कैपिटल हिल हमले में अब तक की सबसे कड़ी सजा
६ सितम्बर २०२३वॉशिंगटन में चल रही सुनवाई के बाद जज ने प्राउड बॉयज के पूर्व हेड एनरिके टैरियो को 22 साल जेल की सजा सुनाई. अभियोजन पक्ष ने कोर्ट से एनरिके टैरियो को 33 साल की सजा सुनाने की मांग की थी. सजा भले ही इस मांग के मुताबिक न दी गई हो, लेकिन कैपिटल हिल हमले में यह अब तक का सबसे कड़ा दंड है. इससे पहले इसी मामले के दो अन्य दोषियों को 18-18 साल जेल की सजा सुनाई गई थी.
अपने लोकतंत्र पर अब चिंतित हैं अमेरिकी
टैरियो के एक वकील ने जज से दरख्वास्त करते हुए कहा कि उनका 39 साल का मुवक्किल एक "भटका हुआ देशभक्त" है, जिसे "लगा कि वह अपने देश को बचा रहा है, गणतंत्र की रक्षा कर रहा है."
जज ने बचाव पक्ष की इस दलील को खारिज कर दिया. यूएस डिस्ट्रिक्ट जज टिमोथी केली ने माना कि टैरियो के कदम, आतंकवाद की प्रचलित परिभाषा में फिट नहीं बैठते हैं, लेकिन इनमें अभियोजन पक्ष के मुताबिक थोड़ा बदलाव किया जाना चाहिए.
क्या है कैपिटल हिल हमला
अमेरिकी संसद और उसके आस पास के इलाके को कैपिटल हिल कहा जाता है. अमेरिका में 2020 में हुए राष्ट्रपति चुनावों में रिपब्लिकन नेता और तत्कालीन राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की हार हुई. उन्हें डेमोक्रैट उम्मीदवार जो बाइडेन ने हरा दिया. ट्रंप ने चुनाव को नतीजों में धांधली का आरोप लगाते हुए अपने समर्थकों से एकजुट होने की अपील की. छह जनवरी 2021 में बड़ी संख्या में लोग जमा हुए और उन्होंने अमेरिकी संसद पर धावा बोल दिया. आरोप हैं कि ये सब ट्रंप के उकसाने वाले बयान के बाद हुआ.
संसद परिसर में उस वक्त कई अहम नेता मौजूद थे. सुरक्षाकर्मी उन्हें किसी तरह सुरक्षित बाहर निकालने में सफल हुए. संसद पर धावा बोलने वालों में उग्र दक्षिणपंथी उग्रवादी संगठन प्राउड बॉयज के लोग भी अच्छी खासी संख्या में थे. एफबीआई की जांच में पता चला कि प्राउड बॉयज के उग्रवादी बैरिकेड तोड़ने जरूरी साजोसामान के साथ कैपिटल हिल पहुंचे थे. सुरक्षा घेरे तोड़ने में उन्होंने अहम भूमिक निभाई. संसद पर हुए उस हमले में 140 पुलिसकर्मी घायल हुए.
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इस हमले को लेकर 1,100 से ज्यादा लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई चल रही है. चुनाव के नतीजों को पलटने की कोशिश के आरोप में ट्रंप के खिलाफ मार्च 2024 में सुनवाई शुरू होगी.
सुनवाई में क्या सामने आया
बचाव पक्ष के मुताबिक कैपिटल हिल हमले के दिन टैरियो वॉशिंगटन में मौजूद ही नहीं थे. इसे आधार बनाते हुए भी कोर्ट से टैरियो के प्रति नर्म रुख अपनाने की गई. टैरियो ने अदालत से कहा, "नुकसान पहुंचाना और चुनाव के नतीजों को बदलना मेरा लक्ष्य नहीं था."
इसके जवाब में अभियोजन पक्ष ने कहा कि टैरियो ने "एक सिपाही के बजाए जनरल की भूमिका निभाई." अभियोजन पक्ष के मुताबिक, "अन्य लोगों के साथ मार्च में टैरियो के शामिल न होने के पीछे सिर्फ एक कारण था, वह ये कि, उसे वॉशिंगटन डीसी पहुंचते ही गिरफ्तार कर लिया गया था और अदालत ने उसे डिस्ट्रिक्ट से बाहर रहने का आदेश दिया था."
कड़ी सजा की मांग करते हुए अभियोजन पक्ष ने कहा कि बहुत तगड़ा प्रोपेगंडा करने वाले टैरियो ने एक दंगाई की तुलना में कहीं ज्यादा नुकसान पहुंचाया और यह बात सजा में झलकनी चाहिए. लोकतांत्रिक मूल्यों का हवाला देते हुए प्रॉसेक्यूटर कॉनर मलरॉय ने कोर्ट से कहा, "अगर कोई 2024, 2028 और 2032 या फिर उसके बाद के चुनाव नतीजों से नाखुश रहता है तो हमें उन्हें इसके परिणाम साफ तौर पर दिखाने की जरूरत है." मलरॉय ने टैरियो के कदमों को, "आतंकवाद का नपे तुले कदम" कहा.
फैसला सुनाते हुए जज कैली ने कहा, "उस दिन ने शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता सौंपने की हमारी अखंड परंपरा को तोड़ दिया."
ओएसजे/एसबी (एपी, एएफपी, रॉयटर्स)