉफी टेबल बुक में दर्ज किया.
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All for a good cup of Java
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कॉफी बनाना कितना आसान है ना. चाय की तरह उबालने छानने का झंझट नहीं, बस दूध और पानी गर्म किया और मिला दी कॉफी चम्मच से. दरसल आपको इंस्टैंट कॉफी की आदत है, असल कॉफी बनाने में तो खूब मशक्कत लगती है.
कितनी तरह की कॉफी के बारे में जानते हैं आप?
कॉफी बनाना कितना आसान है ना. चाय की तरह उबालने छानने का झंझट नहीं, बस दूध और पानी गर्म किया और मिला दी कॉफी चम्मच से. दरसल आपको इंस्टैंट कॉफी की आदत है, असल कॉफी बनाने में तो खूब मशक्कत लगती है.
तस्वीर: DW
फिल्टर कॉफी
दक्षिण भारत की मशहूर फिल्टर कॉफी को तो सब जानते हैं. नेसकैफे जैसी इंस्टैंट कॉफी से अलग इसे चाय की तरह छान कर ही पकाया जाता है. ढेर सारा पानी और थोड़ा सा दूध, चाय की ही तरह. हालांकि पश्चिमी देशों में दूध को कॉफी के साथ पकाया नहीं जाता.
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एस्प्रेसो
इसमें कॉफी और पानी के अलावा और कुछ भी नहीं. लेकिन इसे बनाने के लिए एस्प्रेसो मशीन की जरूरत पड़ती है. छोटे से कप में महज दो घूंट कॉफी होती है जो कि बेहद गाढ़ी होती है. कई अलग अलग तरह की कॉफी बनाने में इसे बेस की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है.
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कैपुचिनो
एस्प्रेसो में गर्म दूध और ऊपर ढेर सारी फोम यानी झाग, बन गई कैपुचिनो. अक्सर इसके ऊपर कोको पाउडर भी छिड़का जाता है. कई बार कैफे अपने अलग अलग अंदाज में इस पर डिजायन भी बनाते हैं.
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लाटे
कैपुचिनो में थोड़ा और दूध मिलाइए, तो बनती है लाटे. इतावली शब्द लाटे का मतलब होता है दूध. इस लिहाज से यह दूध वाली कॉफी है. एक हिस्सा एस्प्रेसो और दो हिस्से दूध मिलाए जाते हैं. इसे एल लंबे ग्लास में सर्व किया जाता है.
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माकियाटो
लाटे और माकियाटो के बीच अंतर कला का है. लाटे में एस्प्रेसो के ऊपर दूध डाल कर उसे चम्मच से मिला दिया जाता है, जबकि माकियाटो में दूध के ग्लास में एस्प्रेसो धीरे धीरे डाली जाती है और उसे परतों में ही रहने दिया जाता है. एस्प्रेसो की मात्रा भी आधी होती है.
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मॉका
यह भी लाटे का ही एक रूप है, बस इसमें चॉकलेट सिरप मिला होता है. कहीं इसे कैफे मॉका तो कहीं मॉकाचीनो भी कहा जाता है.
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अमेरिकानो
यह देखने में तो रेगुलर फिल्टर कॉफी जैसी ही लगती है लेकिन फर्क यह है कि एस्प्रेसो के एक या फिर दो शॉट में गर्म पानी मिला कर इसे बनाया जाता है. इस तरह से इसका स्वाद फिल्टर कॉफी से कुछ अलग होता है.
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आइरिश कॉफी
इस कॉफी में व्हिस्की मिली होती है. पहले प्याली में थोड़ी सी व्हिस्की, उसके ऊपर गर्मागर्म फिल्टर कॉफी और फिर ठंडी फोम. इसे कांच की प्याली में सर्व किया जाता है ताकि काली और सफेद परतें देखी जा सकें.
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फ्रैपे
जिसे हम कोल्ड कॉफी कहते हैं, उसे कई जगह फ्रैपे के नाम से पुकारा जाता है. हर देश में बनाने का अलग तरीका. कहीं ठंडे पानी में, कहीं ठंडे दूध में, तो कहीं दूध और पानी मिला कर. इसमें आइसक्रीम भी मिलाई जा सकती है.
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डीकैफ
यह फिल्टर कॉफी ही है, बस इस कॉफी में से कैफीन निकाल ली गई है. आप हर तरह की कॉफी को डीकैफ रूप में खरीद या बना सकते हैं. उम्मीद है कि अब जब आप अगली बार किसी कॉफी हाउस में जाएंगे, तो लंबी सी लिस्ट देख कर चकराएंगे नहीं.