न्यूयॉर्क टाइम्स ने दावा किया है कि एमेजॉन अपने करीब 10,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की तैयारी कर रही है. अगर ऐसा हुआ तो एमेजॉन बड़े स्तर पर नौकरियों को खत्म करने वाली टेक कंपनियों की सूची में शामिल हो जाएगी.
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अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक ये नौकरियां एमेजॉन के उपकरण विभाग, रिटेल विभाग और मानव संसाधन विभाग में जाएंगी. छंटनी किन देशों में होगी यह नहीं बताया गया. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि नौकरी से हटाए जाने वालों की संख्या बदल सकती है, लेकिन अगर संख्या यही रही तो यह कंपनी के 28 साल के इतिहास में सबसे बड़ी छंटनी होगी.
एमेजॉन से इस रिपोर्ट पर टिप्पणी के लिए संपर्क किया गया था, लेकिन कंपनी ने तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. यह संख्या एमेजॉन समूह में काम करने वाले कर्मचारियों की कुल संख्या के एक प्रतिशत से थोड़ा कम है. सितंबर के अंत तक के आंकड़ों के मुताबिक एमेजॉन के लिए पूरी दुनिया में 15.4 लाख लोग काम करते हैं.
मंदी की आहट?
इनमें उन कर्मियों को नहीं गिना गया है जिन्हें क्रिसमस की छुट्टियों जैसे समय पर अस्थायी रूप से नौकरी पर रखा जाता है. अगर यह छंटनी होती है, तो यह भर्ती के एक आक्रामक दौर के ठीक बाद आएगी.
घर से नौकरी के मॉडल ने बदला सब कुछ
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कोरोना वायरस महामारी के दौरान घरों में बंद लोगों ने काफी ऑनलाइन खरीदारी की जिससे एमेजॉन का व्यापार काफी फला-फूला. इसे देखते हुए कंपनी ने कई लोगों को नौकरी पर रखा. 2020 की पहली तिमाही के मुकाबले उसने अपने कर्मचारियों की संख्या को दोगुना कर लिया. दो सालों में उसने संख्या को बढ़ा कर 16.2 लाख कर लिया.
लेकिन अर्थव्यवस्था के कमजोर होने के साथ साथ कंपनी ने दो सप्ताह पहले ही नई भर्तियों पर रोक लगा दी. इसी साल की शुरुआत के समय की तुलना में उसके कर्मचारियों की संख्या पहले से ही गिर चुकी है.
टेक क्षेत्र इस समय नौकरियों के जाने की खबरों से भरा हुआ है. पिछले सप्ताह फेसबुक की मालिकाना कंपनी मेटा ने बताया कि वो करीब 11,000 लोगों को नौकरी से निकालेगी. यह संख्या उसके कर्मचारियों की कुल संख्या का करीब 13 प्रतिशत है.
ऑनलाइन पेमेंट कंपनी स्ट्राइप और टैक्सी बुक करने वाली ऐप लिफ्ट ने भी बड़ी संख्या में लोगों को नौकरी से निकाला. इलॉन मस्क द्वारा खरीदे जाने के बाद ट्विटर ने भी अपने आधे कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था.
सीके/एए (एएफपी)
क्या कहती है भारत में नौकरियों पर आई एक नई रिपोर्ट
इंडिया स्किल्स रिपोर्ट 2020 में दावा किया गया है कि भारत के युवाओं की नौकरी पाने के लिए योग्यता में पिछले चार सालों से बढ़ोतरी नहीं हुई है. कई और दावे कर रही है सीआईआई और संयुक्त राष्ट्र की मदद से बनाई गई यह नई रिपोर्ट.
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योग्यता में विकास नहीं
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले चार सालों से भारत के युवाओं की 'एम्प्लॉयबिलिटी' यानी नौकरी हासिल करने की योग्यता में कोई विकास नहीं हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक यह आंकड़ा तीन साल से 46 प्रतिशत के आस पास ही घूम रहा है. रिपोर्ट को व्हीबॉक्स और टैग्ड नाम की निजी कंपनियों ने सीआईआई, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम और भारत में तकनीकी शिक्षा की नियामक संस्था एआईसीटीई के साथ साझेदारी में बनाया है.
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महिलाएं पुरुषों से ज्यादा योग्य
नौकरी के लायक होने के मोर्चे पर पुरुषों और महिलाओं की तस्वीर बिलकुल पलट गई है. 2018 के मुकाबले 2019 और 2020 में महिलाओं ने 'एम्प्लॉयबिलिटी' में पुरुषों को पीछे छोड़ दिया. 2018 में पुरुषों का स्कोर 48 प्रतिशत और महिलाओं का 46 प्रतिशत था, लेकिन 2020 में पुरुषों का स्कोर घट कर 45.91 प्रतिशत पर और महिलाओं का स्कोर बढ़ कर 46.8 प्रतिशत पर चला गया. 2019 में महिलाओं का स्कोर 47 प्रतिशत पर पहुंच गया था.
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लेकिन नौकरी देने वालों की मानसिकता वही
कंपनियों से लोगों को भर्ती करने के उनके इरादों में पूछने पर पता चला कि वो अभी भी महिलाओं के मुकाबले कहीं ज्यादा बड़ी संख्या में पुरुषों को भर्ती करने का इरादा रखती हैं. 2020 में 'हायरिंग इंटेंट' का पुरुषों और महिलाओं का अनुपात 71:29 था. शायद इसीलिए नौकरी करने वाले लोगों की कुल आबादी में 64 प्रतिशत पुरुष हैं और सिर्फ 36 प्रतिशत महिलाएं.
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बी.टेक और एमबीए सबसे सफल रास्ता
बी.टेक और एमबीए करने वाले युवाओं को सबसे ज्यादा नौकरी पाने के लायक बताया गया है. 2019 में पहले स्थान पर एमबीए था और 2018 में बी.टेक. बी.फार्मा, बी.कॉम और बीए करने वालों की योग्यता में बढ़ोतरी हुई है.
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किस राज्य में हैं सबसे योग्य उम्मीदवार
महाराष्ट्र, तमिल नाडु और उत्तर प्रदेश के उम्मीदवारों को बाकी राज्यों के लोगों की तुलना में ज्यादा योग्य पाया गया है. शहरों में मुंबई, हैदराबाद और पुणे बाकी शहरों से आगे हैं.
तस्वीर: Reuters/D. Siddiqui
कहां मिल सकती हैं सबसे ज्यादा नौकरियां
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2021 में बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में सबसे ज्यादा लोगों को नौकरी पर रखा जाएगा. इसके बाद नंबर स्वास्थ्य क्षेत्र, ऑटो, रिटेल, लॉजिस्टिक्स और फिर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों का है. दिल्ली-एनसीआर इलाके में सबसे ज्यादा नौकरियां मिलेंगी. उसके बाद नंबर है कर्नाटक और महाराष्ट्र का.